चण्डीगढ़, 24.08.25- : लेखक-कवि डॉ. विनोद कुमार शर्मा द्वारा रचित 'बोधयन्ती' और 'मन के मंदिर से' पुस्तकों का विमोचन चिंतपुरनी मंदिर में विधिवत रूप से हुआ। कार्यक्रम से पूर्व चिंतपुरनी माता के मंदिर में जयकारे लगे और वैदिक मंत्रों से हवन हुआ। बोधयन्ती का अर्थ जगाना है अर्थात मानव को जागृत करना है। 'बोधयन्ती' काव्य संग्रह में मानव जीवन को देवगुणों से सुसज्जित करने की कामना की गई है। मनुष्य को हर पल मुस्कुराते हुए जीवन यापन करने के लिए कहा है। बुरे लोगों से सतर्क रहने के लिए आगाह किया गया है। वहीं दूसरे काव्य संग्रह 'मन के मंदिर से' ईश्वर स्तुति, प्रार्थना उपासना का भजन संग्रह है। डॉ विनोद शर्मा ने बताया कि जीवन के सफ़र में अच्छे लोगों का साथ मिला। 'मन के मंदिर से' भजन-संग्रह को ईश्वर की कृपा समझता हूं।