चण्डीगढ़, 06.12.25 : आशियाना पब्लिक स्कूल, सेक्टर 46-ए में दो दिवसीय प्रदर्शनी “ज्ञानोत्सव: ए फेस्टिवल ऑफ़ लर्निंग इन एक्शन” का शुभारम्भ हुआ।

“ज्ञानोत्सव” में विभिन्न विषयों और क्षेत्रों से जुड़े प्रभावशाली मॉडलों और प्रस्तुतियों की एक विस्तृत व विशाल श्रृंखला सम्मिलित थी। इस प्रदर्शनी को विभिन्न विषयों के आधार पर बांटा गया था ।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के तहत 12 ज्योतिर्लिंगों के पीछे की “स्पाइरल थ्योरी”, टेक–मोशन प्लेग्राउंड व फ्यूचरिस्टिक जंक्शन (सोलर सिटीज़, स्मार्ट विलेजेज़), गणित के तहत मीनाक्षी मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर जैसे अद्भुत 3डी मॉडल, जो गणित, खगोलशास्त्र और आध्यात्मिकता का प्राचीन भारतीय स्वरूप दर्शाते हैं, सामाजिक विज्ञान एवं इतिहास के तहत भारत को ‘दंतकथाओं की ऐतिहासिक भूमि’ के रूप में दर्शाते रोचक डियोरामाज़, सिंधु घाटी सभ्यता की नगर–योजना, और “इंडिया’ज़ प्राइड – धरती, आकाश और समुद्र में” जैसे प्रस्तुतीकरण ने चकित कर दिया। अंग्रेज़ी, हिंदी, पंजाबी, फ्रेंच भाषाओँके अंतर्गत इंग्लिश में ग्रैमर गैलेक्सी, लिटरेरी लेगेसी, हिंदी में ‘हिंदोत्सव’, पंजाबी में ‘विरसा पंजाब दा’ व फ्रेंच में प्रसिद्ध 3डी स्मारकों का प्रदर्शन प्रमुख रहे।

विद्यार्थियों के पिछले कई सप्ताहों के कठिन परिश्रम, विचारों के आदान - प्रदान, सामूहिक संगठन और असीमित उत्साह ने कक्षाओं को जीवंत शिक्षण–स्थलों में बदल दिया था।

कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण था—कक्षा 9वीं के दो विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया एआई-सक्षम रोबोट, जो गणितीय समस्याओं को हल कर सकता है। उल्लेखनीय है कि विद्यालय जनवरी से छात्रों के लिए एक आधुनिक रोबोटिक्स लैब स्थापित करने की प्रक्रिया में है।

यह आयोजन केवल एक शानदार प्रदर्शनी नहीं था, बल्कि हर छात्र के लिए एक अर्थपूर्ण सीखने का अनुभव भी साबित हुआ। बच्चों ने अपनी प्रस्तुति कौशल को निखारा और समझ को गहराई दी जिससे यह प्रदर्शनी एक अपार सफलता के पथ पर अग्रसर हुई ।

‘ज्ञानोत्सव’ के पहले दिन की आशातीष सफलता ने आशियाना के युवा शिक्षार्थियों के असीम उत्साह और समर्पित स्टाफ के मार्गदर्शन को उजागर किया। यह प्रदर्शनी वास्तव में ज्ञान, सृजनात्मकता और नवाचार का उत्सव बनकर उदय हुई —यह याद दिलाते हुए कि आशियाना पब्लिक स्कूल में सीखना हर दिन सचमुच जीवंत हो उठता है क्योंकि इसका लक्ष्य छात्र- छात्राओं का सर्वांगीण विकास है ।