मनीमाजरा, 05.07.25- : बनभौरी माता मंदिर पीपली वाला टाऊन मनिमाजरा में गुप्त नवरात्रों के अवसर पर आयोजित श्रीमद्देवी भागवत कथा के षष्ठम दिवस में सद्भावना दूत पुराणाचार्य डाॅ रमनीक कृष्ण जी महाराज ने आदि गौ सुरभि देवी का उपाख्यान का वर्णन करते हुए बताया कि जब नारद जी ने भगवान नारायण से गोलोक से आई सुरभि देवी के जन्म का चरित्र जानने की इच्छा जताई तो भगवान नारायण ने बताया कि देवी सुरभि लोक में प्रकट हुई। वह गौ माता की अधिष्ठात्री देवी, गौ की आदि, गौओ की जननी तथा सम्पूर्ण गौओ में प्रमुख थी। सभी गौ से पहली गौ का जन्म वृंदावन में हुआ है। एक समय की बात है, राधापति कौतुकी भगवान् श्री कृष्ण श्रीराधा के साथ गौपांगनाओ से घिरे हुए पुण्य वृंदावन में गए व थक जाने के बहाने किसी एकांत स्थान पर बैठ गए और प्रभु के मन में दूध पीने की इच्छा हो गई। उसी क्षण उन्होंने अपने वामभाग से लीलापूर्वक सुरभि देवी को प्रकट कर दिया। बछड़ा उस गौ के साथ था। उसके स्तनों में दूध भरा था। उसके बछड़े का नाम मनोरथ था। श्रीदामा ने एक नए पात्र में उसका दूध दुहा। वह दूध जन्म और मृत्यु को दूर करने वाला एक दूसरा अमृत ही था।