करनाल।06.01.23- मीडिया प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ है। भारतीय मीडिया राजनीतिक पक्ष -विपक्ष को संतुलित कवरेज देता रहा है। ऐसे में भारत यात्रा पर निकले ' भारत भंजक ' कांग्रेस के भटके हुए युवराज राहुल गांधी सार्वजनिक मंचों से समूचे मीडिया जगत को पक्षपाती करार देकर बारंबार राजनीतिक नासमझी का परिचय दे रहे हैं । राहुल गांधी सरकार को नीतियों पर तो अनर्गल बोल ही रहे हैं साथ में मीडिया को भी उसी लाठी से हांक रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि असल में राहुल की तरकश में मुद्दों के तीर ही नहीं हैं और वे ख़ुद को सियासी महावीर दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं।भारतीय जनता पार्टी मीडिया पर हमलों को संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी का अमर्यादित दुरुपयोग मानती है।
डॉ. चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के शिखर नेता राहुल गांधी को यह श्रेय जाता है कि उनकी अगुवाई में भारत की सबसे प्राचीन पार्टी सत्ता के सबसे ऊंचे पायदान से खिसक कर सियासत के गर्त में पहुंच गई है। भाजपा नेता चौहान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अधेड़ उम्र पार कर चुके युवराज न जाने किन सलाहकारों के सहारे राजनीति कर रहे हैं जो आए दिन उन्हीं के हाथों कांग्रेस की बखिया उधेड़ने वाले काम करवा देते हैं। उन्होंने कहा की मीडिया के सिर पर ठीकरा फोड़ने के बजाय कांग्रेस को चाहिए कि वह गहन आत्ममंथन कर यह पता करने की कोशिश करें कि आखिर भारतवासियों ने उसके साथ दूरी क्यों बना ली है।
डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा जिन जिन मुद्दों पर आज तक नरेंद्र मोदी सरकार को मीडिया के माध्यम से घेरने की कोशिश की, अमूमन हर ऐसे मुद्दे पर उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। मीडिया ने राफेल को लेकर राहुल के निरर्थक बयानों को खूब जगह दी और यह मामला आखिर अदालत तक भी गया। न्यायपालिका ने विपक्षी बयान बाजी को तथ्यों से परे पाया तब जाकर राहुल की बोलती बंद हुई। लगभग ऐसी स्थिति नोट बंदी को लेकर हुई। राहुल ने मीडिया के सामने नोट बंदी को लेकर खूब रोना-धोना किया। यहां तक कि प्रधानमंत्री से माफी मांगने के लिए कहा। यह मामला भी अदालत में गया और आखिर सर्वोच्च न्यायालय ने विपक्षी आरोपों को सिरे से नकार दिया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नोटबंदी पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के दृष्टिगत राहुल गांधी से मांग करती है कि वह नोट बंदी को लेकर दिए गए अपने तमाम कुतर्क पूर्ण बयानों के लिए देश की जनता से माफी मांगे।
डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि यात्रा निकालना कांग्रेस और राहुल गांधी का अधिकार है परंतु भारत जोड़ो यात्रा में भारत जोड़ने वाली एक भी बात कांग्रेस नेता के मुंह से नहीं निकली।उन्होंने देश को एक सूत्र में बांधने वाली भारत की राजभाषा हिंदी का निरादर किया और देश की सरहदों की रक्षा कर रही सेना की भूमिका पर भी नकारात्मक टिप्पणियां करने से नहीं चूके। डॉ. चौहान ने कहा कि राहुल की यात्रा से हरियाणा की अंदरूनी तौर पर विखंडित कांग्रेस दो-चार दिन के लिए अस्थाई तौर पर एकजुट नजर आ सकती है मगर इसके अलावा कांग्रेस को राहुल की कसरत से कुछ हासिल होने वाला नहीं है।