बाल मजदूरी के मामलों पर रखें कड़ी नजर, त्वरित कार्रवाई करें
जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में उपायुक्त अमरजीत सिंह ने दिए निर्देश

हमीरपुर 16 अक्तूबर। बाल श्रम को रोकने तथा जिला में बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के विभिन्न प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक वीरवार को उपायुक्त अमरजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि बाल श्रम को रोकने के लिए बनाए गए अधिनियम में बहुत ही कड़े प्रावधान किए गए हैं। इसलिए, सभी संबंधित विभागों के अधिकारी और संस्थाओं के पदाधिकारी फील्ड में कड़ी नजर रखें और कहीं पर भी बाल मजदूरी का मामला सामने आने पर त्वरित कार्रवाई करें तथा रेस्क्यू किए गए बच्चे को जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करें, ताकि नियमानुसार आगे की कार्रवाई को पूर्ण किया जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में विभिन्न ढाबों, अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों, निर्माण स्थलों और बाल मजदूरी के अन्य संभावित हॉट स्पॉट्स के अलावा धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थलों पर भीख के मामलों पर भी कड़ी नजर रखें। अगर इनमें बच्चों की संलिप्तता पाई जाती है तो नियमानुसार त्वरित कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि बाल श्रम को रोकने के लिए श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन के साथ-साथ शिक्षा विभाग भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। इसलिए, अगर किसी छोटे बच्चे ने स्कूल छोड़ दिया है और वह मजदूरी कर रहा है तो ऐसे मामलों को तुरंत ध्यान में लाएं। बैठक में बाल श्रम से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान और श्रम निरीक्षक सुभाष शर्मा ने जिला में बाल श्रम को रोकने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों एवं निरीक्षणों की विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल कुमार, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनीष राणा, सदस्य अश्वनी कुमार, सिद्धार्थ कौशल और संगीता कुमारी, उच्चतर शिक्षा उपनिदेशक डॉ. मोही राम चौहान, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कमल किशोर, स्वास्थ्य विभाग से डॉ. अजय अत्री, चाइल्ड लाइन की समन्वयक मनोरमा लखनपाल, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की पैनल अधिवक्ता सुनीता कुमारी और अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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राजस्व गांव चकमोह बनेगा मॉडल सोलर विलेज
पीएम सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना के तहत मिलेगा एक करोड़ रुपये का ईनाम

हमीरपुर 16 अक्तूबर। पीएम सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना के तहत मॉडल सोलर विलेज के लिए जिला हमीरपुर के छह राजस्व गांवों में हुई प्रतिस्पर्धा में राजस्व गांव चकमोह ने प्रथम स्थान हासिल किया है। अब इस गांव को पीएम सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना के तहत एक करोड़ रुपये का ईनाम मिलेगा, जिसे गांव में नवीकरणीय ऊर्जा के ढांचागत विकास पर खर्च किया जा सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के नियमों एवं शर्तों के अनुसार जिला हमीरपुर में 2000 से अधिक आबादी वाले छह राजस्व गांवों बड़सर, चकमोह, जाहू खुर्द, धमरोल, दरोगण और बेला को मॉडल सोलर विलेज की प्रतिस्पर्धा में शामिल किया गया था। इन छह गांवों में अधिक से अधिक सौर उपकरण और संयंत्र लगाने का अभियान चलाया गया था। इन सौर उपकरणों एवं संयंत्रों की क्षमता के मूल्यांकन में चकमोह प्रथम रहा। इस गांव में सर्वाधिक 20.012 किलोवॉट क्षमता के संयंत्र एवं उपकरण लगाए गए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि अब इस गांव की संस्तुति मॉडल सोलर विलेज के लिए कर दी गई है। उन्होंने हिमऊर्जा और बिजली बोर्ड के अधिकारियों को चकमोह के लिए भविष्य की योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए, ताकि एक करोड़ रुपये की ईनामी राशि को इस योजना पर खर्च किया जा सके।
बैठक में बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता आशीष कपूर और हिमऊर्जा के कनिष्ठ अभियंता अरुण भारद्वाज ने पीएम सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना की विस्तृत जानकारी भी दी। उन्हांेने बताया कि इस योजना के तहत घरों की छतों पर 3 किलोवॉट तक की क्षमता वाला सौर संयंत्र लगाने पर 85,800 रुपये तक सब्सिडी दी जा रही है। उपायुक्त ने इस योजना का फील्ड में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।

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एचपीशिवा परियोजना से निचले क्षेत्रों में आएगी नई क्रांति : अजय शर्मा
प्राकृतिक खेती से तैयार फसलों को प्रदेश सरकार अलग से दे रही है उच्च दाम
उद्यान विभाग ने डिडवीं में आयोजित की कार्यशाला, कोल्ड स्टोरेज की दी जानकारी

हमीरपुर 16 अक्तूबर। एपीएमसी के अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा है कि उद्यान विभाग की महत्वाकांक्षी एचपीशिवा परियोजना से प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक नई क्रांति आएगी। उद्यान विभाग द्वारा वीरवार को डिडवीं में बागवानी फसलों के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधा पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए अजय शर्मा ने कहा कि एचपीशिवा परियोजना से इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर फलों के बागीचे विकसित किए जा रहे हैं और शुरुआती चरण में ही इन बागीचों में अच्छी पैदावार देखने को मिल रही है। इन फसलों के लिए कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण की सुविधा का प्रावधान भी एचपीशिवा परियोजना में किया गया है। किसानों-बागवानों को इसका लाभ उठाना चाहिए। इससे उन्हें अपनी उपज के अच्छे दाम मिलंेगे।
अजय शर्मा ने कहा कि इन फसलों के विपणन में एपीएमसी भी बागवानों की हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने कृषि, बागवानी और इनसे संबंधित अन्य क्षेत्रों जैसे-पशुपालन, मत्स्य पालन इत्यादि पर विशेष रूप से फोकस करके ग्रामीण आर्थिकी को नया बल दिया है। प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की को प्रदेश सरकार 40 रुपये, गेहूं 60 रुपये और हल्दी को 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद रही है, जिससे किसानों की आय में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो रही है।
इस अवसर पर उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश्वर परमार ने किसानों-बागवानों को कोल्ड स्टोरेज की महत्ता और विभाग की विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। हिमालयन कोल्ड स्टोरेज के अधिकारी विशाल और एक्सपर्ट कोल्ड स्टोरेज के सचिन शर्मा ने कोल्ड स्टोरेज की आधुनिक तकनीकों से अवगत करवाया। एसएमएस डॉ. जीना बन्याल पाटिल, डॉ. मूना ठाकुर और डॉ. गोपाल चौहान ने भी फसलों की मार्केटिंग और मूल्यवर्द्धन इत्यादि के बारे में बताया तथा किसानों एवं बागवानों की कई शंकाओं का समाधान किया। कार्यक्रम के दौरान एचपीशिवा परियोजना के विभिन्न क्लस्टरों के बागवानों ने माल्टा, मौसंबी, अमरूद और अन्य फलों की प्रदर्शनी भी लगाई।

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आपात परिस्थितियों में सीपीआर से बचाई जा सकती है किसी की जान
भोरंज के मिनी सचिवालय में सीपीआर पर आयोजित किया गया जागरुकता कार्यक्रम

भोरंज 16 अक्तूबर। रैडक्रॉस सोसाइटी की उपमंडल इकाई ने वीरवार को यहां मिनी सचिवालय परिसर में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सीपीआर पर एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया।
इस अवसर पर एसडीएम शशिपाल शर्मा ने कहा कि आपात परिस्थितियों में अगर किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन रुक गई हो और उसे तत्काल सीपीआर मिल जाए तो उसकी जिंदगी बचाई जा सकती है। इस तकनीक के बारे में आम लोगों को जानकारी होनी चाहिए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वे किसी व्यक्ति को नया जीवन दे सकें।
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग के डॉ. मयंक और डॉ. आदित्य तथा हेल्थ ऐजूकेटर ने सीपीआर का प्रेक्टिकली प्रदर्शन करके यह तकनीक समझाई। उन्होंने बताया कि सीपीआर यानि कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन एक ऐसी तकनीक है जो कि कई आपात स्थितियों में किसी व्यक्ति के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि दिल का दौरा पड़ने या अन्य कारणों से अगर किसी की सांस या दिल की धड़कन रुक गई हो तो तुरंत सीपीआर के माध्यम से उस व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। इसमें प्रभावित व्यक्ति की छाती को बीचों-बीच प्रति मिनट 100 से 120 बार ज़ोर-जोर से दबाया जाता है और उसे मुंह से सांसें भी दी जाती हैं। उन्होंने सीपीआर के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर तहसीलदार डॉ. आशीष शर्मा और अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।

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अभियंताओं और तकनीकी सहायकों को दी भूकंप प्रतिरोधक निर्माण तकनीकों की जानकारी

हमीरपुर 16 अक्तूबर। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) हमीरपुर द्वारा 15 एवं 16 अक्टूबर ‘निर्मित पर्यावरण की संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट’ विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिले में आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं भूकम्प प्रतिरोधक निर्माण तकनीकों के प्रसार हेतु आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, लोक निर्माण विभाग और शहरी विकास विभाग के अभियंता तथा ग्रामीण विकास विभाग के तकनीकी सहायक एवं कनिष्ठ अभियंता सम्मिलित हुए।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों की तकनीकी क्षमता को बढ़ाना एवं उन्हें संरचनाओं की सुरक्षा जांच, संभावित कमजोरियों की पहचान तथा भूकम्प प्रतिरोधक निर्माण तकनीकों की जानकारी प्रदान करना था। प्रशिक्षण के दौरान भवन संहिता अनुपालन, रेट्रोफिटिंग उपायों और सुरक्षित निर्माण पद्धतियों पर विशेष बल दिया गया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर क विशेषज्ञों ने तकनीकी व्याख्यान, अध्ययन मामलों एवं संवाद सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट की प्रक्रियाओं और भूकम्प प्रतिरोधक डिजाइन के सिद्धांतों की विस्तृत जानकारी दी।

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बड़सर में 17 को प्रस्तावित ड्राइविंग टेस्ट और वाहनों की पासिंग स्थगित

बड़सर 16 अक्तूबर। एसडीएम कार्यालय बड़सर के अंतर्गत 17 अक्तूबर को प्रस्तावित ड्राइविंग टेस्ट और वाहनों की पासिंग फिलहाल स्थगित कर दी गई है। एसडीएम राजेंद्र गौतम ने बताया कि प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि ड्राइविंग टेस्ट और वाहनों की पासिंग की नई तिथि जल्द ही निर्धारित कर दी जाएगी।

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हमीरपुर के निर्माणाधीन बस स्टैंड के पास 25 तक बंद रहेगी मुख्य सड़क

हमीरपुर 16 अक्तूबर। निर्माणाधीन बस स्टैंड के पास हमीरपुर-नादौन मुख्य सड़क पर बरसात के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सीवरेज लाइन को बदलने के कार्य के चलते इस सड़क पर यातायात 25 अक्तूबर तक बंद कर दिया गया है।
इस संबंध में आदेश जारी करते हुए उपायुक्त अमरजीत सिंह ने बताया कि क्षतिग्रस्त सीवरेज लाइन को बदलने के कार्य को अतिशीघ्र पूरा करने के लिए हमीरपुर-नादौन सड़क के इस हिस्से पर वाहनों की आवाजाही 25 अक्तूबर तक बंद की गई है। इस दौरान वाहन चालक पैट्रोल पंप से गलोड़ सड़क को वैकल्पिक रूट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने सभी वाहन चालकों से सहयोग की अपील की है।

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आवश्यक सावधानियों के साथ मनाएं दिवाली
आग की घटनाओं से बचाव के लिए होमगार्ड्स के कमांडेंट विनय कुमार ने की अपील

हमीरपुर 16 अक्तूबर। होमगार्ड्स की दसवीं वाहिनी हमीरपुर के कमांडेंट (सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कमांडर) विनय कुमार ने सभी जिलावासियों से दीपावली का त्योहार मनाते समय कुछ सावधानी बरतने की अपील की है, ताकि खुशियों के इस पर्व में कोई दुर्घटना न हो सके।
उन्होंने कहा कि दिवाली के दौरान कई बार आतिशबाजी, पटाखे और फुलझड़ियां चलाते समय या दीप प्रज्जवलन से आग लगने की घटनाओं की आशंका रहती है। इस दौरान कुछ छोटी-छोटी सावधानियां बरतने से कई दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
विनय कुमार ने कहा कि दिवाली के दौरान दीयों एवं मोमबत्तियों को सुरक्षित स्थान पर ही जलाना चाहिए। इनके आस-पास कपड़ा, पर्दा, चादर या अन्य ज्वलनशील सामग्री नहीं होनी चाहिए। पूजा के लिए जलाए गए दीये से भी आग लग सकती है। इसलिए, पूजा के स्थान पर भी सावधानी बरती जानी चाहिए।
पटाखे-आतिशबाजी चलाने से पहले आस-पास के क्षेत्र की अच्छी तरह सफाई की जानी चाहिए। इस क्षेत्र में कबाड़ या अन्य कोई भी ज्वलनशील चीज नहीं होनी चाहिए। भीड़-भाड़ वाले इलाके में पटाखे-आतिशबाजी बिलकुल भी नहीं चलाने चाहिए। पटाखे चलाने वाली जगह पर पानी की बाल्टी भी जरूर रखें तथा छोटे बच्चों के पास पटाखे न चलाएं। कोई पटाखा नहीं छूट रहा हो तो उसे हाथ से बिलकुल न छूएं। पटाखे-फुलझड़ियां चलाते समय हमेशा सूती कपड़े पहनें। खतरनाक पटाखे बिलकुल न खरीदें। पटाखे से जलने पर त्वचा को रगड़ें नहीं, बल्कि ठंडे पानी का प्रयोग करें।
कमांडेंट ने कहा कि दिवाली के दौरान कई लोग अपने घरों को बिजली की लाइटों से भी सजाते हैं। इन लाइटों के लिए बिजली की नंगी तारों का बिलकुल भी प्रयोग न करें। इनके कनेक्शन सही होने चाहिए तथा इन्हें इलेक्ट्रिशियन से ही लगवाएं। करंट की आशंका वाली जगह ये लाइटें बिलकुल भी न लगाएं। इन्हें बच्चों से दूर रखें। ऊंची जगह पर सजावट करते समय मजबूत टेबल या सीढ़ी का प्रयोग करें और उस दौरान मोबाइल पर बात न करें।
सभी जिलावासियों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए विनय कुमार ने कहा कि छोटी-छोटी सावधानियां बरतने से हम किसी बड़ी दुर्घटना से बच सकते हैं। इसलिए, सभी जिलावासी सावधानी बरतें और अपने परिजनों, रिश्तेदारों एवं मित्रों के साथ दिवाली की खुशियां मनाएं।
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अग्निशमन विभाग ने स्थापित किए नियंत्रण कक्ष

कमांडेंट विनय कुमार ने बताया कि अग्निशमन विभाग ने दिवाली के मद्देनजर हमीरपुर में मुख्य घटना नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है जोकि 24 घंटे सक्रिय रहेगा। आग की घटना की सूचना 101 नंबर के अलावा मुख्य घटना नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 01972-222533 और 82196-54902 पर भी दी जा सकती है। इसके अलावा अग्निशमन उपकेंद्र नादौन के नंबर 01972-232101, 98050-54582, अग्निशमन उपकेंद्र भोरंज के 01972-266101, 97367-44342, अग्निशमन चौकी सुजानपुर के 01972-272833, 82195-08595 और अग्निशमन चौकी बिझड़ी के नंबर 01972-283101, 82193-79964 पर भी संपर्क किया जा सकता है।