फरीदाबाद- 25.05.25-कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने देवर्षि नारद जयंती समारोह की बधाई देते हुए कहा कि वे ब्रह्मांड के प्रथम पत्रकार थे और लोकहित में सर्वप्रथम नारदजी से ही संवाद की विधा शुरु हुई। हमारे सामने नारद जी की चरित्र सत्यता पर अडिग रहने वाले पात्र के रुप में है,जोकि प्रेरणादायी है,लेकिन आज के समाज में यह कार्य कठिन जरुर है,मगर साथ ही इस मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। उन्होंने कहा कि हमें जो भी सूचना देनी होती है वह सत्य और तथ्य पर आधारित होनी चाहिए।गोयल रविवार को प्रदेश स्तरीय देवर्षि नारद जयंती एवं 10 वें पत्रकार सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

मुख्यातिथि ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत जिस दौर से गुजर रहा है,उसमें कोई भी ऐसा समाचार प्रचारित और प्रसारित ना करें,जिससे समाज में भ्रमित हो। उन्होंने कहा कि यह दौर सोशल मीडिया का है,इसका दायरा और भूमिका भी सरकार के साथ मिल तय करने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में सम्मानित किये गये पत्रकारों को बधाई दी और देवर्षि नारद जी का अनुसरण करने पर जोर दिया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर क्षेत्र प्रचारक जतिन कुमार ने कहा कि कोविड के समय में स्वास्थ्य और सुरक्षा कर्मियों का सम्मान हुआ। वहीं उन सभी को समाज के सामने लाने वाले पत्रकार भी सम्मान के पात्र हैं और यह कार्य विश्व संवाद केंद्र के प्रयासों से भी हुआ।

देश के प्रख्यात पत्रकार एवं न्यूज एंकर अमीश देवगण ने कहा कि इस देश में वीर सावरकर को लेकर झूठी भ्रांति फैलाई गई,जिस महान क्रांतिकारी को दो बार काले पानी की सजा हुई,उसे गद्दार बताया गया। अगर वीर सावरकर समझना है तो उनके जीवन को पढ़ना जरुरी है। हम उन सभ्यताओं से प्रेरणा लेते हैं, जो हमारे से आधी हैं,जबकि भारत की पद्धति विज्ञान आधारित है। पत्रकार के लिए पहले देश है,उसके बाद और कुछ।स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारों ने अभूतपूर्व कार्य किए थे।