*सरकार द्वारा सरसों व गेहूं की खरीद व उठान ना होने से मंडियों के बाहर ट्रालियों की लंबी लाईन लगी हुई है- बजरंग गर्ग

*सरकार द्वारा सरसों की खरीद ना करने के कारण किसानों को अपनी सरसों 600 से 1000 रुपए प्रति क्विंटल कम तक बेचनी पड़ रही है- बजरंग गर्ग

*सरकार की गलत नीतियों के कारण आढ़ती, किसान व मजदूर प्रदेश में बेहद दुखी है- बजरंग गर्ग

*सरकार ने सरसों, नरमा, सूरजमुखी, बाजरा, मूंग पर आढ़तियों की आढ़त खत्म करने से व्यापारियों में बड़ी भारी नाराजगी है- बजरंग गर्ग

*सरकार द्वारा गेहूं पर 10.99 रुपए व धान पर 9.19 रुपए आढ़त काम करना आढ़ती विरोधी फैसला है- बजरंग गर्ग

*सरकार की तरफ से मंडियों में सरसों व गेंहू खरीद व उठान के लिए कोई मूलभूत सुविधा तक नहीं है- बजरंग गर्ग

*सरकार को सरसों व गेहूं की खरीद, उठान व भुगतान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए- बजरंग गर्ग

हिसार, 13,04.24- हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कांन्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने गेहूं खरीद का जायजा लेने के उपरांत अनाज मंडी में व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को सरसों व गेहूं खरीद व भुगतान के सभी दावे फेल सिद्ध हुए हैं जबकि अनाज मंडियां सरसों से भरी हुई है। सरसों खरीद का उठान व भुगतान नहीं हो रहा है।

बजरंग गर्ग ने कहा कि समय पर सरसों व गेहूं की खरीद व उठान ना होने से मंडियों के बाहर अनाज की भरी हुई ट्रालियों की लंबी लाईनें लगी हुई है। जिसके कारण किसान,आढ़ती व मजदूरों को बड़ी भारी दिक्कतें आ रही है जबकि सरसों की सरकारी खरीद ना होने के कारण किसान मजबूरी में अपनी सरसों 4600 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल तक बेच रहा है जबकि सरसों का एमएसपी 5650 रुपए प्रति क्विंटल है इसी प्रकार सरकारी खरीद एजेंसियां गेहूं खरीद में जानबूझकर लेट कर रही है। श्री गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में आढ़ती, किसान व मजदूर बेहद दुखी है। भाजपा राज में आढ़तियों को आढ़त नहीं मिलती है व किसानों को फसल के पूरे दाम नहीं मिलते हैं इसलिए आढ़ती व किसान बर्बादी के कगार पर है।

बजरंग गर्ग ने कहा कि आढ़तियों को अनेकों सालों से 2.5 प्रतिशत आढ़त मिलती थी मगर इस सरकार ने सरसों, सूरजमुखी, नरमा, बाजरा, मूंग आदि सरकारी खरीद पर आढ़तियों की आढ़त खत्म कर दी है और सरकार ने गेहूं खरीद पर 10.99 रुपए व धान पर 9.19 पैसे आढ़त काम करना व्यापारी विरोधी फैसला है। इस फैसले से हरियाणा के व्यापारियों में सरकार के प्रति बड़ी भारी नाराजगी है।बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकारी अधिकारी व अनाज उठान के ठेकेदारों की लापरवाही के कारण अनाज उठान में देरी हो रही है। सरकार को अनाज खरीद, उठान व समय पर भुगतान के सभी दावे खोखले सिद्ध हुए हैं। यहां तक की सरकार की तरफ से मंडियों में सरसों व गेहूं खरीद के लिए कोई मूलभूत सुविधा तक नहीं है। मंडियों में सफाई व पानी तक की व्यवस्था नहीं है। मंडियों में सरकारी अधिकारियों के लापरवाही के कारण खरीद व उठान में देरी होने पर मंडियां अनाज से भरी हुई है। सरकार को सरसों व गेहूं खरीद, उठान व भुगतान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए।