बैजनाथ, 10 दिसंबर-उपमंडल बैजनाथ की ग्राम पंचायत महालपट्ट में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के अंतर्गत जिला स्तरीय वॉटरशेड महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक किशोरी लाल ने की। इस दौरान विधायक ने 12 वाटरशेड परियोजनाओं का लोकार्पण किया तथा चकोल गांव से डरकू नाला तक प्रस्तावित कूल्ह निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया।
उन्होंने उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण समय की आवश्यकता है और इस प्रकार की परियोजनाएं जल-संरक्षण एवं मिट्टी संरक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने गांववासियों से इन परियोजनाओं के रखरखाव में सक्रिय सहयोग की अपील की।

विधायक किशोरी लाल ने कहा कि बैजनाथ क्षेत्र में प्राकृतिक जल-स्रोतों की बहुतता होने के बावजूद लगातार बदलते मौसम, वर्षा में कमी और बढ़ते भू-जल दोहन के कारण कई जगह जल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में वाटरशेड जैसी परियोजनाएं न सिर्फ जल-संरक्षण को गति देती हैं बल्कि किसानों की आय में वृद्धि, पशुधन को शुद्ध जल उपलब्ध करवाने तथा ग्रामीण जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

विधायक ने वाटरशेड परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं से खेती योग्य भूमि का संरक्षण होगा, मिट्टी कटाव रुकेगा, भूमिगत जल रिचार्ज बढ़ेगा और गांवों में जल संकट काफी हद तक कम होगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि इन परियोजनाओं को केवल सरकारी योजना न समझें बल्कि अपनी संपत्ति मानकर इनके रखरखाव और सफल संचालन में सहयोग दें।

विधायक ने प्राकृतिक खेती को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि रासायनिक खेती के कारण बढ़ती लागत, मिट्टी की उर्वरता में कमी तथा स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को देखते हुए प्राकृतिक खेती आज समय की आवश्यकता बन गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार प्राकृतिक एवं जैविक खेती को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। सरकार न केवल किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित कर रही है बल्कि मक्की, हल्दी सहित कई स्थानीय कृषि उत्पादों की सरकारी खरीद कर किसानों को सुरक्षित बाजार भी उपलब्ध करवा रही है।

विधायक ने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे अपनी भूमि में प्राकृतिक विधि से सब्जियों व अन्य फसलों का उत्पादन करें ताकि स्वास्थ्य की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक बचत सहित तीनों का लाभ एक साथ प्राप्त हो सके।

इस मौके पर जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण के परियोजना अधिकारी भानुप्रताप ने वाटरशेड परियोजना संबंधी विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वाटरशेड परियोजनाओं के अंतर्गत कूल्हों का निर्माण, चेक डैम, गली प्लग, वर्षाजल के संरक्षण द्वारा भूजल रिचार्ज बढ़ाना, मिट्टी कटाव रोकना, बावड़ियों की सुरक्षा एवं पुनर्स्थापन जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन सब कार्यों का सुचारू रखरखाव हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी कल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

खंड विकास अधिकारी सुमन कुमारी ने वॉटरशेड परियोजना के अंतर्गत आयोजित की जा रही प्रतियोगिताओं की जानकारी देते हुए कहा कि प्रतिभागियों को 30 से 60 सेकंड की रील या जल संरक्षण से संबंधित फोटो बनाकर उसे सोशल मीडिया में अपलोड कर लिंक को wdcpmksy.dolr.gov.in पोर्टल पर अनिवार्य रूप से शेयर करना होगा। प्रतियोगिता 31 दिसंबर तक आयोजित की जा रही है और सर्वश्रेष्ठ रील एवं फोटो को सरकार की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा।

कार्यक्रम में बच्चों तथा ग्रामीणों ने जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण विषय पर प्रभावशाली भाषण एवं लोकगीत प्रस्तुत किए जिन्हें विधायक किशोरी ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी बैजनाथ संकल्प गौतम, प्रधान महालपट्ट डॉ आशा देवी, प्रधान खड़ानाल रोहित जमवाल, प्रधान कंदराल राजो देवी, उपप्रधान महालपट्ट वनवीर, सहायक अभियंता जलशक्ति शरती शर्मा, सहायक अभियंता विद्युत सुभाष कपूर, खंड स्वास्थ्य पर्यवेक्षक रवि स्याल, कार्यकर्ता नागेंद्र कटोच, मदन, काका शर्मा, हरबंश, रमेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।