*हमारी नई पीढी को सजग व बेहतर स्वस्थ रहने के लिए टेलीविजन तथा मोबाइल पर स्क्रीन टाइम को कम करना होगा- ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज*
*मोबाइन फोन का लाभ हुआ है जिससे समाज पहले से ज्यादा जागरूक हुआ है, मगर इसके नुक्सान भी हुए हैं- अनिल विज*
*हमें ऐसे लोगों व समाज की जरूरत है जो लोगों के चरित्र का निर्माण कर सके, समाज को एक सही दिशा देते हुए ज्ञान दे सकें - विज*
*तकनीक का लाभ उठाना चाहिए, परंतु इसके दुष्प्रभाव से भी बचना जरूरी हैं- विज*
*हर इंसान में कोई न कोई खासियत या कला अवश्य होती है -विज*
*श्री विज ने अंबाला जिला के मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया, अपने स्वैच्छिक कोष से 12.50 लाख रूपए देने की घोषणा की*
चंडीगढ़, 31 मई- हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि हमारी नई पीढी मोबाइल, टीवी व कंप्यूटर में खो गई है और नई पीढी को सजग व बेहतर स्वस्थ रहने के लिए टेलीविजन तथा मोबाइल पर स्क्रीन टाइम को कम करना होगा।
श्री विज गत देर सायं अम्बाला जिले के मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान में आयोजित किए गए “भविष्य ज्योति समारोह” कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जिले के विभिन्न स्कूलों में अव्वल आए 125 विद्यार्थियों को सम्मानित किया तथा सभी विद्यार्थियों को अपने स्वैच्छिक कोष से 10-10 हजार (कुल 12.50 लाख रुपए) देने की घोषणा भी की।
*हमें ऐसे लोगों व समाज की जरूरत है जो लोगों के चरित्र का निर्माण कर सके, समाज को एक सही दिशा देते हुए ज्ञान दे सकें - विज*
श्री विज ने कहा कि वर्तमान में व्यक्ति अपना अधिकतर समय टेलीविज पर पूरे संसार को देखने में व्यतीत करता है और व्यक्ति जो देखता है उसी को देखकर एक्शन-रिएक्शन भी करता है। श्री विज ने कहा कि हर चीज का लाभ व हानि है। मोबाइल फोन का लाभ हुआ है जिससे समाज पहले से ज्यादा जागरूक हुआ है, मगर इसके नुक्सान भी हुए हैं। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि पहले गली-मोहल्ले में लोग शाम में एक-दूसरे के साथ बैठ बातें करते थे और जुड़ने की कोशिश करते थे। मगर आज ऐसा नहीं है और कोई एक साथ नहीं बैठता। आज हमें ऐसे लोगों व समाज की जरूरत है जो लोगों के चरित्र का निर्माण कर सके, समाज को एक सही दिशा देते हुए ज्ञान दे सकें ताकि लोग अपना सुखद जीवन जी सकें और दूसरों के लिए जीने की राह बना सकें।
*तकनीक का लाभ उठाना चाहिए, परंतु इसके दुष्प्रभाव से भी बचना जरूरी हैं- विज*
उन्होंने लोगों से आहवान करते हुए कहा कि मोबाइल व सोशल मीडिया से जितना दूर हांे सकें तो होना चाहिए क्योंकि मोबाइल फोन के ज्यादा प्रयोग से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है जोकि हमें आगे डॉक्टर के पास जाकर इसके बुरे असर का पता चलता है। उन्होंने कहा कि तकनीक का लाभ उठाना चाहिए, परंतु इसके दुष्प्रभाव से भी बचना जरूरी हैं। श्री विज ने कहा कि पहले ज्ञान प्राप्त करने के माध्यम सीमित थे, जो पढ़ाया जाता था वहीं आगे बताया जाता था। हर अच्छे कार्य की शुरूआत ज्योति प्रज्जवलित करके होती है यानि ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’। जिसका सामान्य अर्थ यह है कि अंधकार से प्रकाश की ओर चलो, आगे बढ़ो। श्री विज ने याद करते हुए कहा कि उनके युवा समय में मोबाइल, टीवी, टैब, इंटरनेट नहीं था। हम स्कूल की किताबों से पढ़ते थे जिसमें सीमित ज्ञान था। जब स्कूल-कालेज में थे तो स्टेट लाइब्रेरी में तीन-चार घंटे पढ़ते थे ताकि चीजों को समझ सकें। परंतु ज्ञान अथाह है जिसे किताबों तक सीमित नहीं रखा जा सकता। ज्ञान प्राप्त करने की ख्वाहिश हमेशा रहनी चाहिए और रहती भी है।
*हर इंसान में कोई न कोई खासियत या कला अवश्य होती है -विज*
उन्होंने कहा कि हर इंसान में कोई न कोई खासियत या कला अवश्य होती है। “सफलता दो चीजों का संयोजन है, एक है योग्यता और दूसरा अवसर, यदि कोई व्यक्ति पर्याप्त रूप से सक्षम है और उसे जीवन भर कोई अवसर नहीं मिलता है तो उसकी योग्यता नष्ट हो जाती है”। उन्होंने कहा कि मैनें हमेशा उन लोगों को सराहा है जो समाज निर्माण व चरित्र निर्माण में आगे बढकर कार्य कर रहे हैं, जिसके लिए वह हमेशा उनका आभार व्यक्त करते हैं।
इस मौके पर श्री विज ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतियोगिता से आत्मविश्वास बढ़ता है, हर कोई स्टेज पर आकर गीत गाना या अपने आप नहीं बोल सकता है। लेकिन कुछ व्यक्तियों में आत्मविश्वास होता है कि वह मंच पर आकर अपनी बात करें। इस अवसर पर गणमान्य लोग, सैकड़ों विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक मौजूद रहे।