चंडीगढ़, 30 अक्टूबर-नवोदित लेखक हरप्रीत सिंह सेखों की कविता की पहली पुस्तक चानण
आज के समाज की कठोर वास्तविकताओं को बखूबी बयान करती है और हमें उस रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती है जो अंधेरे को रोशन करता है।

यह विचार आज यहां सेक्टर-16 स्थित पंजाब कला परिषद के सभागार में पंजाब कला परिषद के सहयोग से पंजाब के सांस्कृतिक मंच (आरजे) द्वारा आयोजित समागम के दौरान व्यक्त किया गया।
इन व्यक्तित्वों ने काव्य पुस्तक के बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि हरप्रीत की कविताएं मानव जीवन की भावनाओं और दर्द की गहराइयों को छूती हैं और साथ ही पाठकों को आशा नहीं छोड़ने का मार्गदर्शन करती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के एक प्रमुख पद पर सेवा करते हुए साहित्यिक सेवा में आना लेखक के संतुलित और सूक्ष्म दृष्टिकोण को दर्शाता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गीतकार बाबू सिंह मान (मान मारघन वाला) ने इस पुस्तक के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को जीवन में नई राह बनाने के लिए अद्वितीय कौशल का चयन करना होता है और हरप्रीत अपने काम की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाते हैं। - काव्य रचना का महत्वपूर्ण कार्य कर अपने व्यक्तित्व का एक अनूठा पक्ष प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि साहित्यिक कृतियों को आम लोगों की सरल भाषा में लिखा जाना चाहिए ताकि लेखक के मन की भावनाएँ पाठक के हृदय में प्रवेश कर सकें।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और महानिदेशक स्कूल शिक्षा वरिंदर कुमार शर्मा ने कहा कि हरप्रीत सेखों ने इस पुस्तक को रचकर साहित्य की सेवा के प्रति अपना समर्पण और जुनून व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी पद पर रहते हुए कविता लिखने का कार्य बहुत चुनौतीपूर्ण है लेकिन हरप्रीत ने इस कार्य को पूरी लगन से किया है. उन्होंने कहा, "मैं पुस्तक के लेखक के प्रशासनिक पक्ष को यह भी बताना चाहूंगा कि वह अपने कर्तव्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कोरोना के कठिन समय में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और ऐसा संवेदनशील व्यक्ति एक अच्छा लेखक हो सकता है। "

पूर्व लोकसभा सदस्य प्रोफेसर साधु सिंह ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि लेखक अपनी कलम के माध्यम से सामाजिक और व्यक्तिगत कष्टों और अनुभवों को बयान करता है।

इस मौके पर विधायक गुरदित सिंह सेखों, पूर्व विधायक कुलदीप सिंह वैद, शिरोमणि गायक सुरिंदर शिंदा और मशहूर कॉमेडियन बाल मुकंद शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए.