Mohali,04.01.23,भारतीय संगीत कला को समर्पित संस्कृतिक की दो प्रतिष्ठित संस्थाएं आईसीसीआर और प्राचीन कला केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में पंजाबी लोकगीतों और लोक नृत्य की रंगारंग संध्या का आयोजन प्राचीन कला केंद्र के डॉ शोभा कौसर सभागार, सेक्टर-71, मोहाली में शाम पांच बजे से किया गया।

इस कार्यक्रम में पंजाब के प्रसिद्ध कलाकार आत्मजीत सिंह की टीम ने उनके मार्गदर्शन में पंजाबी लोक संगीत के सभी रंग जैसे गिद्दा भांगड़ा, झूमर, गीत आदि प्रस्तुत किए।

एसएएस नगर के डिप्टी कमिश्नर आईएएस श्री अमित तलवार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और सीनियर सिटीजन एसोसिएशन चैप्टर 3 मोहाली के अध्यक्ष श्री प्रिंसिपल चौधरी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।

इस मौके पर केंद्र की रजिस्ट्रार डॉ. शोभा कौसर, सचिव सजल कौसर और आईसीसीआर के क्षेत्रीय सलाहकार प्रो. हरविंदर सिंह भी मौजूद थे.

कार्यक्रम की शुरुआत एक भक्ति गीत 'शुकर दाता तेरा शुक्र दाता' से हुई, इसके बाद एक लोक आर्केस्ट्रा का प्रदर्शन किया गया, जिसमें सभी लोक वाद्यों की भूमिका और जीवन से दर्शकों को परिचित कराया गया, इसके बाद लुड्डी नामक एक पंजाबी लोक नृत्य का मंचन किया गया जिसका दर्शकों ने खूब आनंद लिया। इसके उपरांत लोक गीत लम्बी धौन कसीदा कड़दी पेश किया गया। इसके बाद 50 प्लस युवकों द्वारा झूमर प्रस्तुत किया गया , जिसे दर्शकों की खूब वाहवाही भी मिली.

कार्यक्रम के अगले भाग में हमेशा से पंजाबियों का पसंदीदा लोकगीत मिर्जा प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद इस कार्यक्रम में लड़कियों के गिद्धों ने अलग-अलग रंग बिखेरे जिस से दर्शक भी झूम उठे

इसके बाद लोकप्रिय पंजाबी गीत तूड़ी तंद सौन हाड़ी वेच वटके की प्रस्तुति दी गई और इस गीत ने दर्शकों को भी झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम का अंत भांगड़ा के बिना अधूरा है इसलिए जोरदार भांगड़ा के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। दर्शकों ने इस रंग बिरंगी शाम का खूब लुत्फ उठाया।