मंडी, 21 नवंबर। हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (जायका) के तहत आज भड़याल और अपर सकरोहा में किसानों को फसल विविधीकरण और एसएचईपी दृष्टिकोण के लाभों के बारे में जागरूक किया गया। जिला परियोजना प्रबंधक इकाई मंडी और खंड परियोजना प्रबंधन इकाई मंडी की ओर से बहाव सिंचाई योजना ठंडी बावड़ी से भड़याल तथा पाजा नाला से अपर सकरोहा के कार्यों को स्थानीय भाषा में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किसानों के सामने प्रस्तुत किया गया। किसानों को बताया गया कि विविधिकरण अपनाने से आय बढ़ती है और नगदी फसलों की ओर बढ़ने से बाजार में बेहतर मूल्य प्राप्त होता है।
कार्यक्रम में एसएचईपी के अंतर्गत “फसल उगाकर बेचने” के बजाय “बेचने के लिए फसल उगाने” की सोच पर विशेष बल दिया गया। किसानों को बाजार की मांग देखकर फसल उत्पादन करने, अपने उत्पाद स्थानीय बाजारों और नजदीकी सब्जी मंडियों में बेचने तथा नियमित रूप से इनसे जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही कुहल निर्माण, रखरखाव और सिंचाई प्रबंधन के बारे में भी मनोरंजक शैली में जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में खंड परियोजना प्रबंधक डॉ. राजेश कुमार, कृषि विकास अधिकारी हंस राज, कृषि विशेषज्ञ अमित शर्मा, कृषि अधिकारी भूमिका शर्मा तथा कृषक विकास संघों के प्रतिनिधि और अन्य किसान उपस्थित रहे।