बिलासपुर में अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस पर
पंचायतों को वितरित की गईं आपातकालीन राहत किटें
बिलासपुर, 14 अक्तूबर-जिला मुख्यालय के बचत भवन में अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के उपलक्ष्य में आपदा प्रबंधन को सशक्त और सक्षम बनाने की दिशा में जिला प्रशासन बिलासपुर द्वारा आपातकालीन प्रतिक्रिया और क्षमता निर्माण की तैयारी के तहत उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार की उपस्थिति में चार ग्राम पंचायतों को आपातकालीन राहत किटें प्रदान की गईं।
यह राहत सामग्री ग्राम पंचायत टाली, ग्राम पंचायत बरठीं, ग्राम पंचायत पट्टा तथा ग्राम पंचायत छरोल को प्रदान की गई है। इन पंचायतों का चयन संबंधित खंड विकास अधिकारियों द्वारा ऐसे क्षेत्रों के रूप में किया गया है, जो वर्षा, भूस्खलन अथवा अन्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अधिक संवेदनशील हैं।
इस अवसर पर उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने कहा कि आपदा की स्थिति में सबसे पहले स्थानीय समुदाय ही प्रतिक्रिया देता है, इसलिए ग्राम स्तर पर तैयारियों को सुदृढ़ करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इन राहत किटों के माध्यम से स्थानीय पंचायतों की टीमों को किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्राम स्तर पर प्रत्येक पंचायत के पास आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण उपलब्ध हों, ताकि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में जीवन एवं संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वितरित की गई राहत किटों में प्राथमिक उपचार सामग्री, टॉर्च, बैटरियां, स्ट्रेचर, रस्सियां, सेनेटरी गम बूट, सुरक्षा हेलमेट, मेगाफोन (माइक) सहित अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं। इन सभी सामग्रियों का उद्देश्य राहत और बचाव कार्यों में ग्राम स्तरीय टीमों की तत्परता को बढ़ाना है।
इस अवसर पर संबंधित पंचायतों के प्रधान और सचिव, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की टीम तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने राहत सामग्री के सही उपयोग और रख-रखाव संबंधी जानकारी भी प्रदान की।
उपायुक्त ने उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षणों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें और अपने क्षेत्र के युवाओं को भी इस दिशा में जागरूक बनाएं, ताकि ग्राम स्तर पर सशक्त और संगठित आपदा प्रतिक्रिया तंत्र विकसित हो सके।