ऊना जिले में बाजारों में व्यावसायिक गतिविधियों के सुव्यवस्थित संचालन व अतिक्रमण रोकने को डीसी ने जारी किए कड़े आदेश

बाहरी दुकानदारों पर सख्त निगरानी, बिना अनुमति लगाए गए अस्थायी ढांचे तुरंत हटेंगे, पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य


ऊना, 3 दिसंबर. ऊना जिले में बाजारों में व्यावसायिक गतिविधियों को सुव्यवस्थित रखने, अतिक्रमण रोकने और कानून-व्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य से जिला दंडाधिकारी जतिन लाल ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। व्यावसायिक सीज़न में बढ़ती भीड़, अवैध अस्थायी दुकानों और सार्वजनिक व्यवस्था पर संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।

डीसी ने बताया कि यह देखा गया है कि अन्य जिलों और राज्यों से आए कई दुकानदार बिना पूर्व अनुमति के दुकानें किराए पर ले रहे हैं तथा अस्थायी शेड व ढांचे खड़े कर रहे हैं। इनकी निगरानी आवश्यक है। ऐसी अव्यवस्थित गतिविधियां न केवल भीड़भाड़ और यातायात अवरोध बढ़ाती हैं, बल्कि विवाद व सुरक्षा संबंधी जोखिम भी खड़े करती हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सार्वजनिक व्यवस्था व सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जारी आदेशों में कहा गया है कि ऊना में दूसरे जिलों व राज्यों से आकर कारोबार कर रहे सभी दुकानदारों का स्थानीय पुलिस द्वारा पूर्ण सत्यापन किया जाएगा। बिना अनुमति स्थापित सभी अस्थायी शेड व ढांचे तुरंत प्रभाव से हटाए जाएंगे। अब से कोई भी बाहरी दुकानदार संबंधित एसडीएम की पूर्व लिखित अनुमति के बगैर न तो दुकान किराये पर ले सकेगा और न ही किसी प्रकार का अस्थायी ढांचा स्थापित कर सकेगा। ऐसी अनुमति केवल पुलिस वेरीफिकेशन के बाद ही दी जाएगी।

उपायुक्त ने चेतावनी दी कि आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ये आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं और अगले निर्देशों तक प्रभावी रहेंगे।

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ऊना जिले में खाद्य सुरक्षा मानकों के कड़े पालन को लेकर उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश

ऊना, 3 दिसंबर. उपायुक्त जतिन लाल ने जिले में खाद्य सुरक्षा मानकों के प्रभावी पालन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे खाद्य सैंपलों की संख्या बढ़ाएं और नियमों का उल्लंघन करने वाले खाद्य व्यवसाय संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। साथ ही, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा को राज्य कर एवं आबकारी विभाग, ऊना के साथ समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि उनके नियंत्रण क्षेत्र के सभी शराब विक्रेता अनिवार्य रूप से खाद्य लाइसेंस प्राप्त करें। यदि कोई विक्रेता लाइसेंस प्राप्त नहीं करता है, तो उसके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

ये बात उन्होंने बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए खाद्य सुरक्षा नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान कही।

उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन जिले में स्वस्थ, सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा।

बैठक में जिले में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अब तक की प्रवर्तन गतिविधियों और जन जागरूकता कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने अवगत कराया कि जिला में कुल 482 फूड लाइसेंस ऑपरेटर सक्रिय हैं। इसके अलावा 3985 फूड बिजनेस ऑपरेटर को खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण एक्ट के तहत पंजीकृत किया गया है। जिला में अप्रैल 2025 से 28 नवम्बर, 2025 तक 144 नए लाईसेंस बनाए गए जिससे 06 लाख 92 हज़ार रुपये और 1017 को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण एक्ट के तहत पंजीकृत किया गया जिनसे 6 लाख 3 हज़ार रुपये पंजीकरण शुल्क एकत्रित की गई। खाद्य व्यवसाय संचालकों को सुगम पंजीकरण और लाइसेंस प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा 88 नमूने एकत्रित किए गए जिनमें से 62 का परीक्षण प्रयोगशाला में किया गया। इनमें से 14 नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए, जिनमें 2 असुरक्षित, 5 गलत ब्रांडिंग वाले, 07 अवमानक पाए गए, जबकि 48 नमूने मानक अनुरूप घोषित किए गए। खाद्य सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर 12 लाख उन्सठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। दिवाली पर्व के दौरान खाद्य सुरक्षा अभियान के तहत 1500 किलोग्राम पनीर जब्त किया गया।

उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा जिला ऊना को मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब उपलब्ध करवाई गई है, जिसके माध्यम से दूध, तेल, जूस आदि का त्वरित और निःशुल्क परीक्षण किए जाएंगे। उन्होंने इस मोबाइल वैन के सुचारू संचालन लिए पर्याप्त स्टॉफ उपलब्ध करवाने का आश्वासन भी दिया।
उन्होंने कहा कि यह वैन जागरूकता और निगरानी कार्यों में भी उपयोग होगी।
फूड फोर्टिफिकेशन को लेकर सरकार द्वारा दूध, खाद्य तेल, आटा, चावल और नमक को विटामिन और खनिजों से समृद्ध करने की पहल की गई है, जिससे लोगों को पोषणयुक्त आहार मिले। ऊना जिले में 1506 लीटर उपयोग में लाए जा चुके पुराने खाद्य तेल का संग्रहण कर बायोडीजल उत्पादन के लिए भेजा गया। खाद्य व्यवसाय संचालकों के लिए खाद्य सुरक्षा पर्यवेक्षकों का अनिवार्य प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है।
बैठक में सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा जगदीश धीमान, डीएफएससी राजीव शर्मा, उपनिदेशक कृषि डॉ. कुलभूषण धीमान सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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डीसी-एसपी ने टाहलीवाल में यातायात व सुरक्षा व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया


टाहलीवाल (ऊना), 3 दिसंबर. जिलाधीश जतिन लाल और पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने टाहलीवाल नगर पंचायत क्षेत्र का दौरा कर यातायात और सुरक्षा व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र और मुख्य बाजार का दौरा कर स्थिति का मूल्यांकन किया। मौके पर एएसपी संजीव भाटिया, एसडीएम विशाल शर्मा, नगर पंचायत के प्रधान प्रकाश चंद, उपप्रधान गुरनाम सिंह और अन्य सदस्य तथा स्थानीय व्यापार मंडल के सदस्य उपस्थित रहे।
जतिन लाल ने अधिकारियों को मुख्य बाजार में सुव्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाजार में पार्किंग और रेडी फड़ी के लिए उचित स्थान निर्धारित करने कहा। साथ ही, लोगों की सुविधा के लिए मुख्य बाजार में एक हिस्से को 'नो पार्किंग-नो वेंडिंग जोन' के रूप में चिन्हित करने का निर्देश दिया। उन्होंने बसों के ठहराव के लिए समय और स्थान तय करने को कहा, ताकि यातायात जाम की समस्या न उत्पन्न हो।

डीसी जतिन लाल ने लोगों से भी सहयोग की अपील की, ताकि बाजारों को तंगी रहित और सुव्यवस्थित बनाया जा सके।

पुलिस अधीक्षक अमित यादव ने बताया कि जिले के पंजाब सीमा से सटे क्षेत्रों में आवाजाही पर विशेष निगरानी रखी जा रही है और ट्रैफिक नियंत्रण पर भी फोकस किया जा रहा है।

स्थानीय दुकानदारों ने यातायात और सुरक्षा से जुड़ी अपनी समस्याएं अधिकारियों के समक्ष रखीं, जिन्हें डीसी ने गौर से सुना और जायज मामलों में सहयोग का आश्वासन दिया।
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दुलैहड़ में शुरू हुआ जूट बैग बनाने का कोर्स।

03 नवम्बर, ऊना। पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, ऊना द्वारा दुलैहड़ गांव में 2 दिसम्बर से जूट बैग उत्पादन हेतु दो सप्ताह के लिए प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया गया है। कोर्स का आरंभ अग्रणी जिला प्रबंधक संजीव सक्सेना की द्वारा किया गया। यह जानकारी निदेशक पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, ऊना सुधीर कुमार शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि यह संस्थान ऊना जिले का एकमात्र प्रशिक्षण केन्द्र है जो भारतीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशों के तहत व हिमाचल प्रदेश सरकार के समन्वय से बेरोजगारी की समस्या को दूर करने व स्वावलम्बन की दृष्टि से कौशल विकास कार्यक्रम के तहत लोगों को लघु अवधि के प्रशिक्षण कोर्स उलब्ध करवा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में सफल उद्यमी बनने के लिए प्रशिक्षुओं को बैंकिंग, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, बाजार सर्वेक्षण SWOT विश्लेषण तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इस दौरान स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान नंद किशोर, उप प्रधान पवन राणा, पंचायत सचीव चरण सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता परवीन, शाखा प्रमुख पीएनबी कुंगड़त सुशील त्रिपाठी जी और शाखा प्रमुख पीएनबी पुबोवाल देवेंदर मौजूद रहे।

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अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर ऊना में जिलास्तरीय कार्यक्रम आयोजित, दिव्यांग हितैषी योजनाओं की दी जानकारी

ऊना, 3 दिसम्बर. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ऊना ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस के अवसर पर प्रेम आश्रम, ऊना में जिलास्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ ज़िला कल्याण अधिकारी आवास पंडित ने किया और उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।

उन्होंने विशेष रूप से दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना का विवरण साझा किया, जिसके तहत उन छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या अधिक हो। योजना के अनुसार, प्री-मैट्रिक स्तर पर कक्षा पहली से पांचवीं तक छात्रों को 625 रुपये मासिक छात्रवृत्ति और कक्षा पहली से दसवीं तक हॉस्टल भत्ता दिया जाता है। कक्षा छह से आठवीं तक 750 रुपये और नवमी से दसवीं तक 950 रुपये मासिक छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके अलावा, उच्च शिक्षा स्तर पर भी छात्रवृत्ति और हॉस्टल भत्ता प्रदान किया जाता है, जिसमें डिप्लोमा, बीए, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम, एमएड, बीई, बीटेक, एमबीबीएस, एलएलबी और बीएड इत्यादि शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत ऐसे दिव्यांग छात्र-छात्राओं को जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या इससे अधिक हो, को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। पहली से पांचवीं कक्षा तक 625 रुपये मासिक छात्रवृत्ति और पहली से दसवीं कक्षा तक 1875 रुपये मासिक हाॅस्टल भत्ता प्रदान किया जाता है।

जमा एक व जमा दो में 1250 रुपये मासिक छात्रवृत्ति और 2500 रुपये हाॅस्टल भत्ता, दस जमा दो के उपरांत डिप्लोमा कोर्स, बीए, बीएसी, बीकाॅम के लिए 1875 रुपये मासिक छात्रवृत्ति और 3750 रुपये हाॅस्टल भत्ता प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त एम.ए, एमएससी, एम.काॅम व एमएड के लिए 2250 रुपये मासिक छात्रवृत्ति और 3750 रुपये हाॅस्टल भत्ता, बीई, बीटैक, एमबीबीएस, एलएलबी और बीएड इत्यादि के लिए 3750 मासिक छात्रवृत्ति और 500 रुपये हाॅस्टल भत्ता प्रदान किया जाता है।

कार्यक्रम में नृत्य और चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें प्रेम आश्रम, ऊना और आश्रय देहलां के बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले बच्चों और अन्य स्कूलों के बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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*जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने को समर्पित है वाटरशेड महोत्सव*
*11 नवम्बर से 16 दिसम्बर तक राज्य और जिला स्तर पर कार्यक्रम*
*जल संरक्षण के प्रति जन समुदाय की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण : महेन्द्र पाल गुर्जर*
ऊना, 3 दिसम्बर. भू-जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के महत्व को बढ़ावा देने के लिए एक माह तक चलने वाला वाटरशेड महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। राज्य स्तर पर यह महोत्सव 11 से 16 नवम्बर तक मनाया गया है, जबकि जिला और खंड स्तर पर संबंधित कार्यक्रम 17 नवम्बर से 16 दिसम्बर तक आयोजित किए जा रहे हैं।
यह जानकारी एडीसी ऊना महेन्द्र पाल गुर्जर ने बुधवार को महोत्सव के तहत आयोजित गतिविधियों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में दी। श्री गुर्जर ने कहा कि जल संरक्षण के प्रति जन समुदाय की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य लोगों में जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें इस दिशा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2-0 परियोजनाओं की समीक्षा, भावी वाटरशेड विकास योजना पर मंथन और जन जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल योजनाओं की प्रगति की नियमित निगरानी की जाए और जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के लिए नवाचार अपनाए जाएं।
उन्होंने बताया कि वाटरशेड महोत्सव के अन्तर्गत पूरा हो चुके काम का लोकार्पण, नए शुरू होने वाले कार्यों का भूमिपूजन, श्रमदान, वृक्षारोपण गतिविधियों के साथ-साथ इस अभियान में जन-सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
महोत्सव के तहत बंगाणा विकास खण्ड में कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। इसमें खरयालता ग्राम पंचायत में नई परियोजना का भूमि पूजन, ग्राम पंचायत डीहर, दोबड़, थानाकलां व खरयालता में पूरी हो चुकी परियोजनाओं का लोकार्पण तथा डीहर ग्राम पंचायत में बागवानी पौधरोपण किया गया है। जबकि गगरेट विकास खण्ड की ग्राम पंचायत अमलैहड़ में भूमि पूजन व एक परियोजनाका लोकार्पण कार्यक्रम तथा ऊना विकास खंड की ग्राम पंचायत समूरकलां, डंगोली व लमलैड़ी में भूमि पूजन, ग्राम पंचायत डंगोली, लमलैहड़ी, मदनपुर व झम्बर में लोकार्पण और समूहकलां व मदनपुर पंचायत में टूल किट वितरण कार्यक्रम 8 दिसम्बर को किया जाएगा। उन्होंने इन कार्यक्रमों कालेज के छात्रों को भी जोड़ने के निर्देश दिए।
*सोशल मीडिया रील से 50 हजार कमाने का सुअवसर*
एडीसी ने बताया कि वाटरशेड महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के साथ ^सोशल मीडिया प्रतियोगिता’ का आयोजन भी किया जा रहा है। इस राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में सोशल मीडिया पर रील बनाने वाले प्रथम 4 विजेताओं को 50-50 हजार रुपये, जबकि 50 उत्कृष्ठ फोटोग्राफ के विजेताओं को एक--एक हजार रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इच्छुक प्रतिभागी आगामी 31 जनवरी से पूर्व जल संचयन संरचनाओं, बागवानी, कृषि वानिकी तथा डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 1.0 एवं 2.0 सहित अन्य वाटरशेड योजनाओं के अंतर्गत निर्मित संरचनाओं और उनसे लोगों को इनसे को होने वाले लाभों को दर्शाते हुए 30 से 60 सेकंड का लघु वीडियो रील या फोटो तैयार कर इसमें भाग ले सकते हैं।
प्रतिभागियों को अपने कंटेंट को फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, यूट्यूब या ट्विटर पर निर्धारित हैशटैग के साथ पोस्ट करना होगा और पंजीकरण ऑनलाइन पोर्टल पर करना होगा। प्रतिभागियों को ये कंटेंट 12 नवंबर से 31 दिसम्बर 2025 के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना होगा। पोस्ट की गई सामग्री का लिंक भी पंजीकरण में उपलब्ध कराना अनिवार्य है। हैशटैग #WDC&PMKSY&Watershed Mahotsav 2025 का उपयोग करना अनिवार्य होगा तथा । पोस्ट करने के बाद प्रतिभागियों को निर्धारित वेबसाइट पोर्टल https:@@wdcpmksy-dolr-gov-in@registerMahotsav पर ऑनलाइन पंजीकरण व नामांकन करना होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई सामग्री का लिंक भी पंजीकरण पोर्टल पर उपलब्ध होगा, जिसके बाद उन्हें सफल पंजीकरण का पुष्टिकरण मेल प्राप्त होगा। प्रतियोगिता अवधि समाप्त होने के पश्चात 31 जनवरी 2026, शाम 6 बजे तक प्रतिभागियों को अपने पोस्ट के रीच (व्यू), इंगेजमेंट (लाइक एवं कमेंट) का स्क्रीनशॉट पोर्टल पर जमा करना होगा। आईडब्ल्यूएमपी, डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई 1.0 और 2.0 के तहत विकसित जल संचयन संरचनाओं से संबंधित विस्तृत जानकारी भी विभागीय वेबसाइट https:@@wdcpmksy-dolr-gov-in पर उपलब्ध है।
बैठक में जिला विकास अधिकारी रमनवीर चौहान, उपनिदेशक कृषि विभाग कुलभूषण धीमान, जिला आयुष अधिकारी डॉ. किरण शर्मा, खंड विकास अधिकारी अम्ब ओमपाल, गगरेट सुरिन्द्र कुमार, बंगाणा केएल वर्मा, हरोली मुकेश कुमार व ऊना सुशील कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
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*ऊना में नगर निगम पार्किंग स्थलों में अब मात्र 10 रुपये में आधा घंटा पार्किंग सुविधा*
ऊना, 3 दिसंबर. ऊना नगर निगम ने लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपने सभी पार्किंग स्थलों में पार्किंग अवधि बढ़ा दी है। अब मात्र 10 रुपये में आधा घंटा पार्किंग सुविधा उपलब्ध होगी। यह जानकारी नगर निगम ऊना के आयुक्त एवं एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर ने दी।
बता दें, शहर के व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडल ने उपायुक्त जतिन लाल से मिलकर पहले निर्धारित 10 रुपये में 20 मिनट पार्किंग अवधि को बढ़ाकर आधा घंटा करने का आग्रह किया था। डीसी ने जन-आवश्यकता को देखते हुए नगर निगम आयुक्त को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए थे। उपायुक्त के निर्देशों के अनुपालन में नगर निगम ने पार्किंग समयावधि में इजाफा किया है।
आयुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि नगर निगम की यह पहल विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो थोड़े समय के लिए शहर आते हैं और त्वरित व सुलभ पार्किंग सुविधा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शहर में अतिक्रमण और बेतरतीब पार्किंग के खिलाफ निगम की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। लोगों की सुरक्षा, सुविधा और बेहतर यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। उन्होंने आम जनता से सहयोग की अपील भी की।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने हाल ही में ऊना शहर में अव्यवस्थित पार्किंग और सड़क पर भीड़भाड़ को देखते हुए विभिन्न स्थानों पर नो पार्किंग–नो वेंडिंग जोन अधिसूचित किए थे। नगर निगम द्वारा पार्किंग अवधि बढ़ाने का यह निर्णय प्रशासन के इन प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होगा।