अपात्र तुरन्त प्रभाव से बेरोजगारी भत्ता लेना छोडें
मंडी 16 जून। जिला रोजगार अधिकारी मंडी अक्षय कुमार ने बेरोजगारी भत्ता ले रहे अपात्र लाभार्थियों से इसे तुरन्त प्रभाव से छोड़ने और अपने नजदीकी रोजगार कार्यालय में जाकर बेरोजगारी भत्ता बंद करवाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कुछ अपात्र लाभार्थी बरोजगारी भत्ता योजना के नियमों की अवहेलना करके बेरोजगारी भत्ता ले रहे है। जिला में इस समय लगभग 350 से अधिक आवेदक ऐसे पाये गये है जो कि विभिन्न महाविद्यालयों व संस्थानों से प्रशिक्षण ग्रहण कर रहे हैं और साथ में बेरोजगारी भत्ता योजना का भी लाभ ले रहे है, जबकि इस योजना का लाभ केवल बेरोजगार वर्ग की उठा सकता है।
उन्होंने बताया कि जिला मण्डी के विभिन्न महाविद्यालयों व प्रशिक्षण संस्थानों से सम्पर्क करके आँकड़े एकत्रित किये गये हैं तथा आँकड़ों का मिलान इस योजना के तहत पंजीकृत आवेदकों से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बेरोजगारी भत्ता योजना के अंतर्गत विद्यार्थी, निजी संस्थाओं में कार्य कर रहे अपात्र भी इसका लाभ ले रहे है जोकि इस योजना के दिशा निर्देशों व नियमानुसार सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि स्वयं घोषणा प्रमाण पत्र कानून के दायरे में आईपीसी की धारा 199 व 200 के अन्तर्गत आता है। अगर कोई झूठा प्रमाण पत्र देकर बेरोजगारी भत्ता ले रहा है तो वह इसे तुरन्त छोड दे। इससे उनका भविष्य भी सुरक्षित हो सके और साथ ही भविष्य में उन्हें किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही का सामना नहीं करना पडे़गा।
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नोडल क्लब योजना के अंतर्गत युवा स्वयंसेवी नोडल क्लब व युवा स्वयंसेवी (कार्यालय) का होगा चयन
आवेदन की अंतिम तिथि 23 जून
मंडी 16 जून। युवा सेवा एवं खेल विभाग मंडी द्वारा वर्ष 2023-25 के लिए नोडल क्लब योजना के तहत जिला मंडी के प्रत्येक विकास खंड में एक युवा स्वयंसेवी, नोडल क्लब व युवा स्वयंसेवी (कार्यालय) का चयन किया जाएगा युवा स्वयंसेवी बनने के इच्छुक युवा जिला युवा सेवा एवं खेल अधिकारी मंडी कार्यालय से आवेदन प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं। जिला युवा सेवा एवं खेल अधिकारी मंडी जगदीश नायक ने बताया कि आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 23 जून है। युवाओं का चयन साक्षात्कार के आधार पर होगा जो कि 24 जून को 10 बजे से जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी मंडी के कार्यालय पडडल स्टेडियम में होगा। साक्षात्कार के लिए उम्मीदवारों को अलग से पत्र जारी नहीं होंगे। उम्मीदवारों की आयु 31 मार्च 2023 तक 28 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता जमा दो है, तथा मुख्यालय में रखे जाने वाले युवा स्वयंसेवी की शैक्षणिक योग्यता स्नातक व कम्प्यूटर में दक्ष होना अनिवार्य है। युवा स्वयंसेवी को प्रतिमाह 3000 रुपये मानदेय दिया जाएगा व चयन दो साल के लिए होगा। जिस जगह पर नोडल क्लब स्थापित हो युवा स्वयंसेवी उसी जगह तथा खंड का स्थायी निवासी होना चाहिए। अगर युवा स्वयंसेवी का कार्य संतोषजनक नहीं पाया जाता है तो उसे 15 दिन का नोटिस देकर निकाल दिया जाएगा। युवा स्वयंसेवी नियमित छात्र तथा सरकारी या गैर सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
नोडल क्लब हेतु प्रत्येक विकास खंड के युवक मण्डल व स्पोर्ट्स क्लब 23 जून तक जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी मण्डी के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। नोडल क्लब बनाने हेतु क्लब को वर्ष 2022-2023 में किए गए सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा खेल गतिविधियों की उपलब्धियों की विस्तृत रिपोर्ट सहित आवेदन करना होगा। उत्कृष्ट क्लब का चयन, नोडल क्लब वर्ष 2023-25 हेतु गठित कमेटी द्वारा किया जाएगा।
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जिला के प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के पुरजोर प्रयास-डॉ. पाठक
नाहन 16 जून। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय पाठक ने कहा कि सिरमौर जिला के लोगों को बेहतर चिकित्सा उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला के क्षेत्रीय अस्पताल में सभी प्रकार की बीमारियों के विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। जिला मुख्यालय में मेडिकल कॉलेज भी कार्यरत हैं जहां लोगों को उपचार सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिला के अन्य चिकित्सा खण्डों में जहां चिकित्सक कम हैं, वहां पर प्रतिनियुक्ति करके मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। संगड़ाह विकास खण्ड का जिक्र करते हुए पाठक ने कहा कि नौराधार, संगड़ाह व हरिपुरधार में स्वास्थ्य केन्द्रों की सुविधा सहित कुल 25 स्वास्थ्य उपकेन्द्र उपलब्ध हैं जहां पर दूरवर्ती क्षेत्रों के लोगों का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिये प्रतिनियुक्ति पर गायनी विशेषज्ञों को भेजा जाता है ताकि महिलाओं को उपचार के लिये जिला अस्पताल तक न आना पड़े। हालांकि कुछ स्वास्थ्य संस्थानों में जो रिक्त पद हैं, उन्हें भरने के लिए उच्च स्तर पर अवगत करवाया गया है और निकट भविष्य में आवश्यक रिक्त पदों को भर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे स्वास्थ्य संस्थानों का भी सुचारू संचालन प्रतिनियुक्ति के माध्यम से करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
डॉ. पाठक ने कहा कि टीकाकरण का कार्य सुचारू रूप से चले, इसके लिए स्टाफ को इन क्षेत्रों में टीकाकरण के दिनों प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है
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नशामुक्त समाज निर्माण में शिक्षक वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण : विश्वमोहन देव
ऊना 16 जून : किशोरावस्था में बच्चों में नई चीज़ों के प्रति जिज्ञासा प्राकृतिक रूप से विकसित हो रही होती है तथा इस आयु में बच्चों में सही व गलत का निर्णय लेने की समझ का अभाव रहता है। जिसके कारण बच्चे नशे की चपेट में आ रहे हैं। यह बात एसडीएम ऊना विश्वमोहन देव चौहान ने शुक्रवार को ज़िला ऊना में चलाए जा रहे नशामुक्त अभियान के तहत ऊना उपमण्डल के सरकारी व गैर सरकारी स्कूल के प्रिंसीपल के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
एसडीएम ने कहा कि नशाखोरी पर की गई रिसर्च में कई चौंकाने वाले और भयानक आंकड़े सामने हैं। जिसके अनुसार नशे की चपेट में आने वाले वे बच्चे हैं, जिन्होंने पहला नशा 9 से 15 वर्ष की आयु में प्रथम बार चखा था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में घटित हो रही अप्रत्याशित घटनाओं व दुर्घटनाओं के लिए अधिकतया कारण युवाओं में मादक द्रव्यों का सेवन सामने आया है। उन्होंने कहा कि चूंकि इस उम्र में बच्चे अभिभावकों और शिक्षकों की निगरानी में होते हैं। ऐसे में मादक द्रव्यों के प्रति बच्चों को सचेत करने के लिए अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षक वर्ग की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
विश्वमोहन ने कहा कि यह नशामुक्ति अभियान एक सामूहिक अभियान है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति व परिवार से लेकर पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग इत्यादि सभी विभागों को एक साथ लाया गया है ताकि आने वाली युवा-पीढ़ी की इससे बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत प्रत्येक स्कूल के एक शिक्षक को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो नियमित रूप से बच्चों के साथ काउंसलिंग करके उन्हें जागरुक करेंगे। इसके अलावा पीटीएम में अभिभावकों के साथ भी काउंसलिंग करें ताकि बच्चों की दैनिक गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके।
बैठक में उपनिदेशक शिक्षा देवेन्द्र चन्देल, रिसोर्स पर्सन नशामुक्ति अभियान विजय कुमार, पंकज पंडित तथा ऊना उपमण्डल के सभी सरकारी व निजी स्कूलों के प्रिंसीपल ने भाग लिया।
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ग्राम पंचायत अम्बेहड़ा धीरज़, कठोह, खरयालता, जोल व चैकी खास में 28 जून को आयोजित होंगी ग्राम सभा की विशेष बैठकें
ऊना, 16 जून - हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के तहत कुछ मामले वन अधिकार अधिनियम के तहत अनुमोदन हेतू लंबित है। इस संबंध में जानकारी देते हुए कार्यकारी उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम 2006 की अधिसूचना के मद संख्या 3 अनुसार वन अधिकार अधिनियम संबंधी मामले ग्राम सभा में पारित किए जाना आवश्यक हैं। उन्होंने पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 5 व हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (सामान्य नियम) 1997 के नियम 9(2) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एफआरए अनुमोदन के उद्देश्य से विकास खंड बंगाणा की ग्राम पंचायत अम्बेहड़ा धीरज़, कठोह, खरयालता, जोल व चैकी खास में 28 जून को ग्राम सभा की विशेष बैठकें आयोजित की जाएंगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए हैं कि इन ग्राम पंचायतों में आयोजित होने वाली ग्राम सभा की विशेष बैठकों में वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 व 4 के अनुसार जनहित योजनाओं को पारित करवाएं।
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पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी ईकेवाईसी सत्यापन करवाना सुनिश्चित करें
ऊना, 16 जून - उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सभी पंजीकृत किसानों का ईकेवाईसी प्रमाणीकरण पूर्ण नहीं हुए हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत केवल 86 प्रतिशत लाभार्थियों का ही सत्यापन पूर्ण हुआ है। उन्होंने बताया कि शेष बचे 14 प्रतिशत लाभार्थियों को आगामी किश्त उनका ईकेवाईसी प्रमाणीकरण सत्यापन होने के उपरांत ही जारी की जाएगी।
इसके अतिरिक्त जिन लाभार्थियों का भूमि रिकाॅर्ड पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ है वे भी संबंधित पटवारी के माध्यम से अपना रिकाॅर्ड पोर्टल पर अपलोड करवाएं। उन्होंने बताया कि सभी लाभार्थी अपना बैंक खाता भी आधार से लिंक करवाना सुनिश्चित करें। ईकेवाईसी, लैंड सीडिंग व बैंक खाता आधार से लिंक होने के उपरांत ही लाभार्थी पीएम किसान योजना की आगामी किश्त का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
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1364 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती/धात्री महिलाओं, 6 वर्ष तक के बच्चों को किया जा रहा लाभान्वित
ऊना, 16 जून - महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों के कल्याणार्थ विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। यह जानकारी कार्यकारी उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने जिला स्तरीय निगरानी एवं समीक्षा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि जिला में 1364 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 3 वर्ष आयु तक के 18,255, 3 से 6 वर्ष आयु तक के 5,670 बच्चों को विशेष पोषण कार्यक्रम, 5,670 बच्चों को पूर्वशाला शिक्षा तथा 7,243 गर्भवती/धात्री महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है।
घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं का हर माह फाॅलोअप करना सुनिश्चित करें संरक्षण अधिकारी
महिलाओं के अधिकारों की रक्षा तथा उनके सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कानून बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के बारे में महिलाओं को जानकारी होनी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा से महिलाओं की रक्षा के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 बनाया गया है। इस अधिनियम के तहत नियुक्त संरक्षण अधिकारियों को इस अधिनियम के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए तथा अपने कार्यक्षेत्र में घरेलू हिंसा का कोई भी मामला आने पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा से सम्बन्धित जो भी मामला आए हर माह उस मामले का फाॅलो अप सुनिश्चित करें इससे पिडिता का मनोबल भी बढेगा और उसे एहसास होगा कि उसकी सुनवाई हो रही है। और इस प्रकार के मामलों की पुनरावृति भी न हो उन्होंने बताया कि 31 मार्च, 2023 तक घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के 253 मामले प्राप्त हुए जिसमें 170 मामलों में संरक्षण अधिकारियों द्वारा काउंसलिग की गई।
वन स्टोप सेंटर के तहत पीड़ित महिलाओं को प्रदान की जा रही त्वरित सहायता
सभी प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए जिला में वन स्टोप सेंटर बनाया गया है। जिसके माध्यम से गत वित्तीय वर्ष के दौरान 30 पीड़ित महिलाओं को जरूरी मदद प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि पीड़ित महिलाओं के लिए मेडिकल जांच व उपचार की व्यवस्था, आपात स्थिति में रहने-खाने की सुविधा, सेंटर में कानूनी सलाह के लिए वकील भी उपलब्धता के साथ-साथ ही पीड़ित महिला एवं बालिका को मनोवैज्ञानिक परामर्श और काउंसिलिंग की सुविधा प्रदान की जाती है। उन्होंने लोगों से आहवान किया है कि किसी भी पीड़ित महिला को वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से सहायता उपलब्ध करवाने हेतु सेंटर को दूरभाष नम्बर 01975 225844 सूचित करें। यह सेंटर 24 घंटे सातों दिन सेवाएं प्रदान करता है।
बैठक में दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, अनैतिक तस्करी अधिनियम 1956 और हिमाचल प्रदेश विवाह पंजीकरण अधिनियम 2006 पर भी विस्तृत चर्चा की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी सतनाम सिंह ने बताया कि सीडीपीओ, सुपरवाईजर और आंगनबाडी कार्यकर्ता सम्बन्धित पंचायतों में इन अधिनियमों के बारे में नियमित रूप से जागरूक कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने जिला स्तरीय पोषण समिति की बैठक में विभागीय पोषण कार्यक्रमों के सभी बिन्दुओं की प्रगति के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अनीता शर्मा, उपनिदेशक कृषि विभाग कुलभूषण धीमान, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी आनंदी शैली,एसएवीई एनजीओ से राजेश शर्मा, डाईट देहलां के प्रधानार्चा राकेश अरोड़ा, डाॅ रिचा कालिया, तहसील कल्याण अधिकारी जितेंद्र कुमार, समस्त बीडीओ और सीडीपीओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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