CHANDIGARH-23.10.22-प्राचीन कला केन्द्र एवं पुरातन कला पंजाब घराना तबलावादन शिक्षा केन्द्र सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में आज यहां तबला के पितामह उस्ताद अल्ला रक्खा संगीत सम्मेलन का आयोजन किया गया । जिसमें बहुत से कलाकारों ने श्रद्धांजलि रूपी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया कार्यक्रम का आयोजन टैगोर थियेटर में 2 बजे से किया गया

आज के कार्यक्रम में पांडीचेरी के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री डॉ.इकबाल सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की । इसके अलावा न्यूज़ीलैंड से श्री मनजीत सिंह एवं श्रीमती दिलजीत कौर,कनाडा से श्री दलजीत सिंह गैडू,परथ से श्री गुरप्रीत सिंह,सरब अकाल सोसाइटी से श्री रणजीत सिंह, भैणी साहिब से श्री जितंदरपाल सिंह एवं पंजाब सिविल सकत्तर से श्री दविंदर सिंह ने बतौर विशेष मेहमान शिरकत की ।

कार्यक्रम में तबला पितामह श्री अल्ला रक्खा खां साहिब को भावभीनी श्रद्धाजंलि दी गई । । संगीत कार्यक्रम के पहले चरण में पड़ताल गायन पेश किया गया । जिसमें 16 कलाकारों ने भाग लिया । उपरांत समूह पेशकारी में तबला वादन पेश किया गया । इसके पश्चात दो कलाकारों द्वारा सितार वादन प्रस्तुत किया गया। उपरांत एकल तबला वादन प्रस्तुत किया गया । ये सभी कलाकार पुरातन कला सोसाइटी के छात्र है जो संगीत की विधिवत शिक्षा ले रहे हैं । ये
तबला वादन शिक्षा केंद्र सोसाइटी केन्द्र का एक संबंध एफिलिएटिड सेंटर है ।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में एकल ढोल वादन,तथा तबला वादन पेश किया गया । उपरांत गिटार तबला में फयूजन पेश किया गया जिसमें दो कलाकारों ने भाग लिया । इसके उपरांत पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के अलंकार सिंह जी द्वारा शास्त्रीय गायन पेश किया गया । जिसमें उन्होंने कुछ पारम्परिक बंदिशें पेश की । उपरांत दिल्ली की युवा कत्थक नृत्यांगना गरिमा आर्य द्वारा कत्थक नृत्य की प्रस्तुति पेश की गई । जिसमें गरिमा ने चौताल में शिव स्तुति पेश की । उपरांत तीन ताल में पारम्परिक कत्थक नृत्य पेश किया । इसके बाद गरिमा ने भाव पक्ष पर आधारित प्रस्तुति राधा प्रेम बसंत पेश की । इसके पश्चात तीन ताल द्रुत लय में लखनऊ घराने का कत्थक पेश किया ।
कार्यक्रम का समापन गरिमा ने घुंघरू,तबला और पखावज की जोरदार जुगलबंदी से किया ।

कार्यक्रम के अंतिम भाग में मुंबई से आए कलाकार श्री नितिन शंकर जो कि जाने माने म्यूजिशियन एवं रिदम अरैजरं हैं, ने अपने समूह के साथ जोरदार प्रस्तुति दी । जिसमें उन्होंने बेहतरीन संगीत से सजी शाम से दिवाली से पहले ही रोशनी भरी यादों से इस सुरमई शाम का समापन किया । नितिन के समूह में शिखरनाद कुरैशी ने (डिजेम्बे) , श्रवण शम्सी ने (ड्रम ) खवाब हरिआ ने (ड्रम ) हरमीत सिंह ने (तबला एवं काहोंन ) वरद कुलकर्णी ने (तिबले) एवं जॉय रुमदे ने (दरबुका ) पर बखूबी संगत की

इस अवसर पर सम्मेलन प्राचीन कला केन्द्र एवं पुरातन कला पंजाब घराना तबला वादन शिक्षा केन्द्र सोसाइटी के प्रेसिडेंट कुलविंदर सिंह तथा सैक्ट्ररी डॉ.जगतार सिंह एवं प्राचीन कला केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर एवं सैक्ट्ररी सजल कौसर भी उपस्थित थे । इन्होंने कलाकारों को सम्मानित किया ।