*खनन गतिविधियों पर कड़ा प्रहार, बंगाणा, टाहलीवाल और अंब में 5 एफआईआर दर्ज *
ऊना, 25 नवम्बर। उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने ऊना जिला में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। इन्हीं के तहत जिला पुलिस ने खनन सामग्री ले जाने वाले टिप्परों पर सख्त कार्रवाई करते हुए कड़ा प्रहार किया है।
पुलिस अधीक्षक ऊना अमित यादव ने आज मंगलवार को प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि शाम 5 बजे के बाद टिप्परों के जरिए खनन सामग्री की ढुलाई पर पूर्ण प्रतिबंध है। इस नियम का उल्लंघन करने पर जिले में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें 2 एफआईआर बंगाणा क्षेत्र में दर्ज हुईं जिनमें 9 टिप्पर जब्त किए गए। वहीं टाहलीवाल क्षेत्र में 2 तथा अंब क्षेत्र में 1 एफआईआर दर्ज की गई है।
अमित यादव ने कहा कि शाम 5 बजे से क्रशर एरिया से जिला सीमा तक टिप्परों की आवाजाही पूर्णतः बंद है। पंजाब की ओर से आने वाले एक्सटेंडेड बॉडी टिप्परों पर भी कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। इसी के तहत हाल ही में तीन एक्सटेंडेड बॉडी टिप्परों पर भारी जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने बताया कि खनन सामग्री ढुलाई के लिए निर्धारित कॉरिडोर तय किए गए हैं और पुलिस इन मार्गों पर भी लगातार कड़ी निगरानी रख रही है। इसके साथ ही, टिप्पर संचालकों को निर्देश दिए कि वाहन से संबंधित सभी दस्तावेज़ पूर्ण रखें तथा नम्बर प्लेट स्पष्ट एवं मानक के अनुरूप हो। किसी भी प्रकार की कोताही पाए जाने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
शराब बिक्री के समय निर्धारण और अहातों पर नज़र
उन्होंने बताया कि जिला ऊना में शराब बिक्री के लिए रात 10 बजे तक का समय निर्धारित है। बार, पब, होटल और शराब ठेके निर्धारित समय के भीतर ही बिक्री सुनिश्चित करें। समय के बाद शराब वितरण के मामलों में दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में 100 से अधिक लीकर वेंड हैं, जिनमें से केवल कुछ को ही अहाता संचालन की अनुमति है। एसपी ने स्पष्ट किया कि जिन विक्रेताओं के पास अहाता संचालन की अनुमति नहीं है, वे तुरंत अहाता बंद करें, अन्यथा लिकर वेंड संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अवैध खनन व शराब से संबंधित शिकायतें करने की अपील
एसपी ने आम जनता से अपील की कि यदि अवैध खनन या शराब संबंधी गतिविधियों की सूचना मिलती है तो वे पुलिस को अवश्य सूचित करें। नागरिक ऐसी जानकारी उनके निजी मोबाइल नंबर पर टेक्स्ट या व्हाट्सएप के माध्यम से भी दे सकते हैं। सूचना देने वाले का नाम पूर्णतः गोपनीय रखा जाएगा।
हथियार जमा कराने के निर्देश
जिले के सभी लाईसेंसधारियों को 26 नवम्बर यानि बुधवार तक अपने हथियार जमा करवाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। सत्यापन उपरांत ही आवश्यक लाइसेंस धारकों को पुनः अनुमति प्रदान की जाएगी। एसपी अमित यादव ने स्पष्ट कहा कि जिला में कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जिला प्रशासन हर हाल में शांति, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

डीसी चौक से मैहतपुर बैरियर सड़क टिप्परों की आवाजाही बैन
डीसी चौक से मैहतपुर बैरियर सड़क तक भारी वाहनों की आवाजाही को विनियमित किया है। जिला प्रशासन ने यह निर्णय ऊना शहर में बढ़ते जाम और आम जनता की परेशानी को मध्यनज़र रखते हुए लिया है। टिप्परों की आवाजाही को इस पूरे मार्ग पर पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। व्यवसायिक भारी वाहनों की आवाजाही सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक बंद की गई है। प्रतिबंध अवधि में वाहन झलेड़ा-डीसी चौक-संतोषगढ़-अजौली मोड़ मार्ग का उपयोग करेंगे। इसके साथ ही, लोडिंग-अनलोडिंग पर भी सुबह 8 से रात 9 बजे तक रोक रहेगी।

खनन गतिविधियों पर पूर्णतः रोक, स्वां नदी के समीप वाहनों की आवाजाही बंद
जिला प्रशासन ने खनन संबंधित गतिविधियों पर पूर्ण बैन लगा दिया है। वैध खनन के लिए भी समय और कॉरिडोर तय कर दिए गए हैं। जिले में शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक सभी प्रकार की खनन गतिविधियां पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दी गई हैं। इसी अवधि में खनन से जुड़े वाहनों और सामग्री के परिवहन पर भी सख्त रोक लगाई गई है।
वैध खनन लीज धारकों को सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक खनन कार्य की अनुमति रहेगी, लेकिन खनन सामग्री ढुलाई के लिए सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ही अनुमति होगी। आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर तत्काल दंडात्मक कार्रवाई होगी।

वैध खनन सामग्री ढुलाई के लिए विशेष कॉरिडोर चिन्हित
उपायुक्त ने बताया कि निर्धारित समय अवधि के भीतर सामग्री ढुलाई के लिए विशेष कॉरिडोर भी चिन्हित किए गए हैं। सभी लीजधारकों को निर्धारित समय और निर्धारित मार्ग का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। इन रूट पर निगरानी के लिए चेकपोस्ट बनाई गई हैं। इनमें ऊना से नंगल वाया मैहतपुर, टाहलीवाल से गढ़शंकर( भंगला रोड़ वाया बाथड़ी), दुलैहड़ से गढ़शंकर वाया गोंदपुर जयचंद, जननी से माहलपुर वाया जननी खड्ड, घालूवाल से होशियारपुर वाया पंडोगा, गगरेट से होशियारपुर वाया आशा देवी बैरियर, वीरभद्र चैक से नंगल वाया सैजोवाल बैरियर, अजौली से पंजाब की ओर और दौलतपुर से तलवाड़ा वाया मरबाड़ी कॉरिडोर तय किया गया है।
इसके साथ ही, आज स्टोन क्रशर एसोसिएशन ऊना ने अवैध खनन के विरुद्ध जिला प्रशासन के कड़े फैसलों के अनुपालन में अपनी तत्परता प्रदर्शित की है।
एसोसिएशन ने कहा कि भारी वाहनों की आवाजाही संबंधी नई नियमावली से उन्हें कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। गैर-कानूनी गतिविधियों पर हर तरह की सख्ती को वे स्वीकार करते हैं। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि जिले के व्यापक हित, सुव्यवस्थित व्यवस्था और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए वे प्रशासन के साथ मजबूती से खड़े हैं।
हालांकि, एसोसिएशन ने डीसी और एसपी से मिलकर कुछ स्थानों पर वाहनों की आवाजाही के रूट में संशोधन का निवेदन भी किया है।
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ऊना शहर में व्यवस्था की मजबूती को फील्ड में उतरे डीसी–एसपी

ऊना, 25 नवंबर. जिला मुख्यालय ऊना में व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए जिला प्रशासन ने मंगलवार को सख्त रुख अपनाया। जिलाधीश ऊना जतिन लाल और एसपी अमित यादव पुलिस तथा नगर निगम अधिकारियों की टीम के साथ स्वयं फील्ड में उतरे। टीम ने मुख्य बाजार से हाईवे तक लगभग डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र का पैदल निरीक्षण किया और यातायात व अतिक्रमण से जुड़ी स्थितियों का विस्तृत जायजा लिया।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने लोगों और दुकानदारों से बातचीत कर उनकी समस्याएं समझीं तथा व्यापारियों से अतिक्रमण हटाने और पार्किंग नियमों का पालन करने का आग्रह किया। इस दौरान नगर निगम के कर्मचारी और आधा दर्जन से अधिक पुलिस जवान भी टीम के साथ मौजूद रहे।

डीसी जतिन लाल ने कहा कि मुख्य बाजार और हाईवे पर बढ़ती अव्यवस्था से लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
उन्होंने व्यापारियों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि
गाड़ियां निर्धारित पार्किंग में ही खड़ी की जाएं, अतिक्रमण हटाएं और शहर की व्यवस्था को सुधारने में प्रशासन का साथ दें।
उन्होंने बताया जीवन मार्केट की खराब स्थिति कसंज्ञान लेते हुए नगर निगम को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

वन-वे सिस्टम और पार्किंग रेट तय करने पर विचार

डीसी ने कहा कि शहर की व्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से दुरुस्त करने के लिए जल्द ही निर्णायक कदम उठाए जाएंगे। प्रशासन वन-वे सिस्टम लागू करने पर विचार कर रहा है। साथ ही, नो पार्किंग जोन और सरकारी व निजी पार्किंग के रेट भी निश्चित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

बाहरी लोगों के पंजीकरण को लेकर सख्ती

जतिन लाल ने बताया कि कई बाहरी लोग ऊना में व्यापार, फेरी लगाकर सामान बेचने या भीख मांगने जैसी गतिविधियाँ कर रहे हैं, लेकिन यह ध्यान में आया है कि उनमें से अनेकों का कोई पंजीकरण नहीं है। इसको देखते हुए नगर निगम को पंजीकरण अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें पुलिस भी सहयोग करेगी।

उन्होंने दुकानदारों से भी अपील की कि वे किसे दुकान दे रहे हैं, कितने किराए पर दे रहे हैं,किराएदार कहां रह रहे हैं और कहां से आए हैं, इन सबका रिकॉर्ड अवश्य रखें, ताकि सुरक्षा व्यवस्था बेहतर की जा सके।

उन्होंने कहा कि चोरी व अन्य वारदातों में कई बार ऐसे लोग शामिल पाए गए हैं जो थोड़े समय के लिए आकर रेकी करते हैं और अपराध कर चले जाते हैं। इसलिए लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन को सहयोग देने की आवश्यकता है।
सहयोग नहीं तो कार्रवाई

डीसी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि प्रशासनिक निर्देशों की अवहेलना करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल और व्यापारी अपनी समस्याएं और सुझाव प्रशासन के समक्ष रख सकते हैं। जायज मांगों पर प्रशासन पूरा सहयोग देगा, लेकिन शहर की व्यवस्था और कानून-व्यवस्था बनाए रखना सभी की साझा जिम्मेदारी है।

अवैध पार्किंग और अतिक्रमण पर होगी कड़ी करवाई
वहीं, एसपी अमित यादव ने कहा कि शहर की अव्यवस्था को दूर करने के लिए सख्ती आवश्यक है, क्योंकि अवैध पार्किंग के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं और पैदल चलने वालों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने व्यापारियों को आगाह किया कि दुकानें सड़क तक न फैलाएं और सड़क पर किसी भी प्रकार का कब्जा न करें। एसपी ने बताया कि पुलिस और नगर निगम की टीमें जल्द ही चरणबद्ध तरीके से फील्ड में उतरेंगी और आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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डेयरी व्यवसाय ने बदली चुरूडू के विजय कुमार की किस्मत
20 पशुओं की डेयरी से कमा रहे प्रतिमाह 60 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा
ऊना, 20 नवम्बर। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना और सरकारी योजनाओं का लाभ गरीब तबके तक पहुंचाना किसी भी सरकार की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता को दर्शाता है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा हाल ही में दूध के दामों में की गई बढ़ोतरी ने छोटे पशुपालकों के लिए आय के नए रास्ते खोले हैं। ऊना जिला के कई पशुपालक इस बदलाव का लाभ उठाते हुए अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर रहे हैं। चुरूडू गांव के विजय कुमार इसी परिवर्तन का एक सफल उदाहरण हैं, जिन्होंने डेयरी व्यवसाय को अपनाकर गांव में प्रेरणादायक मिसाल कायम की है।

दो पशुओं से शुरू किया सफर, अब 20 पशुओं का आधुनिक डेयरी फार्म
अंब तहसील के चुरूडू गांव के विजय कुमार पिछले चार वर्षों से डेयरी व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। शुरुआत उन्होंने मात्र दो दुधारू पशुओं से की थी। लेकिन समय-समय पर सरकार द्वारा दूध के दाम बढ़ाए जाने से उन्हें अपने डेयरी व्यवसाय को आगे बढ़ाने का भरोसा मिला। आज उनके पास 12 गायें और 8 बछियां हैं और वे पूरी तरह संगठित और आधुनिक ढंग से अपनी डेयरी यूनिट का संचालन कर रहे हैं।

प्रतिदिन 80 लीटर उत्पादन, गुणवत्ता के आधार पर 50 रुपये प्रति लीटर मूल्य
वर्तमान में विजय कुमार अपने फार्म से प्रतिदिन लगभग 80 लीटर दूध का उत्पादन कर रहे हैं। उन्हें दूध की गुणवत्ता (फैट प्रतिशता) के आधार पर 50 से 52 रुपये प्रति लीटर का मूल्य मिल रहा है। परिवार के सदस्य भी कार्यों में सहयोग देते हैं, साथ ही उन्होंने अपने फार्म पर एक व्यक्ति को रोजगार भी उपलब्ध करवाया है। विजय बताते हैं कि, “दूध के अच्छे दाम मिलने से ही मैं अपने साथ एक व्यक्ति को रोजगार दे पा रहा हूं।”

प्रतिमाह 60 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा
विजय कुमार की डेयरी यूनिट से प्रतिमाह लगभग 1 लाख 10 हजार रुपये की आय होती है। चारा, फीड, दवाइयां, बिजली और श्रम सहित सभी खर्चों को घटाने के बाद वे लगभग 60 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा लेते हैं। गांव की परिस्थितियों में यह आय एक मजबूत और स्थायी आर्थिक आधार का संकेत है।

आधुनिक उपकरणों से डेयरी को मिला नया रूप
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की किसान और पशुपालक हितैषी नीतियों से प्रेरित होकर विजय ने अपने फार्म को आधुनिक बनाने में निवेश किया है। उन्होंने दूध निकालने की मशीन, बिजली बाधित होने पर उपयोग के लिए जनरेटर और सफाई कार्यों के लिए ट्रैक्टर कार्ट (बॉक्स्ट) की सुविधा उपलब्ध करवाई है। इससे डेयरी संचालन अधिक सुगम, व्यवस्थित और समय बचाने वाला बन गया है।

पशुपालन विभाग का मार्गदर्शन, उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार
विजय कुमार बताते हैं कि पशुपालन विभाग के अधिकारी समय-समय पर उनके फार्म का निरीक्षण करते हैं और फीड प्रबंधन, दवाइयों, चारे तथा स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं पर आवश्यक दिशा-निर्देश देते हैं। इससे दूध की गुणवत्ता और उत्पादन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
मुख्यमंत्री का आभार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिला नया संबल
विजय कुमार ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया और कहा कि सरकार की नीतियां पशुपालकों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी व्यवसाय अब एक मजबूत और स्थायी आय का स्रोत बनता जा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी
पशुपालन विभाग ऊना के सहायक निदेशक डॉ. दिनेश परमार ने बताया कि हिमाचल राज्य दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पशुपालकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 45 रुपये से बढ़ाकर 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का मूल्य 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर किया है।
उन्होंने बताया कि जिला ऊना में लगभग 70 हजार भैंसें और 50 हजार गायें मौजूद हैं, जिनसे प्रतिदिन करीब 70 हजार लीटर दूध का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला ऊना में डेयरी फार्मिंग लगातार मजबूत स्थिति बना रही है और पशुपालक इससे अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जिले में 81 डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटी सक्रिय हैं, जिनमें से 31 सोसाइटी सीधे मिल्क फेड से जुड़ी हैं। ये सोसाइटी प्रतिदिन 5 से 6 हजार लीटर दूध किसानों से खरीद रही हैं, जिससे पशुपालकों को सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि कोई किसान या सोसाइटी अधिसूचित एकत्रण केंद्र से 2 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित केंद्र पर स्वयं दूध लेकर जाते हैं, तो उन्हें 2 रुपये प्रति लीटर की दर से ट्रांसपोर्ट सब्सिडी का भी प्रावधान है।

उन्होंने बताया कि गाय के दूध में 3 से 5 प्रतिशत फैट और 8 प्रतिशत एसएनएफ के आधार पर इसका मूल्य लगभग 51 रुपये प्रति किलोग्राम जबकि भैंस के दूध का मूल्य 80 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम बाजार में बिक रहा है।

डॉ. परमार ने बताया कि जिला ऊना से प्रतिदिन 5,500 लीटर दूध झलेड़ा मिल्क फेड और लगभग 65,000 लीटर दूध वेरका, अमूल सहित अन्य निजी संस्थानों द्वारा खरीदा जा रहा है। दूध खरीद की क्षमता बढ़ाने के लिए कांगड़ा के डगवार में 1.5 लाख लीटर क्षमता वाला आधुनिक मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जो भविष्य में दुग्ध उत्पादकों को बेहतर दाम दिलाने में सहायक होगा। झलेड़ा में दूध प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाने के लिए बल्क मिल्क कंटेनर भी स्थापित किया जा रहा है, जिससे प्रतिदिन लगभग 40 हजार लीटर दूध एकत्र कर कांगड़ा प्लांट भेजा जाएगा। साथ ही राज्य सरकार डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटियों को 3 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी भी प्रदान कर रही है, जिससे पशुपालकों की आय में उल्लेखनीय लाभ हुआ है।

’सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुँचाना प्राथमिकता ’
उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि इन योजनाओं का वास्तविक लाभ हर ग्रामीण तक धरातल पर पहुँच सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से सरकारी योजनाओं को गति देने, जनसमस्याओं के त्वरित समाधान और सरकारी सुविधाओं की व्यापक पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।