21 दिसम्बर को पल्स पोलियो अभियान, सभी अभिभावकों से सहयोग की अपील
एक भी बच्चा न छूटे, सभी अभिभावक अनिवार्य रूप से दिलवाएं बच्चों को खुराक: अपूर्व देवगन
मंडी, 20 दिसम्बर। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा है कि 21 दिसम्बर को पूरे देश के साथ-साथ मंडी जिला में पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा। अभियान के अंतर्गत 0 से 5 वर्ष आयु के प्रत्येक बच्चे को पोलियो की दो बूंदें अनिवार्य रूप से पिलाई जाएंगी। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके परिवार में पांच वर्ष से कम आयु का कोई भी बच्चा इस खुराक से वंचित न रहे।
उपायुक्त ने बताया कि मंडी जिला में 0 से 5 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 64 हजार 500 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए जिले भर में 1100 से अधिक पोलियो बूथ स्थापित किए गए हैं। अभियान के संचालन के लिए 4450 से अधिक बूथ टीम सदस्य तथा 228 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। 21 दिसम्बर को प्रातः 9 बजे से नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों तथा अन्य सरकारी परिसरों में बच्चों को पोलियो की बूंदें पिलाई जाएंगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी बच्चे को पहले भी पोलियो की बूंदें पिलाई जा चुकी हों या हाल ही में कोई अन्य नियमित टीकाकरण किया गया हो, तब भी 21 दिसम्बर को पोलियो की खुराक पिलाना आवश्यक है। जो बच्चे अभियान के दिन खुराक लेने से छूट जाएंगे, उन्हें 22 और 23 दिसम्बर को घर-घर जाकर पोलियो की दवा पिलाई जाएगी, ताकि शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किया जा सके।
मंडी शहर में 14 पोलियो बूथ स्थापित
उपायुक्त ने बताया कि मंडी शहर में जोनल अस्पताल, सीएसडी कैंटीन, सुहड़ा मोहल्ला, राप्रापा जेल रोड, राप्रापा थनेहड़ा, ब्यॉयज स्कूल, आर्य समाज मंदिर, गर्ल स्कूल, केहनवाल रोड, केंद्रीय विद्यालय, माध्यमिक पाठशाला पड्डल, बंगला मंदिर, नामदारी गुरुद्वारा तथा बस स्टैंड ट्रांजिट प्वाइंट पर कुल 14 पोलियो बूथ स्थापित किए जाएंगे।
उपायुक्त ने कहा कि प्रवासी आबादी, झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों तथा यात्रा के दौरान बच्चों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं, वे 21 दिसम्बर को उन्हें नजदीकी पोलियो बूथ पर ले जाकर पोलियो की दो बूंदें अवश्य पिलवाएं, ताकि पोलियो मुक्त भारत की उपलब्धि भविष्य में भी बनी रहे।
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तेजाब का भंडारण व बिक्री केवल लाइसेंस के साथ ही वैध : उपायुक्त
15 जनवरी तक सभी संस्थान व विक्रेता करें लाइसेंस के लिए आवेदन
मंडी, 20 दिसम्बर। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा है कि भारत सरकार के पॉइजन एक्ट, 1919 तथा हिमाचल प्रदेश पॉइजन (पजेशन एंड सेल) नियम, 2014 के अंतर्गत तेजाब (एसिड) का भंडारण एवं बिक्री केवल वैध लाइसेंस के साथ ही की जा सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लाइसेंस प्राप्त डीलर, शैक्षणिक संस्थान, अनुसंधान एवं चिकित्सा संस्थान, अस्पताल तथा औद्योगिक इकाइयां, जिन्हें अपने उपयोग के लिए तेजाब की आवश्यकता होती है, उन्हें इसके भंडारण और उपयोग के लिए अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना होगा।
उपायुक्त ने बताया कि इन प्रावधानों के अनुपालन के लिए जिला के सभी ऐसे सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थान, जहां प्रयोगशालाओं में तेजाब का प्रयोग किया जाता है, डेंटल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, एसपीयू, आईआईटी, आईटीआई, आभूषण विक्रेता तथा सर्विस स्टेशन, जो तेजाब का उपयोग करते हैं, उन्हें 15 जनवरी तक इसके भंडारण के लिए लाइसेंस हेतु आवेदन करना होगा। इसके साथ ही मंडी जिला में तेजाब की बिक्री करने वाले सभी विक्रेताओं के लिए भी लाइसेंस लेना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस के तेजाब का भंडारण या बिक्री पाए जाने पर एक वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। इसलिए जिन शिक्षण संस्थानों में प्रयोगशालाएं संचालित हैं और प्रायोगिक कार्यों में तेजाब का उपयोग होता है, उन्हें इसके सुरक्षित भंडारण के लिए लाइसेंस लेना आवश्यक है।
उपायुक्त ने जानकारी दी कि लाइसेंस के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सहायक दवा नियंत्रक के कार्यालय, तथा सरकाघाट एवं सुन्दरनगर में सहायक दवा निरीक्षकों के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति या संस्था एक से अधिक स्थानों पर तेजाब का भंडारण या बिक्री करती है, तो प्रत्येक स्थान के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेना होगा। उन्होंने बताया कि पॉइजन एक्ट के अंतर्गत 20 प्रकार के तेजाब सहित अन्य खतरनाक पदार्थ भी शामिल हैं।
इस विषय को लेकर उपायुक्त ने दवा नियंत्रक अनूप शर्मा तथा दवा निरीक्षक पवन ठाकुर के साथ बैठक भी की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को तेजाब की अवैध बिक्री पर प्रभावी रोकथाम के निर्देश दिए।
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ग्राम सभा क्षेत्रों के पुनर्गठन पर आक्षेप व सुझाव आमंत्रितसात दिनों के भीतर उपायुक्त कार्यालय में दर्ज कराए जा सकते हैं सुझाव
मण्डी, 20 दिसम्बर। ग्राम सभा क्षेत्रों के पुनर्गठन के संबंध में आक्षेप एवं सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। यह जानकारी देते हुए जिला पंचायत अधिकारी मंडी अंचित डोगरा ने बताया कि विशेष सचिव (पंचायती राज), हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत ग्राम सभा क्षेत्रों के पुनर्गठन का प्रस्ताव अधिसूचित किया गया है, जिस पर आम जनता से निर्धारित अवधि में सुझाव मांगे गए हैं।
उन्होंने बताया कि विकास खंड धनोटु, धर्मपुर, बालीचौकी व सुन्दनगर संबंधित ग्राम सभा क्षेत्रों के पुनर्गठन को लेकर यदि किसी ग्राम सभा सदस्य अथवा नागरिक को कोई आपत्ति या सुझाव प्रस्तुत करना हो, तो वे अधिसूचना के जारी होने की तिथि से सात दिनों के भीतर अपने आक्षेप या सुझाव उपायुक्त मंडी के कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं।
जिला पंचायत अधिकारी ने बताया कि संबंधित खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अधिसूचना का व्यापक प्रचार एवं प्रसार सुनिश्चित करें। इसके अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर वार्ड सदस्यों के माध्यम से जानकारी दी जाएगी तथा अधिसूचना को संबंधित ग्राम पंचायत कार्यालयों के सूचना पट्टों पर चस्पा किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस प्रक्रिया में सहभागिता सुनिश्चित कर सकें।
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सरकाघाट क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति सुरक्षित, जल गुणवत्ता पर सतत निगरानी : जल शक्ति विभाग
सरकाघाट/मंडी, 20 दिसम्बर। सरकाघाट उपमंडल के अंतर्गत ग्राम पंचायत बरछवाढ़ और नवाही क्षेत्र में संचालित उठाऊ पेयजल योजना तताहर की पेयजल आपूर्ति पूरी तरह सुरक्षित है तथा सभी निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पाई गई है। विभाग द्वारा पेयजल की शुद्धता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी और परीक्षण किया जा रहा है।
अधिशाषी अभियंता, जल शक्ति मंडल सरकाघाट विवेक हाजरी ने बताया कि इस पेयजल योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत बरछवाढ़ में 45 हजार लीटर क्षमता का एक ओवरहेड टैंक तथा थमेहड़ा में 68 हजार 400 लीटर और 40 हजार लीटर क्षमता के दो भंडारण टैंकों के माध्यम से जल संग्रहण किया जाता है। इस योजना से लगभग 8 हजार की आबादी वाले विभिन्न गांवों को नियमित रूप से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। इसके अतिरिक्त राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट, एसपीएस स्कूल नवाही तथा राजकीय प्राथमिक पाठशाला बरछवाढ़ को भी इसी योजना से पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में 15 नवम्बर को पहली बार राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट में पीलिया कुछ मामले आने के पश्चात गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा एहतियाती एवं निगरानीत्मक कदम लगातार उठाए जा रहे हैं। निर्धारित मानकों के अनुसार नियमित क्लोरीनेशन सुनिश्चित किया गया है। जल गुणवत्ता की सतत निगरानी के तहत नियमित रूप से जल नमूने लिए जा रहे हैं, जिनकी जांच जल शक्ति विभाग उपमंडल सरकाघाट की एनएबीएल मान्यता प्राप्त जल परीक्षण प्रयोगशाला में प्रतिदिन की जा रही है।
अधिशाषी अभियंता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए क्षेत्र में स्वच्छता एवं जल भंडारण व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत स्ट्रीट फूड विक्रेताओं एवं ढाबों की स्वच्छता की जांच की जा रही है तथा प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्रों में घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही, घरेलू जल भंडारण टंकियों की भी नियमित जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया कि संपूर्ण जल वितरण प्रणाली की गहनता से जांच की गई है और यह सुनिश्चित किया गया है कि पेयजल पाइपलाइन किसी भी दूषित स्रोत, नालियों अथवा अन्य जोखिमपूर्ण संपर्क में न हो। विभाग द्वारा स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा रही है तथा किसी भी संभावित जोखिम से निपटने के लिए सभी आवश्यक एहतियाती कदम पूरी सतर्कता के साथ उठाए जा रहे हैं।
जल शक्ति विभाग मंडल सरकाघाट ने आम जनता को आश्वस्त किया है कि क्षेत्र में उपलब्ध करवाई जा रही पेयजल आपूर्ति पूर्णतः सुरक्षित है और भविष्य में भी जल गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक प्रयास जारी रहेंगे।