ऊना, 02.05.24 :- हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की स्थिति दयनीय हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता भी इस सच्चाई को मान चुके है कि कांग्रेस में अंर्तकलह चली हैं और उनके उपमुख्यमंत्री, वरिष्ठ नेता अपने बयानों में सरकार की अस्थिरता की आशंका जता चुके हैं। जिससे यह साफ है कि उन्होंने चुनाव से पहले हार मान ली हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में अच्छा परफॉर्म करने वाली है और वर्तमान में 6 विधानसभा की सीटें और चार संसदीय क्षेत्र की सीटों को हम अच्छे मार्जिन से जितेंगे। कांग्रेस पार्टी की प्रदेश अध्यक्षा प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का स्ट्रक्चर बहुत कमजोर हो चुका है, ऐसे में चुनाव लड़के जीतना अत्यंत कठिन है और उन्होंने यहाँ तक कहा कि सरकार और पार्टी का तालमेल नहीं है इसलिए हमारे चुनाव लड़ने का कोई कारण नहीं है। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा ने इस बात का खुलासा किया और यह एक के बाद एक स्टेटमेंट कांग्रेस पार्टी की इंटरनल स्थिति को पूरी तरह से बयान करती हैं और यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी को छह विधायक अलविदा कह करके भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। आज कांग्रेस सरकार की बौखलाहट, बैचेनी और इनकी घबराहट से उनके नेताओं के शब्दों से नियंत्रण खत्म हो गया हैं। कांग्रेस पार्टी के नेतागण गम्भीर और मानसिक दवाब के दौर से गुजर रहें है। देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का निश्चय कर लिया हैं और हिमाचल की जनता भी उस कड़ी में पूरी तरह से शामिल है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी हार स्पष्टरूप से दिखाई देती हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2004 से लेकर 2014 तक देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी। हिमाचल प्रदेश के साथ केंद्र की कांग्रेस सरकार ने अन्याय किया। तात्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हिमाचल के लिए औद्योगिक पैकेज की घोषणाएं की, परन्तु कांग्रेस की सरकार ने उसको तयसीमा से कम कर दिया जिसका पूरा लाभ हिमाचल की जनता को नहीं मिल पाया। हिमाचल प्रदेश स्पेशल कैटेगरी स्टेट के नाते 90ः10 के रेशों के साथ केंद्र और प्रदेश का शेयर हुआ करता था। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने उस शेयर को हटा दिया गया और उसके कारण अलग अलग योजनाओं में अलग अलग प्रकार से प्रदेश को सहायता मिलनी शुरू हुई। कहीं 50-50, 40-60, 70-30 और हिमाचल प्रदेश से इस का एक बहुत बड़ा नुकसान उस समय में हुआ। 2014 के बाद हिमाचल प्रदेश को विशिष्ट कैटेगरी का दर्जा प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में बहाल किया। 90 और 10 की रेशों के साथ बहुत बड़ी कॉन्ट्रिब्यूशन हिमाचल प्रदेश के लिए भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी की सरकार की रही और कांग्रेस ने जो छीना था उसको वापस मोदी जी ने दिलाया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में फ़ोर लेन नेशनल हाइवे का काम यह सिर्फ मोदी के काम है चाहे वह कालका शिमला फोरलेन हाइवे, शिमला से ढली फ़ोर लेन हाइवे, पठानकोट से मंडी फोरलेन, कांगड़ा मटौर से शिमला फोरलेन हाइवे, कीरतपुर से मनाली फोरलेन हाइवे, पिंजोर चंडीगढ़ से नालागढ़ फोरलेन नेशनल के निर्माण ये केवल और केवल प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की देन है।
प्रदेश में सुरंगों का सिलसिला अटल टनल रोहतांग से शुरू हुआ यह क्रम रोहतांग से लेह के लिए 11 किलोमीटर लंबी टनल, परन्तु प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने क्रेडिट में उसको डालने की कोशिश की है। वह टनल सड़क बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन की है और अनेक-अनेक टनल की घोषणाएं माननीय राजनाथ सिंह ने की। केंद्र की मोदी सरकार का हिमाचल प्रदेश को दिया हुआ जो गिफ्ट हैं उसको प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने नाम का लेवल लगाने का काम कर रही हैं। फोरलेन नेशनल हाइवे और टू लेन नेशनल हाइवेज के लिए लगभग 1 लाख करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश को मिलता हुआ दिखाई दे रहा हैं, लेकिन कांग्रेस का 60 साल तक राज रहा, परंतु लंबे समय तक भानुपल्ली बिलासपुर रेललाइन की बात होती रही, कभी उसके लिए बजट का प्रावधान नहीं हुआ। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में भानूपल्ली के लिए 5 हजार करोड़ रुपये व बद्दी बरोटीवाला रेल लाइन के लिए 1500 करोड़ रुपये मिले।
प्रदेश के मुख्यमंत्री हमीरपुर के मेडिकल कॉलेज निर्माण का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं, अपनी सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में प्राइवेट स्कूल तो खोला नहीं, अब मेडिकल कॉलेज खोलने का श्रेय ले रहे हैं। 1500 संस्थान बंद करने वाले मुख्यमंत्री आज मेडिकल कॉलेज का श्रेय लेने जा रहें है जो कि भाजपा की केन्द्र सरकार हिमाचल को दी हुई सौगात है। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसीस भाजपा की देन है। इसी तरह से हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, सेंट्रल यूनिवर्सिटी की टोटल फन्डिंग, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की शानदार बिल्डिंग लगभग 500 करोड़ रूपये सिरमौर में तैयार खड़ी है यह भी भाजपा का ऐतिहासिक कार्य हैं।