मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना: बिलासपुर जिले में 157 पात्र लाभार्थियों को 17.21 लाख रुपये की सहायता

बिलासपुर, 31 मई: मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य बेसहारा, अनाथ और जरूरतमंद बच्चों एवं युवाओं को सहायता एवं सशक्तिकरण प्रदान करना है। योजना की प्रगति की समीक्षा हेतु शनिवार को उपायुक्त राहुल कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रहे और योजना की जानकारी पंचायत स्तर तक अवश्य पहुँचाई जाए, जिससे अधिक से अधिक पात्र लोग इससे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को योजना के लाभार्थियों की सफलता की कहानियाँ तैयार करने के भी निर्देश दिए।

उपायुक्त ने बताया कि जिले में अब तक मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के अंतर्गत कुल 157 पात्र लाभार्थियों को 17 लाख 21 हजार 66 रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 की अवधि के दौरान 0 से 18 वर्ष तक की आयु के 10 लाभार्थियों को 1 लाख 20 हजार रुपये, 18 से 27 वर्ष तक के 124 लाभार्थियों को 14 लाख 78 हजार 66 रुपये तथा बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे 0 से 18 वर्ष तक की आयु के 23 बच्चों को 1 लाख 23 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है।

इसके अतिरिक्त 27 वर्ष तक के 15 पात्र युवाओं को दो लाख रुपये प्रति लाभार्थी की दर से कुल 30 लाख रुपये की विवाह अनुदान राशि दी गई। योजना के अंतर्गत भवन निर्माण हेतु 20, स्वरोजगार प्रारंभ करने हेतु 6, उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु 23, व्यावसायिक प्रशिक्षण हेतु 5 तथा कौशल विकास हेतु एक पात्र व्यक्ति को सहायता प्रदान की गई है।

स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत जिले में 0 से 18 वर्ष तक की आयु के 110 बच्चों को प्रति माह 4 हजार रुपये प्रति बच्चा की दर से सहायता दी जा रही है। इस योजना में 28 नए जरूरतमंद बच्चों को शामिल करने के लिए भी बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई।

उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर कार्य करने का आग्रह किया, जिससे योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक समय पर पहुंच सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें।

इस बैठक में सीनियर सिविल जज एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर प्रतीक गुप्ता, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा, जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी शैली गुलेरिया एवं संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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विकसित भारत कृषि संकल्प अभियान के तहत बिलासपुर में आयोजित हुए विशेष कार्यक्रम

बिलासपुर 31 मई 2025- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा खरीफ पूर्व अभियान के तहत "विकसित भारत कृषि संकल्प अभियान" का आयोजन 29 मई से 12 जून 2025 तक देशभर में किया जा रहा है। यह कार्यक्रम किसानों को आत्मनिर्भर, टिकाऊ और नवोन्मुखी कृषि पद्धतियों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वाकांक्षी और समर्पित प्रयास है। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को क्षेत्रीय खरीफ फसलों से संबंधित आधुनिक तकनीकों, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग, सरकारी योजनाओं, नीतियों एवं कृषि क्षेत्र में हो रहे नवाचारों की जानकारी प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, यह पहल किसानों से प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से फीडबैक प्राप्त कर अनुसंधान एवं नीतिगत सुधारों को दिशा देने की भी भूमिका निभा रही है।

उप-निदेशक कृषि बिलासपुर डॉ. प्रेम चन्द ने जानकारी दी कि इस अभियान के अंतर्गत जिले में 29 मई 2025 को सदर विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम नम्होल, तयामन एवं पजैल कला तथा 30 मई को ग्राम गोटा और सलनु में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों के दौरान किसानों को विभिन्न कृषि योजनाओं की जानकारी दी गई, प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया एवं आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में किसानों की भागीदारी रही और उन्होंने इस पहल की सराहना की।

उन्होने बताया कि इस राष्ट्रव्यापी अभियान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। लगभग 2000 वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों की टीमें देशभर में दूरदराज के गांवों में जाकर किसानों से प्रत्यक्ष संवाद कर रही हैं। इस अभियान के माध्यम से एक से डेढ़ करोड़ किसानों से सीधा संपर्क स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होने बताया कि बिलासपुर जिले में आयोजित कार्यक्रमों में वैज्ञानिक समुदाय की भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय रही है। ICAR-NBPGR अनुसंधान केंद्र, शिमला के प्रधान वैज्ञानिक एवं टीम लीडर डॉ. मोहर सिंह के नेतृत्व में यह अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उनके साथ वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र नेगी और डॉ. प्रमोदप्रसाद ने भी सक्रिय भूमिका निभाई और किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे बीज संरक्षण, जल प्रबंधन, स्मार्ट खेती और जैविक पद्धतियों पर प्रशिक्षित किया। कृषि विभाग की ओर से विषयवस्तु विशेषज्ञ श्री रतन ठाकुर ने विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी, वहीं बागवानी विभाग से डॉ. जेना बयाल और डॉ. रजना गुप्ता ने भी किसानों को विभागीय योजनाओं और तकनीकी सहायता के बारे में मार्गदर्शन प्रदान किया।

डॉ. प्रेम बन्द ने यह भी कहा कि "विकसित भारत कृषि संकल्प अभियान" केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह किसानों के भविष्य को अधिक आत्मनिर्भर, विज्ञान-आधारित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है। यह कार्यक्रम पारंपरिक कृषि को आधुनिक नवाचारों से जोड़ते हुए समावेशी और सतत कृषि विकास को प्रोत्साहित कर रहा है।

उन्होंने सभी संबंधित विभागों, अधिकारियों और कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे इस अभियान को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए पूर्ण सहयोग दें और इस पहल को जन-जन तक पहुंचाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।