प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना का लाभ अवश्य उठाएं किसान : मुकेश रेपसवाल
किसानों को समय पर बीमा करवाने की सलाह, प्राकृतिक आपदा में मिलेगा लाभ
किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को फ़सल बीमा से जोड़े बैंक : उपायुक्त
चम्बा,4 दिसम्बर -उपायुक्त चम्बा मुकेश रेपसवाल कि अध्यक्षता में आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और पुनर्निर्मित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय निगरानी समिति कि बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला के किसानों को फ़सल बीमा योजनाओं से जोड़ने व लाभ दिलवाने के कार्यों कि समीक्षा की गई।
उपायुक्त नें बताया कि रबी मौसम 2025-26 के लिए गेहूं व जौ की फसलों का बीमा करवाने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर निर्धारित की गई है, जहाँ गेहूं की फसल के लिए 72 रूपये प्रति बीघा प्रीमियम देय है तथा प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने पर अधिकतम 4800 रूपये प्रति बीघा का मुआवज़ा प्रदान किया जाएगा। वहीं जौ की फसल के लिए 60 रूपये प्रति बीघा प्रीमियम देय है तथा नुकसान की स्थिति में अधिकतम 4 हजार रूपये प्रति बीघा की भरपाई की जाती है।
उन्होंने कहा कि किसान किसी भी लोक मित्र केंद्र, जन सेवा केंद्र या ऑनलाइन पोर्टल pmfby.gov.in के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा सरलता से करवा सकते हैं। इसके लिए किसान को केवल अपनी फोटोग्राफ, पहचान पत्र तथा खेत के खसरा नंबर का प्रमाण प्रस्तुत करना होता है। सभी ऋणी किसानों को सम्बंधित वित्तीय संस्थान द्वारा स्वतः बीमित किया जाएगा। यदि कोई ऋणी किसान योजना का लाभ नहीं लेना चाहता, तो वह बैंक शाखा में घोषणा पत्र जमा करवा सकता है।
उपायुक्त ने आगे बताया कि जिले के भरमौर, चम्बा, पांगी, सलूणी व तिसा ब्लॉकों के किसान मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी मौसम 2025-26 की फसल आलू का बीमा 31 जनवरी 2026 तक, लहसुन का 14 दिसम्बर 2025 और सेब का 20 दिसंबर 2025 तक करवा सकते हैं। इस योजना के संचालन हेतु एग्रीकल्चर इन्शारेंस कंपनी को अधिकृत किया गया है।आलू की फसल का बीमा करवाने के लिए किसान को 500 रूपये प्रति बीघा प्रीमियम देना होगा। प्राकृतिक कारणों से फसल क्षति होने पर अधिकतम 10 हजार प्रति बीघा तक मुआवज़ा देय होगा।इस कार्य के लिए कशेमा जनरल इन्शारेंस कंपनी को अधिकृत किया गया है।
उपायुक्त नें कृषि विभाग, बीमा कम्पनी और सभी बैंकों से आपसी समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक किसानों को फ़सल बीमा योजना से जोड़ने विशेषकर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)धारक सभी किसानों का फ़सल बीमा करवाने के लिए निर्देशित किया।
उपायुक्त ने जिला के किसानों से आग्रह किया है कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना का लाभ अवश्य उठाएं, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान की भरपाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने बताया कि खरीफ फ़सल 2024 में 2505 बिमित किसानों को फ़सल नष्ट होने पर 35,46355 रूपये की बिमा राशि उपलब्ध करवाई गई।
बैठक का संचालन कृषि उप निदेशक डॉ. भूपेंद्र सिंह नें किया उन्होंने किसानों से अपील की कि वे निर्धारित तिथियों के भीतर अपनी फसलों का बीमा अवश्य करवाएं, ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में उन्हें समय पर आर्थिक सहायता प्राप्त हो सके। यदि किसानों को बीमा पंजीकरण से संबंधित कोई समस्या आती है, तो वे अपने नज़दीकी खंड स्तरीय कृषि कार्यालय, कार्यालय कृषि उप निदेशक चम्बा या बीमा कंपनियों के जिला प्रतिनिधि भुवनेश कुमार, एग्रीकल्चर इन्शारेंस कंपनी 98166-27278 व मदन कुमार, कशेमा जनरल इन्शारेंस कंपनी 82194-38857 से संपर्क कर सकते हैं।
बैठक में जिला राजस्व अधिकारी विक्रम जीत सिंह, डीसी चौहान प्रबंधक अग्रणी बैंक, राकेश कुमार डीडीएम नाबार्ड व विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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धरती माता बचाओ निगरानी समितियों के गठन बारे बैठक आयोजित
जिले में ग्राम, उपमंडल व जिला स्तर पर बनेंगी धरती माता बचाओ समितियां:- मुकेश रेपसवाल
किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरक उपयोग के लिए किया जाएगा प्रेरित
चम्बा, 4 दिसंबर -उपायुक्त चम्बा मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में आज धरती माता बचाओ निगरानी समिति के गठन संबंधी बैठक आयोजित की गई। उपायुक्त ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार गाँव स्तर, उपमंडल स्तर एवं जिला स्तर पर धरती माता बचाओ निगरानी समितियों का गठन किया जाना है। बैठक में समिति के गठन, उनकी भूमिकाओं एवं कार्यप्रणाली पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।
उन्होंने बताया कि समिति का मुख्य कार्य पंचायत तथा सीमा क्षेत्रों में खाद की बिक्री और वितरण की निगरानी करना, किसी व्यक्ति या समूह को खाद की अत्यधिक या संदिग्ध आपूर्ति की जानकारी संबंधित अधिकारियों को देना तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध तस्करी या खाद के दुरुपयोग पर सतर्क रहना है। समिति किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर रासायनिक खाद का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगी साथ ही नकली या मिलावटी खाद के उत्पादन व वितरण पर निगरानी रखते हुए इसकी सूचना उपमंडल अथवा जिला स्तर पर संबंधित अधिकारियों को देगी।
ग्राम स्तरीय धरती माता बचाओ निगरानी समिति में ग्राम प्रधान अध्यक्ष होंगे जबकि ग्राम पंचायत सचिव, कृषि सखी, ड्रोन दीदी, प्रगति शील किसान, प्राथमिक कृषि ऋण समितियां/ किसान उत्पादक संगठन, संबंधित क्षेत्र के कृषि विभाग से कोई एक अधिकारी इस समिति के सदस्य होंगे।
उन्होंने बताया कि ग्राम स्तरीय समिति रबी और खरीफ सीजन से पहले ग्राम पंचायत की मासिक बैठक आयोजित करेगी, जिसमें खादों के संतुलित उपयोग तथा मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों के आधार पर पोषक तत्व आधारित उर्वरकों के सही उपयोग पर चर्चा की जाएगी। जिला प्रशासन कम से कम 100 ऐसे गाँव/स्थानों की पहचान करेगा जहाँ रासायनिक खाद का उपयोग अत्यधिक है और इन क्षेत्रों में कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक प्रत्येक गाँव में जाकर किसानों को रासायनिक उर्वरकों के सही उपयोग के प्रति जागरूक करेगी।
समिति हर मौसम में कम से कम दो बार बैठक करके उर्वरक की खपत की समीक्षा करेगी और किसी भी अवैध उपयोग पर चर्चा करेगी। कृषि कार्यालय से खुदरा बिक्री के आंकड़े लेकर खपत में किसी भी असामान्य वृद्धि के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा और किसानों को शिक्षित किया जाएगा।
इसी प्रकार से उपमंडल स्तर और जिला स्तर पर भी धरती माता बचाओ निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा।
उपायुक्त नें संबंधित विभाग को सभी ज़रूरी औपचारिकताएं 15 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारीअमित मैहरा, डॉ. भूपिंदर सिंह उप निदेशक कृषि विभाग, डॉ. धर्मेन्द्र कुमार कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।