ऊना को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और विकास का मानक जिला बनाने में करें सहयोग : उपायुक्त जतिन लाल
ऊना, 22 दिसंबर. उपायुक्त जतिन लाल ने ऊना को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और विकास के मानक जिले के रूप में विकसित करने के लिए सभी जिलावासियों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने संवाद और सहयोग के माध्यम से व्यापारिक हितों तथा जन सुविधा के बीच व्यावहारिक संतुलन बनाने पर बल दिया।
उपायुक्त सोमवार को डीआरडीए हॉल ऊना में जिले के व्यापार मंडलों एवं विभिन्न व्यावसायिक इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में राज्य व्यापार मंडल अध्यक्ष सुमेश कुमार शर्मा, राज्य महामंत्री राकेश कैलाश, शहरी व्यापार मंडल ऊना के प्रधान प्रिंस राजपूत, संयुक्त व्यापार संगठन अध्यक्ष अश्वनी जैतिक सहित गगरेट, दौलतपुर और मेहतपुर व्यापार मंडलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान व्यापारियों ने ऊना शहर सहित जिले के प्रमुख बाजारों में लागू नो पार्किंग एवं नो वेंडिंग जोन व्यवस्था को लेकर अपने सुझाव और व्यावहारिक समस्याएं उपायुक्त के समक्ष रखीं।
उपायुक्त ने व्यापारियों की बातों को गंभीरता से सुना और स्पष्ट किया कि प्रशासन का उद्देश्य किसी को असुविधा पहुंचाना नहीं, बल्कि शहर की व्यवस्था को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि ऊना जिले का व्यापारी वर्ग उनके लिए परिवार के सदस्यों के समान है और उनकी समस्याओं का समाधान प्रशासन की प्राथमिकताओं में शामिल है। व्यापारियों की व्यावहारिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सकारात्मक सुझावों पर विचार किया जा रहा है, ताकि अनावश्यक परेशानी से बचा जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि बाजारों में सुव्यवस्था अत्यंत आवश्यक है, ताकि वहां आने वाले नागरिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण मिल सके। साथ ही जनसुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्रमुख जिम्मेदारी है। इसके तहत सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन, पैदल चलने वाले नागरिकों की सुरक्षा, सुगम यातायात व्यवस्था और सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी उद्देश्य से गति सीमा के अनुपालन, अतिक्रमण हटाने और अवैध पार्किंग के खिलाफ सख़्ती बरती जा रही है।
उन्होंने बताया कि इन कदमों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है और यातायात व्यवस्था पहले की तुलना में अधिक सुचारू हुई है। उन्होंने कहा कि रेहड़ी-फहड़ी वालों के लिए निर्धारित वेंडिंग ज़ोन की व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें सम्मानजनक और व्यवस्थित ढंग से रोज़गार के अवसर मिल सकें। साथ ही नए वेंडिंग ज़ोन विकसित करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है, ताकि जिले के किसानों को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए समुचित सुविधा मिले।
उपायुक्त ने कहा कि असामाजिक तत्वों में क़ानून का भय और आम नागरिकों में सुरक्षा का भरोसा होना आवश्यक है। यह सख़्ती किसी के विरुद्ध नहीं, बल्कि जनहित में उठाया गया कदम है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने कहा कि किसी जिले व शहर को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मज़बूत क़ानून-व्यवस्था, सुचारू यातायात और नागरिकों में सुरक्षा की भावना अनिवार्य है। जब व्यवस्था स्पष्ट और प्रभावी होती है, तो नागरिकों का भरोसा बढ़ता है, व्यापार को प्रोत्साहन मिलता है और जिला व शहर विकास के राष्ट्रीय मानकों की ओर अग्रसर होता है। उन्होंने भी सभी वर्गों से सहयोग की अपील की।
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धमांदरी में खंड स्तरीय जागरूकता शिविर आयोजित
बच्चों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और मासिक धर्म स्वच्छता पर किया जागरूक
ऊना, 22 दिसम्बर। समेकित बाल विकास परियोजना ऊना के अंतर्गत पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धमांदरी में मासिक धर्म स्वच्छता तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत खंड स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता पर्यवेक्षक नानकी देवी ने की।
पर्यवेक्षक नानकी देवी ने अपने संबोधन में कहा कि सुदृढ़ भविष्य के निर्माण के लिए उचित पोषण अत्यंत आवश्यक है। कुपोषण मुक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति तक सही पोषण पहुंचाना जरूरी है, जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य किशोर-किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को निर्धारित पोषण के प्रति जागरूक बनाना और उन्हें उचित पोषण उपलब्ध करवाना है।
उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए छात्राओं को अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श के विषय में भी जागरूक किया। उन्होंने कहा कि इन अभियानों की सफलता के लिए जनसहभागिता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंधन समितियों, सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों तथा सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी आवश्यक है।
शिविर में आयुर्वेदिक विभाग से डॉ. हेमंत कुमार ने छात्राओं को मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मासिक धर्म के दौरान खान-पान, व्यक्तिगत स्वच्छता तथा सावधानियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संतुलित एवं पौष्टिक आहार से एनीमिया जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। उन्होंने पोषण को स्वस्थ जीवन की आधारशिला बताते हुए बच्चों को नियमित और सही खान-पान अपनाने के लिए प्रेरित किया।
शिविर के दौरान बच्चों के लिए भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें ईशिता देवी ने प्रथम, ऐंजल ने द्वितीय तथा नवनीत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर महिला मंडल प्रधान शिवाली धीमान, विद्यालय के अध्यापक-अध्यापिकाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा देवी, राज, संतोष, अनु वाला, दीपिका, निशा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।