CHANDIGARH, 12.10.22-प्राचीन कला केन्द्र द्वारा हर माह आयोजित होने वाली मासिक बैठकों की 277वीं कड़ी में आज दिल्ली से आए अदनान खान द्वारा एक मधुर सितार वादन की प्रस्तुति दी गई । इस कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र के गुरू एम.एल.कौसर सभागार में सायं 6रू30 बजे से किया गया । इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण केन्द्र के अधिकृत यूट्यूब चैनल पर भी किया गया

आज के कलाकार अदनान खान दिल्ली घराने के मशहूर सितार वादक सईद खान के सुपुत्र है । इन्होंने सितार वादन की शिक्षा अपने नाना उस्ताद जफर अहमद खां से लेनी प्रारंभ की और सितार की बारीकियां इन्होंने अपने पिता से सीखी । इनके सितार वादन की विशेष गायकी अंग पर इनकी मज़बूत पकड़ है । इसके अलावा सुर,ताल और लय पर विशेष महारथ रखने वाले अदनान आजकल की युवा पीढ़ी में अपनी खास जगह बना चुके है ।

आज के संगत कलाकार जहीन खान भी युवा पीढ़ी के तबला वादक हैं । जहीन अजराड़ा घराने से सम्बन्धित है । उस्ताद हशमत अली खां के शिष्यत्व में सीखते जहीन ने उस्ताद अकरम खां से भी तबला वादन की बारीकियां सीख रहे हैं ।
आज के कार्यक्रम का आरंभ अदनान ने बिहाग से किया । जिसमें पारम्परिक आलाप के बाद जोड़ झाला का सुंदर प्रदर्शन किया । इसके पश्चात अदनान ने कुछ पारम्परिक गतें पेश की जिसमें सितार के तारों पर लहराती अदनान की उंगलियों से उनकी प्रतिभा झलकती दिखी । इसके अतिरिक्त अदनान ने गायकी अंग से सजी सितार वादन की पेशकािरयों ने दर्शकों को खूब लुभाया ।

कार्यक्रम के अंत में अदनान ने राग मिश्र खमाज से सजी एक धुन से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया कार्यक्रम में अदनान के साथ जहीन के तबले की जुगलबंदी ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी । कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर,सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया ।