चंडीगढ़ , 5 जनवरी : सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने आज राजपुरा की नई अनाज मंडी में विशाल निरंकारी संत समागम के अवसर पर हजारों की गिनती में पहुंची संगतों को आर्शीवाद देते हुए फरमाया कि इंसान को मानव जीवन सिर्फ परमात्मा को जानने के लिए मिला है। जिसने इस परम पिता परमात्मा को जान लिया है उसके जीवन में हर इंसान के लिए प्यार अपने आप ही पैदा हो जाता है उसको हर इंसान अपना नजर आने लग जाता है। जीवन भी उनका ही सफल होता है जो जीवत रहते इस परमात्मा को देखकर भक्ति करते है वह जन्म मरन के चक्र से मुक्त हो जाते है। संत हमेशा प्यार रुपी पुल बनाकर ही समाज में विचरण करते है तथा नफरत की दीवारों को खत्म कर देते है। हमें एक दूसरे के प्रति वैर, विरोध, नफरत, ईष्र्या की भावना को खत्म करके हमेशा प्यार, प्रीत, विनम्रता,सहनशीलता, एकता के साथ ही पेश आना चाहिए। उन्होंने समाज में फैली दुनियावी नशों से बचने के प्रेरणा देते हुए कहा कि इंसान को हमेशा परमात्मा के नाम का नशा करना चाहिए जो कि सदा रहने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारे दिलों में निरंकार का हमेशा वास रहे। उन्होंने उदाहरण दी कि जब कोई इंसान किसी खड़े पानी में कंकर मारता है तो वह पानी का फैलाव चारों तरफ नजर आता है इसी तरह जो ब्रह्मज्ञानी का जीवन होता है वह हर एक के साथ प्यार से पेश आता है। हर इंसान के प्रति अपना स्वभाव उसी तरह से रखो जैसे कि उसके सामने रखते है भाव कि किसी की पीठ के पीछे भी निंदा चुगली नहीं करनी चाहिए। हर समय अच्छे गुणों को ही अपनाना है सिर्फ अपने फायदे के लिए अच्छे नहीं बनना बल्कि हमेशा के लिए अच्छे गुण अपनाकर अच्छे इंसान बनना है। उन्होंने आगे समझाया कि किसी के रंग, रुप, जात, पात, खाने, पीने पर नफरत नहीं करनी बल्कि उसके अच्छे गुणों को धारन करना है। उन्होंने उदाहरण देते कहा कि जब हम कमरे में अकले होते है तो हमें कई बार अपनी ही परछाई दिखाई देती है तो देखने में यह महसूस होता है कि ये कोई और इंसान है जबकि बाद में पता चलता है कि यह तो अपनी खुद की ही परछाई है। इसी तरह जब हम किसी को गैर समझ कर नुक्सान पहुंचाते है पर बाद में पता चलता है कि उसमें भी उसी परमात्मा का वास है जो मेरे अंदर है। हर इंसान में परमात्मा का नूर है, सब में परमात्मा है इसलिए हमने सभी को प्यार करते हुए आगे बढऩा है, यदि हमारे मटके में पानी होगा तभी हम किसी को पानी पिला सकते है। उसी तरह जब हम प्यार, प्रीत, विनम्रता, सहनशीलता आदि का भाव अपनाते है तब ही हम किसी को भी प्यार, विनम्रता व सहनशीलता बांट सकते है। हम सब ने प्रेमा भक्ति करनी है, इस परमात्मा से लिव जोड़ कर हर समय प्यार से भक्ती करते हुए आनंद में रहना है। जैसी भी स्थिति हो, दुख में भी तथा सुख में भी हमेशा इस दातार प्रभु का शुक्राना करना है।
इस अवसर पर जोनल इंचार्ज पटियाला राधे श्याम जी ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज, निरंकारी राज पिता रमित जी तथा समूह संगतों का स्वागत किया तथा स्थानीय पुलिस प्रशासन, सिविल प्रशासन,नगर कौंसल, मार्किट कमेटी, आढ़ती एसोसिएशन व क्षेत्र के विभिन्न राजनीतिक, समाजिक व धार्मिक संस्थाओं व शहर निवासियों का भरपूर सहयोग देने के लिए धन्यवाद किया।