धर्मशाला, 16.12.25-: कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार विदेशों में रोजगार के लिए जाने वाले युवाओं के हितों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के युवाओं को विदेशों में रोजगार के लिए भेजने की प्रक्रिया पूरी तरह सरकारी निगरानी, पारदर्शिता और जवाबदेही के दायरे में लाई जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार के शोषण, धोखाधड़ी या उत्पीड़न की आशंका को समाप्त किया जा सके। उन्होंने चयनित होने वाले युवाओं को शुभकामनायें दीं और उनका आहवान किया कि देश-विदेश में वह जहां भी कार्य करें मेहनत और ईमानदारी को सर्वोपरी रखें।
यह विचार कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार आज आईटीआई धर्मशाला में विदेशों में रोजगार प्राप्त करने के इच्छुक युवाओं के लिए रोजगार कार्यालय के द्वारा आईटीआई दाड़ी में हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम और जेएसडीएस के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में डिलीवरी राइडर्स, वेयरहाउस हेल्पर्स एवं पिकर्स के पदों के लिए आयोजित रोजगार मेले के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विदेश में रोजगार के इच्छुक युवा रोजगार मेले में पहुंचे।
प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि पूर्व में प्रदेश के अनेक युवा बेहतर रोजगार की तलाश में विदेशों में जाते थे, लेकिन निजी एवं अनाधिकृत एजेंटों के माध्यम से जाने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। इन्हीं अनुभवों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विदेश रोजगार नीति में व्यापक और संरचनात्मक सुधार किए हैं।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने बताया कि अब राज्य सरकार स्वयं अधिकृत एवं विश्वसनीय एजेंसियों के माध्यम से युवाओं के लिए स्पाॅन्सरशिप की व्यवस्था कर रही है। इन एजेंसियों का चयन पूरी जांच-पड़ताल के बाद किया जा रहा है तथा उनकी कार्यप्रणाली पर सरकार की निरंतर निगरानी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार और एजेंसियों के बीच निर्धारित शर्तों के अनुसार ही युवाओं को विदेश भेजा जाएगा और किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित एजेंसी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि विदेश भेजे जाने से पूर्व युवाओं की दक्षता, कौशल एवं प्रोफिशिएंसी का समुचित मूल्यांकन किया जाए, ताकि उन्हें उनकी योग्यता और अनुभव के अनुरूप कार्य मिल सके और वे विदेश में सुरक्षित एवं सम्मानजनक जीवन यापन कर सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि उन्हें सुरक्षित, भरोसेमंद और सम्मानजनक व्यवस्था के तहत भविष्य संवारने का अवसर देना है। राज्य सरकार चाहती है कि हिमाचल का युवा एक संगठित और संरक्षित प्रणाली का हिस्सा बने, जहां एजेंसियां, नियोक्ता और श्रमिक एक मजबूत श्रृंखला के रूप में जुड़े हों।
प्रो. चंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह नीति प्रदेश के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस पहल से युवाओं का शोषण रुकेगा।
इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने उपस्थित युवाओं से आह्वान किया कि वे विदेश रोजगार से संबंधित अवसरों के लिए केवल सरकारी माध्यमों का ही चयन करें और किसी भी अवैध एजेंट या दलाल के झांसे में न आएं।
क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी अक्षय कुमार ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और रोजगार मेले के बारे में विभिन्न पहलुओं बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस रोजगार मेले में 200 से अधिक युवाओं को साक्षात्कार आयोजित किया जा रहा है।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक कृषि राहुुल कटोच, उप निदेशक कृषि कुलदीप धीमान, आईटीआई दाड़ी के प्रधानाचार्य राजेश कुमार पुरी, जेएसडीएस जालंधर के पदाधिकारी गुरजीत सिंह, जिला रोजगार अधिकारी आकाश राणा के अतिरिक्त अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में विदेशों मे रोजगार के इच्छुक युवा और आईटीआई के छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।