चंडीगढ़, 17.11.25- बापूधाम से सटे शास्त्री नगर क्षेत्र में स्थित सुखना चो के बरसाती नाले की दोनों ओर लगी सुरक्षा रेलिंग पिछले कई महीनों से टूटी पड़ी है। तेज बरसाती बहाव के दौरान यह रेलिंग टूटकर गिर गई थी, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि करीब आधा वर्ष बीत जाने के बाद भी चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। नाले के किनारे रेलिंग न होने के कारण खासकर रात के समय हादसे का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इलाके के लोगों का कहना है कि अंधेरे में या बारिश के दौरान फिसलकर कोई भी वाहन सीधे नाले में गिर सकता है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इसी रास्ते से चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी रोज अपनी व सरकारी गाड़ियों में निकलते हैं

लोगों का कहना है कि प्रशासन जैसे हादसे का इंतजार कर रहा है। कई महीने बीत गए, पर किसी अधिकारी ने सुध नहीं ली समाजसेवी रामेश्वर गिरी ने बताया कि पिछले बरसात के मौसम में तेज पानी का दबाव आने से नाले की दोनों तरफ की दीवार और रेलिंग टूट गई थी। लोगों ने कई बार संबंधित विभागों को शिकायतें भी दीं, लेकिन आज तक रेलिंग को दोबारा लगाने का कोई काम शुरू नहीं हुआ।

रामेश्वर गिरी इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम पर लापरवाही के आरोप लगाए। गिरी ने कहा कि जहाँ रेलिंग की सबसे ज्यादा जरूरत है, वहाँ कोई मरम्मत नहीं हो रही। दूसरी ओर मध्यमार्ग पर बिल्कुल ठीक-ठाक रेलिंग को हटाकर करोड़ों रुपये खर्च कर नई रेलिंग लगाई जा रही है। यह जनता का पैसा पानी में बहाने जैसा है। रामेश्वर गिरि कहा कि मध्यमार्ग पर सड़क कई जगह टूटी पड़ी है, लेकिन इंजीनियरिंग विंग उसे सुधारने की बजाय सही-सलामत रेलिंग बदलने में जुटी है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारी आपसी मिलीभगत से बजट का दुरुपयोग कर रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से जांच का विषय है। गिरी का कहना है कि यदि किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो गया तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशासन और नगर निगम की होगी। रमेशवार गिरी ने मांग की है कि नाले की टूटी रेलिंग को तुरंत लगवाया जाए,नाले की दीवारों की मजबूती का काम किया जाए, रात के समय इस मार्ग पर पर्याप्त स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था की जाए,इंजीनियरिंग विंग के कार्यों की निष्पक्ष जांच हो। प्रशासन की उदासीनता पर उठ रहे सवाल गिरी ने कहा एक तरफ प्रशासन स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ शहर के अंदर ऐसे कई स्थान हैं जहाँ बुनियादी सुरक्षा इंतजाम तक नहीं हैं। सुखना चो के इस बरसाती नाले की टूटी रेलिंग इस बात का बड़ा उदाहरण है कि योजनाओं और जमीनी हकीकत में कितना फर्क है।गिरि ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सामूहिक रूप से धरना-प्रदर्शन कर मामला उठाएंगे। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ जैसे योजनाबद्ध शहर में ऐसी लापरवाही चिंता का विषय है।