*प्रदेश सरकार का आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग जिला के चयनित गांवों व वार्डों में करेगा सर्वेक्षण, उपायुक्त ने नागरिकों से की सहयोग की अपील*
*मंडी, 16 अक्टूबर।* प्रदेश सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा मंडी जिला में आर्थिक एवं सामाजिक पहलुओं पर सर्वेक्षण का कार्य किया जाना है। इसके लिए जिला मंडी में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रगणकों को तैनात किया गया है।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि आर्थिक एवं सांख्यकी विभाग द्वारा सामाजिक एवं कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से राज्य में विभिन्न सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण का क्षेत्रीय कार्य किया जाता है। सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों से योजना निर्माण में मदद मिलती है और सरकार की विभिन्न नीतियों के कार्यान्वयन के लिए दिशा मिलती है।
सर्वेक्षण के दौरान जिला सांख्यिकी कार्यालय मंडी के प्रगणकों द्वारा जिला के चयनित गांवों व वार्डों में घर-घर जाकर सूचना टैब एप्लीकेशन के माध्यम से एकत्रित की जाएगी। उपायुक्त ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे इन कर्मचारियों के साथ सहयोग करें तथा उन्हें सही, सटीक व वास्तविक जानकारी प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्रित जानकारी से जिले में लोगों की सामाजिक आर्थिक स्थिति का आकलन करने में मदद मिलेगी। साथ ही यह जानकारी लोगों के जीवन स्तर में सुधार की दिशा में सरकार की विकास योजनाओं में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि नागरिकों की ओर से प्रदान की गई जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।
उन्होंने जिला मंडी के सभी नागरिकों, सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र में सरकार द्वारा नियुक्त क्षेत्रीय कर्मचारियों को सर्वेक्षण में पूर्ण सहयोग दें ताकि जिले में क्षेत्रीय कार्य को उत्कृष्ट एवं सर्वोत्तम गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा सके।
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*सेरी मंच के पास मिल रही मिल्कफैड की शुद्ध देसी घी की मिठाइयां*
*शुगर फ्री उत्पाद भी उपलब्ध*
मंडी, 16 अक्टूबर: हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन ने इस दिवाली पर लोगों के लिए 500 क्विंटल शुद्ध देसी घी की मिठाइयां बाजार में उतार दी हैं। प्रदेश में मिल्कफेड के 30 काउंटरों पर मिठाइयों की बिक्री 15 अक्तूबर से शुरू हो गई है, जो दिवाली की पूर्व संध्या 19 अक्तूबर तक चलेगी। मिल्क प्लांट चक्कर के यूनिट इंचार्ज विश्वकांत शर्मा ने बताया कि उपभोक्ताओं की मांग को देखते हुए मिल्क फेडरेशन ने इस वर्ष 500 क्विंटल मिठाइयां तैयार की हैं। त्योहारों के सीजन में मिल्कफेड की मिठाइयां लोगों को शुद्धता का भरोसा देती हैं। हर साल की तरह इस बार भी मिल्कफेड ने दिवाली पर खास तैयारियां की हैं, ताकि लोगों को देसी घी की शुद्ध मिठाइयां मिल सकें। हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन ने शुद्ध देसी घी से बनी मिठाइयां उपलब्ध कराने के लिए मंडी में सेरी मंच के समीप अस्थाई आउटलेट खोला है। उन्होंने कहा कि शुद्ध, स्वादिष्ट व स्वास्थ्य परक मिठाइयां त्योहार पर जश्न की भावना को और बढ़ा देती हैं। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि क्लीन व ग्रीन दीवाली मनाते हुए इन मिठाइयों के मनभावन स्वाद का आनंद लें।
विश्वकांत शर्मा ने बताया कि सेरी मंच मिल्क फैड आउटलेट पर सस्ते दामों पर शुद्ध देसी घी की मिठाइयां मिल रही है। इस वर्ष मिठाइयों में पिन्नी, पंजीरी, मिल्क केक, सोन पापड़ी, कोकोनट बर्फी, पहाड़ी बर्फी, डोडा बर्फी, रोस्टेड चना बर्फी और ब्राउन पेड़ा के प्रति 400 ग्राम पैक का मूल्य 275 रुपये है।काजू बर्फी 400 ग्राम 400 रुपये है। मोतीचूर लड्डू 200 रुपए की 400 ग्राम की पेकिंग है। रसगुल्ला, चमचम, रसभरी,गुलाब जामुन, अंगूरी पेठा इत्यादि मिठाइयां 240 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलेंगी। वहीं 1000 रुपए तथा 620 रुपए में गिफ्ट पैक भी उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि मिल्कफेड ने डायबटीज वाले लोगों की मिठाई खाने की इच्छा का भी विशेष ध्यान रखा है। अस्थाई आउटलेट पर इस बार शुगर फ्री मिठाइयां भी उपलब्ध हैं। विशेष तौर पर पहाड़ी बर्फी, कोकोनट बर्फी और मिल्क केक शुगर फ्री में उपलब्ध हैं।
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फीचरःमंडी, 16 अक्टूबर, 2025

मंडी जिला की 327 बेटियों के हाथ पीले करने के लिए सुख की सरकारने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से लगाया एक करोड़ 66 लाख 77 हजार का शगुन

  • लाभार्थियों ने इस पुनीत कार्य के लिए मुख्यमंत्री का जताया आभार....

प्रदेश सरकार द्वारा गरीब व जरूरतमंद वर्गों के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनका लाभ उठाकर लाभार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। इन्हीं में से एक है मुख्यमंत्री कन्यादान योजना। यह योजना गरीब परिवारों की बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है। मंडी जिला में भी पात्र बेटियों को इसका लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ लेकर मंडी जिला के सैकड़ों गरीब व जरूरतमंद परिवार अपनी लाडलियों के हाथ पीले कर पाए हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की वर्तमान सरकार द्वारा अप्रैल, 2023 से जुलाई, 2025 तक इस योजना के अंतर्गत जिला मंडी में 327 जरूरतमंद परिवारों को 51-51 हजार रुपए रुपए की राशि शगुन के रूप में बेटियों की शादी के लिए प्रदान की गई है। जिस पर एक करोड़ 66 लाख 77 हजार रुपए की राशि प्रदेश सरकार द्वारा व्यय की गई है। सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जरूरतमंद बेटियों की शादी के लिए सहायता राशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपए किया गया है।

क्या कहते हैं लाभार्थी

पधर उपमंडल की गवाली के गांव पंडल की बनीता ने बताया कि उनकी बेटी वंदना की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 51 हजार रुपए की राशि मिलने से उन्हें आर्थिक तौर पर काफी सहायता मिली है। राशि जारी करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया है।

सरकाघाट उपमंडल के गांव मतलग फ़लाड की किरण कुमारी का कहना है कि इस योजना से उन्हें अपनी बेटी की शादी करने में काफी मदद मिली। उन्हें योजना के बारे आंगनवाड़ी सहायिका से पता चला। दस्तावेज़ पूरा करने के बाद तुरंत उन्हें 51 हजार की राशि मिल गई, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताया। वहीं किरण की बेटी कोमल ठाकुर का कहना है कि उनकी माता जी को इस वित्तीय मदद से शादी करने में काफी सहायता मिली जिसके लिए वह मुख्यमंत्री जी और सरकार का धन्यवाद करती हैं।

सरकाघाट उपमंडल के गांव कलोट डाकघर रखोह की एक अन्य लाभार्थी मनीषा कुमारी की माता प्रोमिला देवी ने भी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में बेटी की शादी में 51 हजार की सहायता राशि जारी करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

लडभड़ोल के सिमस की मीरा देवी, करसोग के तेवन की दीक्षा कुमारी, थुनाग के गुनास की मथरू देवी तथ गोहर के कांडी टिल्ली की रचना देवी ने योजना के तहत बेटी की शादी में 51 हजार की सहायता राशि जारी करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

योजना का लाभ लेने के लिए क्या है पात्रता

जिन लड़कियों के पिता की मौत हो चुकी हो, या जिन लड़कियों के पिता पैसा कमाने में सक्षम न हो या किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होकर बिस्तर पर हों, ऐसे पात्र लाभार्थियों को बेटी की शादी पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। अभिभावकों की सालाना आय 50 हजार रुपए से कम होनी चाहिए तथा लडक़ी की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

शादी होने के छह माह तक भी कर सकते हैं आवेदन

जरूरतमंद परिवार अगर बेटी की शादी के समय मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए आवेदन नहीं दे पाए, तो वह शादी के छह माह बाद तक इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। अकसर देखने में आता है कि शादी में काफी इंतजाम करने के चलते कई लोग उक्त योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं तो ऐसे लोग शादी के छह माह बाद उक्त योजना का लाभ ले सकते हैं।

योजना के लिए ये दस्तावेज करवाने होंगे जमा

योजना का लाभ लेने के लिए लड़की का आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, परिवार का आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ जमा करवाने के साथ-साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी (एकीकृत बाल विकास परियोजना) अथवा अपने नजदीकी बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा।

क्या कहते हैं जिला कार्यक्रम अधिकारी

जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय बदरेल ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या योजना के तहत जिला मंडी की 327 बेटियों को वर्तमान सरकार द्वारा अप्रैल, 2023 से जुलाई, 2025 तक 51-51 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई है। जरूरतमंद परिवार इस योजना का लाभ लेने के लिए उनके कार्यालय अथवा अपने नजदीकी बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि गरीब परिवारों के लिए यह योजना बहुत की कारगर है।

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फीचरः मंडी, 16 अक्टूबर, 2025
मंडी जिला की 327 बेटियों के हाथ पीले करने के लिए “सुख की सरकार” ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से लगाया एक करोड़ 66 लाख 77 हजार का शगुन
· लाभार्थियों ने इस पुनीत कार्य के लिए मुख्यमंत्री का जताया आभार....
प्रदेश सरकार द्वारा गरीब व जरूरतमंद वर्गों के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनका लाभ उठाकर लाभार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। इन्हीं में से एक है मुख्यमंत्री कन्यादान योजना। यह योजना गरीब परिवारों की बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है। मंडी जिला में भी पात्र बेटियों को इसका लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ लेकर मंडी जिला के सैकड़ों गरीब व जरूरतमंद परिवार अपनी लाडलियों के हाथ पीले कर पाए हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की वर्तमान सरकार द्वारा अप्रैल, 2023 से जुलाई, 2025 तक इस योजना के अंतर्गत जिला मंडी में 327 जरूरतमंद परिवारों को 51-51 हजार रुपए रुपए की राशि शगुन के रूप में बेटियों की शादी के लिए प्रदान की गई है। जिस पर एक करोड़ 66 लाख 77 हजार रुपए की राशि प्रदेश सरकार द्वारा व्यय की गई है। सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जरूरतमंद बेटियों की शादी के लिए सहायता राशि को बढ़ाकर 51 हजार रुपए किया गया है।
क्या कहते हैं लाभार्थी
पधर उपमंडल की गवाली के गांव पंडल की बनीता ने बताया कि उनकी बेटी वंदना की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 51 हजार रुपए की राशि मिलने से उन्हें आर्थिक तौर पर काफी सहायता मिली है। राशि जारी करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया है।
सरकाघाट उपमंडल के गांव मतलग फ़लाड की किरण कुमारी का कहना है कि इस योजना से उन्हें अपनी बेटी की शादी करने में काफी मदद मिली। उन्हें योजना के बारे आंगनवाड़ी सहायिका से पता चला। दस्तावेज़ पूरा करने के बाद तुरंत उन्हें 51 हजार की राशि मिल गई, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताया। वहीं किरण की बेटी कोमल ठाकुर का कहना है कि उनकी माता जी को इस वित्तीय मदद से शादी करने में काफी सहायता मिली जिसके लिए वह मुख्यमंत्री जी और सरकार का धन्यवाद करती हैं।
सरकाघाट उपमंडल के गांव कलोट डाकघर रखोह की एक अन्य लाभार्थी मनीषा कुमारी की माता प्रोमिला देवी ने भी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में बेटी की शादी में 51 हजार की सहायता राशि जारी करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
लडभड़ोल के सिमस की मीरा देवी, करसोग के तेवन की दीक्षा कुमारी, थुनाग के गुनास की मथरू देवी तथ गोहर के कांडी टिल्ली की रचना देवी ने योजना के तहत बेटी की शादी में 51 हजार की सहायता राशि जारी करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
योजना का लाभ लेने के लिए क्या है पात्रता
जिन लड़कियों के पिता की मौत हो चुकी हो, या जिन लड़कियों के पिता पैसा कमाने में सक्षम न हो या किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होकर बिस्तर पर हों, ऐसे पात्र लाभार्थियों को बेटी की शादी पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। अभिभावकों की सालाना आय 50 हजार रुपए से कम होनी चाहिए तथा लडक़ी की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
शादी होने के छह माह तक भी कर सकते हैं आवेदन
जरूरतमंद परिवार अगर बेटी की शादी के समय मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए आवेदन नहीं दे पाए, तो वह शादी के छह माह बाद तक इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। अकसर देखने में आता है कि शादी में काफी इंतजाम करने के चलते कई लोग उक्त योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं तो ऐसे लोग शादी के छह माह बाद उक्त योजना का लाभ ले सकते हैं।
योजना के लिए ये दस्तावेज करवाने होंगे जमा
योजना का लाभ लेने के लिए लड़की का आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, परिवार का आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ जमा करवाने के साथ-साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी (एकीकृत बाल विकास परियोजना) अथवा अपने नजदीकी बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा।
क्या कहते हैं जिला कार्यक्रम अधिकारी
जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय बदरेल ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या योजना के तहत जिला मंडी की 327 बेटियों को वर्तमान सरकार द्वारा अप्रैल, 2023 से जुलाई, 2025 तक 51-51 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई है। जरूरतमंद परिवार इस योजना का लाभ लेने के लिए उनके कार्यालय अथवा अपने नजदीकी बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि गरीब परिवारों के लिए यह योजना बहुत की कारगर है।
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समर्थ-2025 अभियान के तहत जिलेभर में होंगे आपदा जागरूकता कार्यक्रम
एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार ने दी जानकारी, नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से बढ़ेगी जनजागरूकता


मंडी, 16 अक्तूबर। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मंडी डॉ मदन कुमार ने बताया कि समर्थ-2025 अभियान के अंतर्गत 17 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक जिलेभर में 72 स्थानों पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण से संबंधित जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह अभियान अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर विशेष रूप से प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों में नुक्कड़ नाटकों, जनसंवादों और सामुदायिक सहभागिता गतिविधियों के माध्यम से आम जनता को आपदा प्रबंधन, त्वरित प्रतिक्रिया और सहयोग के प्रति प्रेरित किया जाएगा।
डॉ मदन कुमार ने कहा कि यह अभियान सभी उपमंडलों एवं प्रमुख तहसीलों में चलाया जाएगा। प्रत्येक उपमंडल में चार-चार स्थलों पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। इन नाटकों के माध्यम से लोगों को आपदा से पूर्व तैयारी, जोखिम में कमी और राहत कार्यों में सामूहिक भूमिका की जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि बल्द्वाड़ा, चच्योट, बगसाड़, निहरी, रिवालसर और संधोल तहसीलों में भी ये कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए कुल 18 सांस्कृतिक दलों का चयन किया गया है, जो प्रत्येक निर्धारित स्थल पर दो प्रस्तुतियाँ देंगे पहली प्रातः 11 बजे और दूसरी दोपहर 2 बजे।

बस अड्डों, विद्यालयों और बाजारों में भी होंगी गतिविधियाँ

डॉ मदन कुमार ने कहा कि ये कार्यक्रम केवल सरकारी परिसरों तक सीमित नहीं होंगे। इन्हें जिला के मुख्य स्थलों, बस अड्डों, महाविद्यालयों, विद्यालय परिसरों और प्रमुख बाजार क्षेत्रों में भी आयोजित किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इन गतिविधियों से जुड़ सकें।

सामुदायिक भागीदारी से ही संभव प्रभावी आपदा प्रबंधन

एडीएम ने कहा कि समर्थ-2025 अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को तैयार, सजग और सहयोगी बनाना है, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में समाज समन्वित ढंग से प्रतिक्रिया दे सके। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में आयोजित होने वाले इन जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भाग लें और दूसरों को भी आपदा सुरक्षा के प्रति प्रेरित करें।
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रेड क्रॉस शिविर में 69 लोगों ने किया रक्तदान

मंडी, 16 अक्तूबर। रेड क्रॉस सोसाइटी मंडी द्वारा “रेड क्रॉस मांडव 2025” के अंतर्गत आज सेरी मंच, मंडी में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में कुल 130 लोग रक्तदान के लिए पहुंचे, जिनमें से 69 लोगों ने 69 यूनिट रक्तदान किया।

अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह ने कहा कि रेड क्रॉस मांडव जैसे आयोजन समाज में सहयोग, संवेदना और स्वैच्छिकता की भावना को सशक्त बनाते हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है, जो जरूरतमंदों के जीवन को बचाने का कार्य करता है।उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे ऐसे कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएं और समाजहित में योगदान दें।रक्तदान शिविर में पुलिस, होमगार्ड, रेड क्रॉस स्वयंसेवक, आईटीआई, डिग्री कॉलेज, आईटीआई मंडी तथा संपत्ति देवी मेमोरियल नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं सहित आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी गोपी चंद पाठक , जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अरिंदम रॉय तथा सचिव रेड क्रॉस सोसाइटी ओ.पी. भाटिया उपस्थित रहे।
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दीपावली मांडव हिम ईरा आजीविका मेले में पहाड़न स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र

मंडी, 16 अक्तूबर। मंडी की इंदिरा मार्केट में चल रहे दीपावली मांडव हिम ईरा आजीविका मेले को लोगों का भरपूर समर्थन और सहयोग मिल रहा है। बड़ी संख्या में लोग दीपावली की खरीदारी के लिए मेले में पहुंच रहे हैं। मेले के दूसरे दिन आज सराज क्षेत्र की आपदा प्रभावित महिलाओं द्वारा लगाया गया पहाड़न नामक स्टॉल विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहा। इस स्टॉल में महिलाओं ने अपने हाथों से तैयार किए गए हैंडलूम उत्पाद और अन्य वस्त्र बिक्री के लिए रखे हैं।

मेले में भाग ले रही बगस्याड क्षेत्र की महिला प्रवीण शर्मा ने बताया कि इस बार की प्राकृतिक आपदा में सराज क्षेत्र की अनेक महिलाएं प्रभावित हुई थीं। उन्होंने कहा कि इस स्टॉल से प्राप्त होने वाला लाभ आपदा प्रभावित परिवारों में वितरित किया जाएगा, ताकि वे आर्थिक रूप से फिर से सशक्त हो सकें।

प्रवीण शर्मा ने यह भी कहा कि यह मेला हमारे लिए आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम है। जब हमारे उत्पादों को लोग पसंद करते हैं, तो हमें विश्वास होता है कि हम फिर से अपनी जिंदगी को संवार सकते हैं। दीपावली मांडव हिम ईरा आजीविका मेला 19 अक्तूबर तक इंदिरा मार्केट मंडी में आयोजित किया जा रहा है। इसमें जिले के विभिन्न विकास खंडों के स्वयं सहायता समूह अपने हस्तनिर्मित उत्पादों और स्थानीय व्यंजनों की बिक्री कर रहे हैं।
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राजकीय महाविद्यालय मंडी में मतदान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का आह्वान

मंडी, 16 अक्तूबर। वल्लभ राजकीय महाविद्यालय, मंडी में आज मतदान जागरूकता पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम निर्वाचन विभाग के स्वीप अभियान और लेक्टोरल लिटरेसी क्लब के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों और युवाओं में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा मतदान के महत्व से अवगत कराना रहा। यह आयोजन एसडीएम मंडी एवं सहायक निर्वाचन अधिकारी रूपिंदर कोर के दिशा-निर्देशों के तहत किया गया। कार्यक्रम में लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया और मतदान प्रक्रिया, मतदाता सूची में नामांकन तथा चुनाव की पारदर्शिता से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।

अक्टूबर माह के तृतीय सप्ताह के दौरान कॉलेज में ई.एल.सी. गतिविधियों के अंतर्गत भाषण, प्रश्नोत्तरी और स्किट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया और मेरा वोट – मेरा अधिकार विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। एनएसएस इकाई के विद्यार्थियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई और अपने प्रस्तुतिकरणों के माध्यम से लोकतांत्रिक मूल्यों की महत्ता को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. संजीव कुमार रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि युवा वर्ग ही लोकतंत्र की सच्ची ताकत है और उन्हें अपने मताधिकार का उपयोग जिम्मेदारी, सजगता और निष्ठा के साथ करना चाहिए। नोडल अधिकारी (स्वीप) डॉ. अनुज कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं में लोकतांत्रिक चेतना और भागीदारी की भावना को सशक्त बनाते हैं।

इलेक्शन कानूनगो नवीन ठाकुर और विधानसभा स्तर के ई.एल.सी नोडल अधिकारी सुभाष चंद्र ने विद्यार्थियों को मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने की प्रक्रिया, वोटर हेल्पलाइन ऐप के उपयोग और मतदान प्रणाली की पारदर्शिता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके सभी युवाओं से मतदाता सूची में नामांकन करवाने और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया।

राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रतनलाल ठाकुर और डॉ. संजय रतन ने स्वीप कार्यक्रम की गतिविधियों और निर्वाचन साक्षरता के महत्व पर अपने विचार साझा किए। एनएसएस स्वयंसेवकों ने नुक्कड़ नाटक और प्रेरक प्रस्तुतियों के माध्यम से मतदान की आवश्यकता और जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला, जिससे पूरे वातावरण में लोकतांत्रिक उत्साह का संचार हुआ।