चंडीगढ़, 22 फरवरी, 2023ः- श्री नवनीत पाठक जी संयोजक चंडीगढ़ ब्रांच ने
बताया कि आजादी के 75वें ‘अमृत महोत्सव’ ‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ के तहत
चंडीगढ़ में सेक्टर 42 में लेक एरिया और बाल भवन सेक्टर 23 में बने अंडर
ब्रिज की सफाई 26 फरवरी रविवार को सुबह 8 बजे से 11:30 बजे तक सैकड़ों
की संख्या निरंकारी मिशन के सेवादल व साधसंगत के सदस्य करेंगे ।

संत निरंकारी मिशन द्वारा आजादी के 75वें ‘अमृत महोत्सव’ के अवसर पर
सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन
सान्निध्य में दिनांक 26 फरवरी, दिन रविवार को ‘अमृत परियोजना के अंतर्गत
‘स्वच्छ जल स्वच्छ मन’ का शुभारम्भ किया जायेगा। इस परियोजना का मुख्य
उद्देश्य ‘जल संरक्षण’तथा इसके बचाव हेतु अपनायी जाने वाली विभिन्न
गतिविधियों की योजना बनाना एवं उन्हें क्रियान्वित रूप देना है। इस
परियोजना का मुख्य बिन्दू जल निकायों की स्वच्छता एवं स्थानीय जनता के
बीच ‘जागरूकता अभियान’ के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करना है।

बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा समाज कल्याण हेतु जीवनपर्यन्त अनेक कार्य किये
गये जिसमें स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान का आरम्भ प्रमुख है और उन्हीं
की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष संत
निरंकारी मिशन द्वारा निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के
निर्देशन में ‘अमृत परियोजन’ का आयोजन किया जा रहा है।

संत निरंकारी मिशन के सचिव आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा जी ने इस
परियोजना संबंधित विस्तृत जानकारी दी कि यह परियोजना संपूर्ण भारतवर्ष के
लगभग 1000 स्थानों के 730 शहरों, 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों
में विशाल रूप से आयोजित की जायेगी जिनमें मुख्यतः चंडीगढ़, आंध्र
प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दमन और
दीव, दिल्ली, गुजरात, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर,
झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब,
राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड,पश्चिम
बंगाल इत्यादि सम्मिलित है।

इस परियोजना में निरंकारी मिशन के करीब 1.5 लाख स्वयंसेवक अपने सहयोग
द्वारा ‘जल संरक्षण’ और ‘जल निकायों’ जैसे समुद्र तट, नदियां, झीले,
तालाब, कुएं, पोखर, जोहड, विभिन्न झरनों, पानी की टंकियों, नालियों और जल
धाराओं इत्यादि को स्वच्छ एवं निर्मल बनायेंगे। मिशन की लगभग सभी शाखाएँ
इस अभियान में सम्मिलित होंगी और आवश्यकता पड़ने पर अलग-अलग शाखाएँ भी
निर्दिष्ट क्षेत्रों में सामूहिक रूप से इन सभी गतिविधियों में अपना
योगदान देंगी