सोलन-दिनांक 06.12.2025
सशस्त्र कल्याण कोष के लिए उदारतापूर्वक करें अंशदान - उपायुक्त
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि भारतीय सेना देश के गौरव का प्रतीक है और हम सभी को सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर सशस्त्र कल्याण कोष के लिए उदारतापूर्वक अंशदान करना चाहिए ताकि समय पर सेवारत एवं पूर्व सैन्य कर्मियों की सहायता सुनिश्चित हो सके।
उप निदेशक सैनिक कल्याण सोलन कर्नल (सेवानिवृत्त) सुरेश कुमार अग्निहोत्री ने इस अवसर पर उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा को फ्लैग डे लैपल पिन अप किया। उन्होंने अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन, उपमण्डलाधिकारी सोलन डॉ. पूनम बंसल तथा अन्य ज़िला अधिकारियों को भी फ्लैग डे लैपल पिन अप किया।
यह दिवस देश की सीमाओं पर बहादुरी से लड़ने वाले शहीदों और जवानों की सहायता के लिए धन एकत्र करने एवं उनके परिजनों को सम्मानित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है।
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गेहूं और जौ की फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर
ज़िला सोलन में फसलों का बीमा करवाने के लिए पुर्नाेत्थान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्रियान्वित की जा रही है। गेहूं और जौ की फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर, 2025 निर्धारित की गई है। यह जानकारी कृषि उप निदेशक सोलन डॉ. देव राज कश्यप ने दी।
उन्होंने बताया कि टमाटर एवं शिमला मिर्च की फसल का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 28 फरवरी, 2026 निर्धारित की गई है।
डॉ. देव राज कश्यप ने कहा कि इच्छुक किसान फसलों का बीमा अपने नज़दीकी लोकमित्र केन्द्र के माध्यम से करवा सकते हैं। किसान अपनी जमाबंदी, आधार कार्ड, बैंक पास बुक, बिजाई प्रमाण पत्र आदि लेकर लोकमित्र केन्द्रों में जा कर बीमा करवा सकते है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त किसान ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से भी बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
उप निदेशक ने कहा कि गेहूं और जौ की फसल के लिए 60 हजार रुपए तथा 50 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर बीमित राशि निर्धारित की गई है। किसानों को गेहूं की फसल के लिए 72 रुपए प्रति बीघा तथा जौ की फसल के लिए 60 रुपए प्रति बीघा प्रीमियम राशि अदा करनी होगी।
उन्होंने कहा कि टमाटर तथा शिमला मिर्च की फसल के लिए 02 लाख रुपए तथा 1.50 लाख रुपए प्रति हैक्टेयर बीमित राशि निर्धारित की गई है। किसानों को टमाटर की फसल के लिए 800 रुपए प्रति बीघा तथा शिमला मिर्च की फसल के लिए 600 प्रीमियम राशि अदा करनी होगी। पुर्नाेत्थान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कम वर्षा, सूखा, बाढ़, सैलाब, भूमि कटाव, ओलावृष्टि और फसल कटाई के उपरांत दो सप्ताह तक होने वाले नुकसान तथा स्थानीयकृत आपदा को कवर किया जाता है।
उन्होंने कहा कि ऋणी किसानों के लिए यह योजना ऐच्छिक की गई है।
उप निदेशक ने आग्रह किया कि किसान अपनी गेहूं, जौ, टमाटर व शिमला मिर्च की फसल का बीमा करवाएं ताकि फसलों का नुकसान होने की स्थिति में उन्हें कृषि बीमा कम्पनियों से मुआवज़ा मिल सके।
उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नज़दीकी कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर सकते है।
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सोलन में 07 दिसम्बर को विद्युत आपूर्ति नहीं होगी बाधित
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड सोलन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 07 दिसम्बर, 2025 को सोलन में बाधित की जाने वाली विद्युत आपूर्ति को तकनीकी कारणों के दृष्टिगत स्थगित कर दिया गया है। इस कारण 07 दिसम्बर, 2025 को सोलन में अब विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होगी। यह जानकारी आज यहां अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता सोलन राहुल वर्मा ने दी।
उन्होंने कहा कि भविष्य में बाधित होने वाली विद्युत आपूर्ति के सम्बन्ध में पूर्व में सूचित किया जाएगा।
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सोलन -दिनांक 06.12.2025
जागरूक कार्यक्रम आयोजित
प्रदेश उद्योग विभाग के सोलन ज़िला के परवाणू स्थित एकल खिड़की स्वीकृति एजेंसी की सदस्य सचिव राकेश बाला ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को अपनी उत्पादकता बढ़ाने के लिए स्मार्ट टूल, डिजिटल कार्य प्रणाली व अत्याधुनिक रूपरेखा व परीक्षण का प्रयोग सुनिश्चित बनाना चाहिए।
राकेश बाला आज ‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के प्रदर्शन को बढ़ावा देने और गति लाना’ (आर.ए.एम.पी.) विषय पर परवाणू में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थी।
सदस्य सचिव ने कहा कि सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों को भविष्य की डिजिटल चुनौतियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने उद्योगों द्वारा इंडस्ट्री 4.0 तकनीक अपनाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
राकेश बाला ने उपस्थित उद्योग प्रतिनिधियों से आग्रह कि सरकार द्वारा उद्योगों के लिए प्रायोजित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं ताकि सतत् वृद्धि के लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सके।
केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के विशेषज्ञों ने इस अवसर पर कृत्रिम मेधा (ए.आई.), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आई.ओ.टी.), मशीन लर्निंग (एम.एल.), स्मार्ट उत्पादन, क्लाउड कम्प्यूटिंग, एंटरप्राईंज़ रिर्सोस प्लानिंग (ई.आर.पी.), उपभोक्ता संबंध प्रबंधन (सी.आर.एम.) सहित अन्य संबद्ध विषयों पर प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के प्रतिनिधियों को इंडस्ट्री 4.0 से उत्पादकता, परिचालन सुरक्षा, लागत दक्षता व प्रक्रिया स्वचालन के विषय पर व्यवहारिक उदाहरण देकर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।
जागरूकता कार्यक्रम में परवाणू स्थित पैकेजिंग व प्लास्टिक, फैबरीकेशन व मेटल, स्टील प्रोसेसिंग, स्क्रेप मेटर रीसाईकलिंग उद्योगों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
जागरूकता कार्यक्रम में रिर्वस इंजीनियरिंग, 3डी प्रिटिंग तथा स्मार्ट मैनुफेचरिंग सोल्यूशन के माध्यम से पैकेजिंग, प्लास्टिक, फैबरीकेशन, स्टील तथा स्क्रेप रीसाईकलिंग की गति बढ़ाने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। प्रतिभागियों को आर.ए.एम.पी. कार्यक्रम के तहत विभिन्न योजनाओं तथा प्रयासों की जानकारी दी गई। प्रतिभागियों से आग्रह किया गया कि स्मार्ट तथा डिजिटल उत्पादन अभ्यास अपनाकर हिमाचल में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों को और बेहतर बनाएं।
इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु तथा उद्योग जगत के प्रतिभागियों ने विभिन्न विषयों पर अपनी शंकाएं प्रस्तुत की जिनका समुचित निवारण किया गया।