मोहाली, 21 सितंबर : दिमाग की बीमारियों से जुड़ी बातों को अगर नजरअंदाज किया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, समय पर जांच कराकर बीमारी की वास्तविक स्थिति का पता लगाना जरूरी है, क्योंकि ऐसी स्थिति ब्रेन अटैक का कारण बन सकती है, यह बात जाने माने न्यूरोलॉजिस्ट डा. संदीप शर्मा ने आज यहां स्थानीय ग्रेशियन पार्क अस्पताल में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर उनके साथ न्यूरो विभाग की टीम में शामिल डॉ. गौरव धवन और लोकेश सिंह भी मौजूद रहे।

ग्रेशियन पार्क अस्पताल में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, डा. संदीप शर्मा ने कहा कि भूलने की बीमारी, चेतना की कमी, व्यवहार में अचानक बदलाव, गुस्सा, तनाव आदि मानसिक स्थिति से संबंधित हैं। जिसके इलाज के लिए आधुनिक तकनीकों ने कई उपकरण उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक या लकवा से घबराने की जरूरत नहीं है, इसका इलाज संभव है। डॉ. शर्मा ने कहा कि मस्तिष्क में रक्त के थक्कों (क्लॉट) का फ्लो डायवर्टर और मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी से सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है और स्ट्रोक के 24 घंटों के भीतर मरीज की जान बचाई जा सकती है।

उन्होंने बताया कि हाल ही में एक युवा मरीज उनके पास बदली हुई अनुभूति और सिरदर्द की शिकायत लेकर आया था, जिसके मस्तिष्क की नस को बिना किसी चीर-फाड़ के ठीक कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एक अन्य मरीज को मस्तिष्क का दौरा पड़ा था, जिसका सफलतापूर्वक इलाज कर उसे छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा कि ग्रेशियन पार्क अस्पताल ने अपने शुरुआती महीनों के दौरान बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं और कई रोगियों को पूरी तरह तंदरुस्त किया है।