करसोग, 03 जुलाई। करसोग में हुई बादल फटने की घटना और भारी बारिश से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य निरंतर जारी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गत दिवस मंडी जिले के दौरे के उपरांत राहत एवं बचाव अभियान ने और गति पकड़ी है।

एसडीएम करसोग गौरव महाजन ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रभावितों को अब तक एक लाख 92 हजार 500 रुपए की राहत राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को प्रशासन की ओर से लगभग 81 तिरपाल, 36 कम्बल और 10 राशन किट बांटी गई हैं। उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से 100 से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए हैं।
बिजली, पानी, सड़क मार्गों को बहाल करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी
उपमंडल में बादल फटने की घटना से क्षतिग्रस्त हुई पेयजल आपूर्ति को बहाल करने के लिए जल शक्ति विभाग युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। जल शक्ति विभाग के एक्सियन के.के.शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में कुल 144 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई थीं, जिनमें से अभी तक 52 पेयजल योजनाओं को बहाल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जल शक्ति विभाग के लगभग 200 कर्मचारी दिन-रात प्रभावित योजनाओं को बहाल करने में जुटे हुए हैं।
10 सड़कों पर यातायात बहाल
वहीं इस प्राकृतिक आपदा में लोक निर्माण विभाग की 27 सड़कें अवरुद्ध हुई थीं, जिन पर यातायात पूरी तरह से ठप्प हो गया था। एक्सईएन लोक निर्माण विभाग सुरेश चंदेल ने बताया कि क्षेत्र की 10 मुख्य सड़कों को आवाजाही के लिए पूरी तरह से बहाल कर दिया गया है। शेष सड़क मार्गों को बहाल करने के लिए मशीनरी दिन रात कार्य कर रही है। इन सड़क मार्गों को बहाल करने के लिए 15 जेसीबी मशीनें, 02 एलएनटी मशीन और 8 टिप्पर लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि शेष सड़क मार्गों को शीघ्र ही बहाल कर यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए विभाग प्रयासरत है।
380 ट्रांसफार्मर पुनः बहाल
प्राकृतिक आपदा के कारण क्षेत्र में बाधित हुई विद्युत व्यवस्था को अधिकतर क्षेत्रों में बहाल कर लिया गया है। विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता चंद्रमणि शर्मा ने बताया कि आपदा के कारण क्षेत्र में लगभग 420 ट्रांसफार्मर बंद हुए थे, जिनमें से 380 को पुनः ठीक कर विद्युत व्यवस्था को बहाल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई 33 केवी की 1.5 किलोमीटर लाइन को रिस्टोर कर लिया गया है। क्षेत्र में 10.50 किलोमीटर लंबी 22 केवी की एचटी लाइन को नुकसान हुआ था जिसमें से 6.50 किलोमीटर लंबी लाइन को पुनः रिस्टोर कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त, लगभग 29 किलोमीटर एलटी लाइनें क्षतिग्रस्त हुई थी, जिनमें से 16 किलोमीटर लंबी एलटी लाइन को रिस्टोर कर लिया गया है।