सभी संबंधित विभाग मौसमी रोगों से लोगों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए समुचित कदम उठाए: अपूर्व देवगन
मंडी, 19 जून। बरसात के मौसम में जल भंडारण प्रणालियों के कारण पीने के पानी के दूषित होने से जल-जनित रोगों के फैलने की संभावना के दृष्टिगत जिला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सभी संबंधित विभागों को मौसमी रोगों से लोगों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए समुचित कदम उठाने के दिशानिर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह बरसात के मौसम में लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए पानी की गुणवता की समय-समय पर जांच करना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में जल-जनित रोगों के अधिक मामले पाए जाते हैं, वहां पर विशेष टीम गठित कर इस रोग को रोकने के लिए समुचित उपाय करें।
जिला दंडाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वह जल-जनित रोग के मामले सामने आने की स्थिति में इसकी सूचना जिला आपदा प्राधिकरण को देने के साथ-साथ जिन क्षेत्रों में इन रोगों के अधिकतर मामले प्रकाश में आए, वहां पर स्वास्थ्य टीम को तैनात कर इस रोग पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
उन्होंने उच्च तथा प्रारम्भिक शिक्षा उप-निदेशक को जिला के सभी राजकीय व निजी शिक्षण संस्थानों में जल भंडारण टैंकों की साफ-सफाई करने के लिए स्कूल प्रबंधन को समुचित कदम उठाने के निर्देश दें तथा बच्चों को जल-जनित रोगों से बचाव के बारे में जागरूक करें। उन्होंने जिला के सभी शहरी निकायों के कार्यकारी अधिकारियों व सचिवों को भी अपने कार्यक्षेत्र में समय-समय पर जल स्त्रोतों की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण विभाग को सभी खंड विकास अधिकारियों के सहयोग से पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जल-जनित रोगों से बचाव के लिए उठाए जाने वाले एहतियाती कदमों के बारे में जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने पथ परिवहन निगम के मंडलीय प्रबंधक को निर्देश दिए कि वह सभी बस अड्डों में जल भंडारण टैंको की साफ-सफाई रखना सुनिश्चित करें।
अपूर्व देवगन ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने जिला के सभी एसडीएम को बरसात के मौसम में फैलने वाले जल जनित रोगों की रोकथाम तथा इसके लिए बरती जा रही सावधानियों पर निगरानी रखने को कहा।
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जिला निर्वाचन अधिकारी ने त्रैमासिक ईवीएम और वीवीपैट भंडार कक्ष का निरीक्षण किया
मंडी, 19 जून । जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने आज राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में भ्यूली स्थित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एवं वीवीपैट के भण्डार कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां उपलब्ध सभी सुविधाओं की जांच कर संतुष्टि व्यक्त की। उपायुक्त ने ईवीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ पुलिस कर्मियों द्वारा प्रदान की जा रही सुरक्षा व्यवस्था संबंधी सेवाओं का ब्यौरा प्राप्त किया और सीसीटीवी कैमरे की भी जांच की।
इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की ओर से संजय शर्मा तथा भारतीय जनता पार्टी की ओर से कर्ण वीर सिंह कौंडल व निर्वाचन तहसीलदार राजेश शर्मा भी मौजूद रहे।
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वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत लंबित प्रस्तावों की समीक्षा हेतु मासिक बैठक आयोजित
एफसीए मामलों के शीघ्र निष्पादन के लिए स्पष्ट टाइमलाइन तय करने पर बल
अब तक 27 प्रस्तावों को मिल चुकी है अंतिम मंजूरी – उपायुक्त अपूर्व देवगन
मंडी, 19 जून। वन संरक्षण अधिनियम (FCA) के अंतर्गत लंबित प्रस्तावों की समीक्षा के लिए एक मासिक बैठक आज उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिले की विकास परियोजनाओं से जुड़े एफसीए मामलों की गहन समीक्षा की गई और उनके त्वरित निष्पादन के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
उपायुक्त ने कहा कि विकास कार्यों में अनावश्यक देरी से बचने के लिए एफसीए प्रस्तावों का शीघ्र निष्पादन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जानकारी दी कि 17 मार्च 2023 से अब तक जिले के विभिन्न विभागों के कुल 27 प्रस्तावों को अंतिम स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से तीन प्रस्तावों को मई माह में मंजूरी मिली, जिनमें मंडी शहर एवं आसपास के गांवों में सीवरेज परियोजना, मंडी मंडल में बनौण कैंची से गाहरा तक लगभग 4 किमी लंबी सड़क तथा लूहरी विद्युत परियोजना चरण-1 के अंतर्गत 220 केवी विद्युत ट्रांसमिशन लाइन शामिल हैं।
उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि प्रत्येक लंबित मामले के लिए स्पष्ट टाइमलाइन तय की जाए और उसी के अनुसार कार्यों को निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए। साथ ही विभागों के बीच बेहतर समन्वय पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि वन भूमि हस्तांतरण से संबंधित औपचारिकताओं को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए।
बैठक के दौरान कुल 64 एफसीए प्रस्तावों पर बिंदुवार चर्चा की गई, जिनमें से 40 प्रस्ताव परिवेश 1.0 पोर्टल तथा 24 प्रस्ताव परिवेश 2.0 पोर्टल से संबंधित थे। ये प्रस्ताव न्यायिक परिसरों, सड़कों, भवनों और जलविद्युत परियोजनाओं आदि से संबंधित हैं। इसके अतिरिक्त, 25 ऐसे प्रस्तावों की भी समीक्षा की गई, जिन्हें विगत 5 से 10 वर्षों के बीच स्टेज-1 (सैद्धांतिक) स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, किंतु वे अब तक स्टेज-2 (अंतिम) स्वीकृति के लिए लंबित हैं।
बैठक में जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव विवेक कायस्थ, डीएफओ (जिला मुख्यालय) अंबरीश शर्मा, डीएफओ मंडी बसु डोगर, डीएफओ सुकेत राकेश कटोच, डीएफओ करसोग केबी नेगी, डीएफओ एसएस कश्यप, डीएफओ जोगिन्द्रनगर अश्विनी कुमार, जिला पर्यटन विकास अधिकारी रजनीश शर्मा सहित लोक निर्माण, जल शक्ति तथा अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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नगर पंचायतों के वार्ड परिसीमन का अंतिम प्रकाशन
मंडी, 19 जून। उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, मंडी अपूर्व देवगन ने आज यहां बताया कि मंडी जिला में पड़ने वाली नगर पंचायत रिवालसर, धर्मपुर, जोगिन्द्रनगर तथा करसोग के वार्ड परिसीमन का अंतिम प्रकाशन निर्धारित समय अवधि में किसी भी व्यक्ति द्वारा कोई आक्षेप व सुझाव न आने के उपरांत कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में संबंधित नगर पंचायत के वार्ड परिसीमन की सूचना 2 जून, 2025 को जारी की गई थी। निर्धारित समय अवधि 9 जून, 2025 तक किसी भी व्यक्ति द्वारा इस संबंध में कोई आक्षेप व सुझाव नहीं दिए गए है, जिसके उपरांत नगर पंचायत रिवालसर, धर्मपुर, जोगिन्द्रनगर तथा करसोग के वार्ड परिसीमन का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है।