आपदा प्रभावित पियाला डेजी गांव तक पहुंचा बचाव दल, 65 लोगों को सुरक्षित निकाला- उपायुक्त
*मंडी, 04 जुलाई।* उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आज यहां बताया कि बादल फटने के कारण आई बाढ़ एवं भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित मंडी जिला के सराज क्षेत्र के अति दुर्गम पियाला डेजी गांव तक बचाव दल पहुंचने में सफल हो गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने डेजी सहित अन्य गांवों से 65 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है।
अपूर्व देवगन ने बताया कि भारी बारिश व भूस्खलन के कारण थुनाग सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के सम्पर्क मार्ग बाधित होने से यहां फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए एनडीआरएफ के सहयोग से स्थानीय प्रशासन ने विशेष अभियान चलाया। इसके तहत आज प्रातः बचाव दल सराज क्षेत्र से सर्वाधिक प्रभावित रूकचुई, भराड़ व पियाला डेजी क्षेत्र में पहुंचने में सफल रहा। इन क्षेत्रों से 65 प्रभावितों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन्हें आवश्यकता अनुसार प्रारंभिक चिकित्सा सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
थुनाग से यह गांव लगभग आठ से नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यहां के लिए रास्ते इत्यादि क्षतिग्रस्त होने कारण यहां प्रभावित लोगों तक पहुंचने में काफी कठिनाइयां पेश आ रहीं थीं।
उपायुक्त ने कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से जिला प्रशासन इन दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने में सक्षम हो पाया है। इसके लिए सभी संबंधित विभागों, स्वयंसेवियों व स्थानीय लोगों का सराहनीय सहयोग निरंतर बना हुआ है।
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सुराह सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंची राशन सामग्री - उपायुक्त
उफनते नदी-नालों को पार कर पीठ पर पैदल पहुंचाई जा रही आवश्यक वस्तुएं
*मंडी, 04 जुलाई।* उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने बताया कि थुनाग उपमंडल के प्रभावित क्षेत्रों तक राशन सहित आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। बगस्याड के समीप कांढी से सुराह के लिए राशन सामग्री का वितरण किया गया है। इसके लिए मजदूरों व स्थानीय पंचायतों की मदद भी ली जा रही है। पहले चरण में 40 राशन किट व 5 तिरपाल भेजे गए हैं। शेष 30 राशि किट दूसरे चरण में भेजी जा रही हैं।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं बहाल करने के लिए प्रयास और तेज किए हैं। राहत एवं बचाव दल दिन-रात लोगों तक पहुंचने तथा आवश्यक वस्तुएं व सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि बगस्याड क्षेत्र के लिए 500 राशन किट भेजी गई हैं। इनमें से 150 किट बगस्याड स्थित राहत शिविर के लिए भेजी गई हैं। मजदूरों की मदद से 40 किट सुराह क्षेत्र के लिए भेजी गई है। इसके अतिरिक्त थुनाग क्षेत्र में लोगों के घरों तक गृह रक्षक जवानों की मदद से पैदल ही 10 किट राशन बाढ़ प्रभावितों तक वितरित की गई हैं।
उन्होंने बताया कि थुनाग क्षेत्र के रैण गलू, पखरैर पंचायत व अन्य प्रभावित क्षेत्रों में 157 राशन किट वितरित की गई हैं। इसके अतिरिक्त बगस्याड क्षेत्र में 15 रसोई गैस सिलेंडर के 19 किलोग्राम भार के सिलेंडर भेजे गए हैं। साथ ही 50 लीटर डीजल की भी आपूर्ति इस क्षेत्र में की गई है। प्रत्येक राशन किट में पांच-पांच किलो आटा व चावल, खाद्य तेल, नमक, चीनी, दो किलो दालें, हल्दी, मसाले, चाय व सेनिटरी पैड शामिल हैं।
इन सभी प्रभावित क्षेत्रों तक सड़क व पैदल सम्पर्क टूटने के बावजूद सभी राहत व बचाव कर्मी पैदल ही उफनते नदी-नालों को पार कर जरूरतमंद लोगों तक राशन सामग्री पहुंचाने के कार्य में जुटे हुए हैं। उपायुक्त ने इसके लिए सभी स्वयंसेवियों, स्थानीय लोगों व विभागीय कर्मचारियों सहित संबंधित एजेंसियों का आभार व्यक्त किया है।
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*बगस्याड के राहत शिविर में प्रभावितों को उपलब्ध करवाई जा रही आवश्यक सुविधाएं- उपायुक्त*
*मंडी, 04 जुलाई।* मंडी जिला के सराज क्षेत्र में बादल फटने से भारी बारिश एवं भूस्खलन की आपदा का सामना कर रहे प्रभावित परिवारों के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगस्याड में राहत शिविर स्थापित किया गया है। यहां पर उनके भोजन सहित रहने की व्यवस्था की गई है।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि जिन परिवारों के घर इस आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें आसरा प्रदान करने के लिए राहत शिविरों में रखा गया है। उन्होंने बताया कि सराज क्षेत्र के कांडी, सरण, खुरैण, रेलधार इत्यादि क्षेत्रों के लगभग 80 प्रभावितों को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगस्याड में स्थापित राहत शिविर में आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि इस शिविर में उनके ठहरने व भोजन इत्यादि की सुविधा प्रदान की जा रही है। लोगों की स्वास्थ्य जांच इत्यादि का भी समुचित प्रबंध स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया गया है। उन्होंने बताया कि इस शिविर में लगभग 25 से 30 लोग रात को ठहर रहे हैं। अन्य लोग यहां भोजन इत्यादि करने के उपरांत अपने रिश्तेदारों व जानने वालों के घरों में भी रूक रहे हैं। उपायुक्त ने कहा कि शिविर के संचालन में सभी विभागों व स्थानीय लोगों से भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है।
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कानूनगो व पटवारी के अस्थाई पद के लिए सेवानिवृत कर्मचारियों से 9 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित
मंडी, 04 जुलाई। एसडीएम एवं प्राधिकृत अधिकारी भूमि अधिग्रहण, सदर रुपिन्द्र कौर ने सूचित किया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में कार्यालय संचालन हेतु परियोजना की अवधि के लिए सेवानिवृत कानूनगो व पटवारी की नियुक्ति की जानी प्रस्तावित है, जिसके लिए आवेदन 9 जुलाई, 2025 सायं 5 बजे तक उनके कार्यालय में दिए जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इन पदों के लिए सेवानिवृत पटवारी, कानूनगो/नायब तहसीलदार जिला मंडी का स्थाई निवासी होना चाहिए तथा सेवानिवृत से पूर्व हिमाचल राजस्व या भू-व्यवस्था विभाग में कम से कम 5 वर्ष का सेवाकाल पूरा किया हो। इसके अतिरिक्त उसके खिलाफ कोई विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही विचारधीन व लंबित न हो।
उन्होंने बताया कि अनुबंधित सेवानिवृत कर्मचारी का मासिक वेतन अधिशाषी अभियंता, एनएचएआई, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग हमीरपुर के आधार पर दिया जायेगा। अनुबंध पर सेवा अवधि की गणना किसी भी प्रकार के ऐसे लाभ के लिए नहीं की जाएगी जो उसने सेवानिवृति से पूर्व प्राप्त की हो। अनुबंधित कानूनगो/नायब तहसीलदार की सेवा पूर्णतः अस्थाई होगी तथा एसडीएम द्वारा किसी भी समय कर्मचारी की कार्यशैली आचरण संतोषजनक न पाए जाने पर किसी भी समय समाप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारी की अनुमति के बिना किसी प्रकार की अनुपस्थिति मान्य नहीं होगी। अनुबंधित कर्मचारी यदि किसी भी प्रकार के दस्तावेजों को सार्वजनिक प्रकाशित व सांझा करता पाया जाता है तो बिना कोई नोटिस दिए उसकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए कार्यालय दूरभाष नम्बर 01905225207 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
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फरिश्ता बनकर देजी पहुंचा आपदा दल, दुनिया से कटे हुए गांव को मिली नई सांसें
मंडी, 4 जुलाई। मंडी जिला के सराज क्षेत्र के अति दुर्गम पियाला देजी गांवों में जब राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम पहुंची, तो वह क्षण गांववासियों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। बादल फटने और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित इस गांव के लोग पिछले चार दिनों से बाहरी दुनिया से कटे हुए थे। न संचार के साधन, न रास्ता और न ही किसी सहायता की उम्मीद। ऐसे में जब राहत दल गांव तक पहुंचा, तो बुजुर्गों और महिलाओं की आंखें नम हो गईं। उन्होंने भावुक स्वर में कहा कि दल के हमारे गांव पहुंचने से ऐसा लग रहा कि जैसे भगवान ने हमारी सुन ली है और उनके रूप में ही यह दल हमारे बीच पंहुचा है।
बता दें, पियाला देजी, रूकचुई और भराड़ जैसे गांवों में आपदा के बाद से ही सम्पर्क नहीं हो पा रहा था। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने कठिन और जोखिमभरे रास्तों को पार कर वहां पहुंचना संभव किया। राहत एवं बचाव कार्य के दौरान कुल 65 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया। वहीं, उन्हें प्राथमिक चिकित्सा, भोजन और मानसिक संबल भी दिया गया।
गांववासियों ने बताया कि आपदा के बाद वे पूरी तरह से अकेले पड़ गए थे, लेकिन जब एनडीआरएफ टीम गांव में पहुंची, तो उन्होंने पहली बार राहत की सांस ली। एक महिला ने रुआंसी आवाज़ में टीम से कहा कि हमें लगा था कि हम दुनिया से छूट गए हैं, लेकिन आप लोगों ने हमें फिर से अपनों से जोड़ा है।
उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशों पर एनडीआरएफ सहित सभी विभागों के समन्वित प्रयासों से जिला प्रशासन इन अत्यंत दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि राहत एवं पुनर्वास कार्य सतत और प्रभावी रूप से आगे बढ़े।
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मंडी में 6 जुलाई को अत्यंत भारी वर्षा की चेतावनी, उपायुक्त ने की सतर्क रहने की अपील
रेड अलर्ट जारी, नदियों-नालों से दूर रहने की सलाह
मंडी, 4 जुलाई। भारत मौसम विज्ञान विभाग, शिमला द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार मंडी जिले में 5 जुलाई से 9 जुलाई तक भारी से अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है। विशेष रूप से 6 जुलाई दोपहर से 7 जुलाई दोपहर तक वर्षा की तीव्रता सर्वाधिक रहने की चेतावनी दी गई है। इस अवधि के लिए रेड अलर्ट घोषित किया गया है। विभाग ने कुछ क्षेत्रों में बिजली गिरने और अत्यंत भारी वर्षा की संभावना भी जताई है।
5 जुलाई को भारी से बहुत भारी वर्षा का अनुमान है, जबकि 7 और 8 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 9 जुलाई को भी मौसम की स्थिति संवेदनशील बनी रहने की संभावना है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने नागरिकों से अत्यंत सतर्कता बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि लोग अनावश्यक रूप से नदियों, नालों, और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के समीप न जाएं। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत नजदीकी प्रशासनिक अधिकारी या कंट्रोल रूम से संपर्क करें।
उन्होंने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से आग्रह किया है कि वे यात्रा से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। जिला प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट है।
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लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए स्यांज में ड्रोन से चलाया गया खोज अभियान
मंडी, 4 जुलाई। चच्योट उपमंडल की स्यांज पंचायत के पंगलियूर गांव में शुक्रवार को पुलिस एवं आपदा स्वयं सेवकों की टीम ने स्कोली खड्ड में ड्रोन की सहायता से बाढ़ में लापता लोगों की तलाश की। हालांकि, इस खोज अभियान में फिलहाल कोई सफलता नहीं मिल पाई है। यह अभियान कल भी जारी रहेगा।
उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि गोहर उपमंडल के स्यांज क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने की दुःखद घटना हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप अचानक आई बाढ़ में स्यांज गांव के दो मकान बह गए। इस हादसे में अब तक चार लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है, जबकि सात अन्य अब भी लापता हैं।
लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन के माध्यम से प्रभावित क्षेत्र का खोज अभियान चलाया गया है। इस अभियान में पुलिस कांस्टेबल अजय कुमार और देवी राम, आपदा स्वयंसेवक जीतू देवी, निर्मला देवी, नवीन कुमार और रूप लाल सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। स्थानीय लोगों का सहयोग भी लापता लोगों की तलाश में लिया जा रहा है।
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बगस्याड़ से थूनाग सड़क मार्ग बहाली कार्य में आई तेजी
अब तक 4 किमी सड़क बहाल, 5 जेसीबी व एक पोकलेन रात-दिन जुटी
मंडी, 4 जुलाई। आपदा से सबसे अधिक प्रभावित थूनाग उपमंडल को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा विभिन्न पहुंच मार्गों की बहाली कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। शुक्रवार सायं 4 बजे तक बगस्याड़ से थूनाग के लिए लगभग 4 किलोमीटर सड़क मार्ग बहाल कर लिया गया है। इस कार्य में 5 जेसीबी और 1 पोकलेन मशीन लगातार दिन-रात जुटी हुई हैं। लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहकर कार्य की निगरानी कर रहे हैं। अभी इस मार्ग पर लगभग 10 किलोमीटर सड़क खोलना शेष है। थूनाग को वाया जंजैहली करसोग से जोड़ने वाले सड़क की बहाली का कार्य भी जारी है। करसोग की ओर से शंकर देहरा तक की सड़क भी बहाल कर दी गई है। जंजैहली से लम्बाथाच तक लगभग 8 किलोमीटर सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त है, जबकि लम्बाथाच से थूनाग तक सड़क की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है। यदि वाहन लम्बाथाच तक पहुंच जाते हैं तो थूनाग तक राहत सामग्री एवं बचाव दल की आवाजाही आसान हो जाएगी।
इसी प्रकार वाया थलौट-शैट्टाधार मार्ग पर भी बहाली कार्य जारी है। इस मार्ग पर शैट्टाधार तक हल्के वाहनों (एलएमवी) की आवाजाही बहाल कर दी गई है।
गौरतलब है कि थूनाग क्षेत्र इस बार की आपदा में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां सड़क संपर्क टूट जाने से राहत एवं पुनर्वास कार्यों में भारी दिक्कतें आ रही हैं । जिले में पिछले कल से आज सायं 4 बजे तक 8 सड़कें बहाल की गई हैं जबकि अभी तक 156 सड़कें बाधित हैं। इनकी बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है ताकि लोगों को राहत पहुंचाई जा सके।