पोषण मिलने पर टीबी रोगियोें के उपचार में मिलती है सहायता: उपायुक्त
कहा...ये मुहिम छेड़ने वाला धर्मशाला बना ऐसा प्रथम ब्लाॅक
डीसी कांगड़ा ने टीबी हारेगा-कांगड़ा जीतेगा अभियान के तहत पोषण किटों के वाहन को किया रवाना
धर्मशाला, 17 नवम्बर: टीबी हारेगा कांगड़ा जीतेगा कार्यक्रम के तहत उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने विकास खंड धर्मशाला में टीबी रोगियों को दिए जाने वाले पोषण किटों के वाहन को रवाना किया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि ये मुहिम छेड़ने वाला धर्मशाला ऐसा प्रथम ब्लाॅक बना है जिसने 15वें वित्त आयोग के धन से पोषण किट प्रदान की हों। पंचायतों के 15वें वित्त आयोग के अनुदान की मदद से विकास खंड धर्मशाला में टीबी रोगियों को पोषण किट प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिन रोगियों को पोषण संबंधी सहायता मिलती है उनके उपचार को पूरा करने की संभावना अधिक होती है, जिससे बेहतर इलाज दर और कम ड्रॉप आउट दर होती है, इसलिए जिला में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि 15वें वित्त आयोग के अनुदानों की मदद से जिले भर के सभी टीबी रोगियों को पोषण किट प्रदान की जाएं। इसके अलावा एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को, चिन्हित टीबी रोगियों के लिए निक्षय मित्र के रूप में कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि उन्हें बिना ड्रॉपआउट के उपचार पूरा करने के लिए परामर्श दिया जा सके।
इन किटों में दालें, सोयाबीन और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ जैसे पदार्थ होते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रोगियों को उनके लंबे उपचार अवधि के दौरान उचित पोषण मिले। उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को पोषण किट प्रदान की जाती हैं ताकि उनके आहार में ऊर्जा सघन प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करके उनके स्वास्थ्य लाभ में सहायता की जा सके, जिससे टीबी रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और उपचार के परिणाम बेहतर होते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 6 महीने के उपचार चरण के दौरान पोषण किट प्रदान करके गरीब सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि वाले टीबी रोगियों की तपेदिक उपचार प्रक्रिया को सफल बनाना है।
खंड विकास अधिकारी अभिनीत कात्यायन ने बताया कि 27 टीबी रोगियों को प्रदान की जाने वाली किटों में 4 किलोग्राम साबुत माह, 5 किलोग्राम चने की दाल, 4 किलोग्राम लाल मसर, 4 किलोग्राम मूंग की दाल, 5 किलोग्राम गेहूं का आटा, एक किलोग्राम मूंगफली, एक किलोग्राम सोया चंक्स, 2 लीटर सरसों का तेल, 6 किलोग्राम मोंगरा चावल, स्किम्ड दूध और च्यवनप्राश पैक शामिल हैं। इन पोषण किटों की कुल लागत 1.28 लाख रुपये है, जो 15वें वित्त आयोग के पंचायत स्तरीय अनुदान से वित्त पोषित है।
इस अवसर पर एडीएम शिल्पी बेक्टा, जिला पंचायत अधिकारी विक्रम ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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फसलों के डिजिटल सर्वे के लिए सभी पटवारी व पंचायत प्रतिनिधि ऑनलाइन पोर्टल में करें रजिस्टर: उपायुक्त
धर्मशाला, 17 नवम्बर: किसानों के लिए बनाई जाने वाली बहुत सी योजनाएं इस बात पर निर्भर करती हैं कि वर्तमान में कृषि के अंतर्गत कितना क्षेत्रफल है यह जानकारी देते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि कृषि में विभिन्न फसलों के अंतर्गत क्षेत्रफल को जानने के लिए खरीफ व रबी मौसम में फसलों की बिजाई के उपरांत गिरदावरी की जाती है लेकिन इस प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए अब ऑनलाइन डिजिटल क्राॅप सर्वे किया जाएगाहेमराज बैरवा कहा कि ऑनलाइन डिजिटल क्राॅप सर्वे करने के लिए सभी पटवारी व पंचायत प्रतिनिधि https://hpdcs.agristack.gov.in/crop&survey&hp अथवा प्लेस्टोर से DCS Himachal Pradesh ऐप पर आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, सहकारी समिति सचिव, आत्मा परियोजना के ए.टी.एम. और बी.टी.एम., कृषि सखी, पशु सखी, अथवा बेरोजगार कृषि या उद्यान स्नातक आदि भी आवेदन कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति जो एंड्रॉयड मोबाइल चलाना जानता हो वह इस पोर्टल में आवेदन कर सकता है प्रत्येक सर्वेयर को उनके द्वारा अपलोड किए गए किसानों के डाटा की संख्या के अनुसार उचित कमीशन प्रदान किया जाएगा। इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए विकास खंड स्तर पर कृषि अधिकारियों से संपर्क करें।
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