चण्डीगढ़, 01.10.25- : कार्यालय महालेखाकार (लेखा व हकदारी) पंजाब एवं चण्डीगढ़ में मनाए गए हिंदी पखवाड़े के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं जिनमें निबंध प्रतियोगिता, शब्द ज्ञान प्रतियोगिता, आशु भाषण प्रतियोगिता, हिंदी कविता पाठ प्रतियोगिता और अधिकारी वर्ग के लिए प्रशासनिक शब्दावली तथा हिंदी सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पुरस्कार वितरण तथा समापन समारोह में विजेता प्रतिभागियों को महालेखाकार ने पुरस्कृत किया।
तृप्ति गुप्ता, महालेखाकार ने अपने संबोधन के दौरान राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संघ की राजभाषा होने के कारण हिंदी केंद्रीय सरकार के कार्यालयों की कामकाज की भाषा है। हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम के दौरान महालेखाकार द्वारा गृह पत्रिका अंकुर के 131वें अंक का लोकार्पण भी किया गया।
हिंदी दिवस के अवसर पर जारी केंद्रीय गृह मंत्री के संदेश का जिक्र करते हुए तृप्ति गुप्ता ने कहा कि हमें भाषाई और सांस्कृतिक चेतना के मूल मंत्र पर पहल करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार अन्य भाषाओं के साथ सखी के रूप में हो। महालेखाकार द्वारा मूल रूप से हिंदी टिप्पण-आलेखन करने वाले कार्मिकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। पखवाड़े का आरंभ होने से पहले सुखनंदन सभरवाल, उप महालेखाकार ने सभी कर्मियों से अपील की थी कि इस माह के दौरान हिंदी में अधिक से अधिक पत्राचार किया जाए। कार्यक्रम के दौरान राकेश रंजन मिश्रा, सहायक निदेशक (राजभाषा) ने सभागार में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि जब कभी भी राष्ट्रीय एकता की बात आती है तो उसमें हिंदी भाषा ज़रूर शामिल होती है क्योंकि यही वो भाषा है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। यह भाषा केवल संवाद का साधन नहीं बल्कि भारतीय पहचान और सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक है।
इन्होंने पखवाड़े के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन हेतु रूपरेखा तैयार की तथा अंकित कुमार, शिवकेश, मनीष कुमार, कविता शर्मा आदि के सहयोग से हिंदी पखवाड़ा 2025 का सफल आयोजन हुआ, जिसके लिए महालेखाकार ने राजभाषा अनुभाग के सभी कार्मिकों को शुभकामनाएं दी।