चंडीगढ़/ मोहाली, 19 सितंबर - सन्त निरंकारी मिशन के रोशन मीनार हरभजन सिंह कोहली 17 सितम्बर को मोहाली स्थित निवास पर निरंकार प्रभु के चरणों में तोड़ निभाते हुए नश्वर शरीर त्यागकर निरंकारमयी हो गए ।

हरभजन सिंह कोहली जी ने अपना संपूर्ण जीवन सेवा, सत्संग सिमरन करते हुए तथा मिशन में विभिन्न सेवाओं को बखूबी व पूरी लग्न व निष्ठा से सतगुरु के हर शब्द को सत्य कर निभाया।

बाबा बूटा सिंह जी, बाबा अवतार सिंह जी, बाबा गुरबचन सिंह जी, बाबा हरदेव सिंह जी, माता सविंदर हरदेव जी तथा वर्तमान सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दैवीय आशीर्वादों के पात्र रहे। श्री कोहली जी ने बाबा बूटा सिंह जी से ब्रह्मज्ञान प्राप्त किया तथा एक सच्चे गुरसिख की भांति निरन्तर ताउम्र अपनी सेवाएं मिशन को देते रहे। शुरुआती दिनों में उन्होंने सेवादल की वर्दी पहनकर एक स्वयं सेवक की भांति सेवाएं दी। उन्होंने प्रारंभिक वर्षों में एक विनम्र स्वयंसेवक के रूप में संत निरंकरी सेवादल की वर्दी को गर्व से सुशोभित किया। उनकी भक्ति और अनुशासन को देखते हु उन्हें संत निरंकारी सेवादल के क्षेत्रीय संचालक और उप मुख्य संचालक के रूप में भी सेवा करने का सौभाग्य मिला।

मिशन में उनके निस्वार्थ योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2018 में "रोशन मीनार" की उपाधि से सम्मानित किया गया । गुरसिख का सतगुरु के प्रति समर्पण कैसा होना चाहिए, की प्रेरणा भावी पीढ़ियां उनके जीवन से ले सकती हैं।

उनके पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा आज मोहाली के फेज़ 10 स्थित उनके निवास स्थान से शुरू होकर बलोंगी गांव फेज़ 6 मोहाली स्थित श्मशान घाट में पहुंची । यहां पर उनके दोनों बेटों ने मुखाग्नि दे कर अंतिम संस्कार किया ।

इस अवसर पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के जीवन साथी श्री रमित चांदना जी के साथ संत निरंकारी मंडल की कार्यकारिणी के सदस्यों और संत निरंकारी सेवादल के उच्च अधिकारी विशेष रूप से दिल्ली से परिवार को संवेदना देने के लिए पहुंचे।

उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए 20 सितम्बर को सन्त निरंकारी सत्संग भवन सेक्टर - 30 में प्रेरणा दिवस दोपहर 12 से 2 बजे तक होगा।