CHANDIGARH, 02.11.25-यह अत्यंत निराशाजनक है कि यू.टी. प्रशासन ने एलांते मॉल पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है — जो चंडीगढ़ का गौरव है और उत्तर भारत के सबसे सुंदर व सुव्यवस्थित वाणिज्यिक स्थलों में से एक है।

जहाँ एक ओर शहर के नागरिक प्रशासनिक अव्यवस्थाओं से जूझ रहे हैं, वहीं प्रशासन ने उस एकमात्र स्थान को निशाना बनाया है जो व्यवस्थित, स्वच्छ और पेशेवर ढंग से संचालित होता है।

एलांते मॉल केवल एक शॉपिंग स्थल नहीं है — यह चंडीगढ़ की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है। यह हर महीने करोड़ों रुपये का जीएसटी राजस्व प्रदान करता है, हज़ारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार देता है, और अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों व विदेशी दूतावासों के दफ्तरों का घर बन चुका है।

मॉल ने शहर की सुंदरता और आधुनिक छवि को नई पहचान दी है। यदि जनता की सुविधा या बेहतर प्रबंधन के लिए मॉल प्रबंधन ने अपने ही परिसर के भीतर कुछ छोटे-छोटे परिवर्तन किए हैं, तो इसे ‘उल्लंघन’ कहना अनुचित है। एलांते ने न तो किसी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया है, न ही जनता को किसी प्रकार की असुविधा पहुँचाई है।

यदि प्रशासन वास्तव में अवैध निर्माणों के विरुद्ध कार्रवाई करना चाहता है, तो उसे पहले अपने ही नियंत्रण वाले परिसरों से शुरुआत करनी चाहिए — जैसे सुखना झील परिसर में बने अनेक अवैध व्यावसायिक ढांचे और खाने-पीने की दुकानें। चयनात्मक कार्रवाई से जनता का प्रशासन पर विश्वास कमजोर होता है और सुशासन की भावना आहत होती है।

एलांते मॉल अब उत्तर भारत का एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण बन चुका है। इसे क्षति पहुँचाना चंडीगढ़ की आधुनिक पहचान और आर्थिक प्रतिष्ठा दोनों को आघात पहुँचाएगा।

🙏 हम विनम्र अनुरोध करते हैं कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए और इस सुंदर संपत्ति का कोई भी हिस्सा न तोड़ा जाए। यह चंडीगढ़ की शान है, इसे बचाना हम सबका कर्तव्य है।

– सीए प्रेम गर्ग