करसोग 7 सिंतबर, 2025-प्रदेश सरकार के व्यवस्था परिवर्तन संकल्प का प्रभाव अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। सिविल अस्पताल करसोग में किए जा रहे बदलाव इस बात का प्रमाण हैं कि छोटे-छोटे लेकिन प्रभावी कदम उठाकर किसी भी व्यवस्था को नई दिशा दी जा सकती है। करसोग अस्पताल में हाल ही में लागू की गई नई व्यवस्थाएं न केवल मरीजों को सुविधा उपलब्ध करवा रही हैं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भरोसा और पारदर्शिता भी बढ़ा रही हैं।

*छोटे-छोटे कदम, बड़ा बदलाव
बीते कुछ महीनों में सिविल अस्पताल में अनेक छोटे लेकिन दूरगामी असर डालने वाले बदलाव देखे गए हैं। जिनके परिणाम स्वरूप मरीजों और उनके परिजनों को पहले की अपेक्षा अब ज्यादा सुविधाजनक माहौल मिल रहा है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार अस्पताल में नियमित रूप से उठाए जा रहे इन कदमों से धीरे-धीरे संपूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ हो रही है।
*आधुनिक सुविधाओं की ओर कदम
अस्पताल में मरीजों को बेहतर जांच सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से एक नई एक्स-रे मशीन उपलब्ध करवाई गई है। इसके अतिरिक्त अस्पताल में जल्द ही सीटी स्कैन मशीन भी लगाई जा रही हैं, जिसकी प्रक्रिया जारी है। राज्य सरकार की ओर से अस्पताल को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से यहां पर स्त्री रोग, हड्डी रोग, सर्जन, शिशु रोग, डेंटल सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी नियुक्ति की गई हैं। इसी कड़ी में रेडियोलाॅजिस्ट की नियुक्ति होने की उम्मीद हैं।
इन आधुनिक सुविधाओं के जुड़ने से करसोग और आसपास के हजारों मरीजों को बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
*मरीजों की सुविधा के लिए नई पहल
व्यवस्था परिवर्तन का सबसे अधिक असर अस्पताल की ओपीडी व्यवस्था में देखने को मिला है। पहले जहां मरीजों को लाईनों में लंबा इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब अस्पताल प्रशासन ने टोकन सिस्टम लागू किया है। इस व्यवस्था से मरीजों को भीड़-भाड़ और अव्यवस्था से निजात मिल रही है। अस्पताल की एमरजेंसी सेवाओं के लिए भी अलग से पंजीकरण व्यवस्था बनाई गई है। इससे गंभीर मरीजों का तुरंत रजिस्ट्रेशन और इलाज सुनिश्चित हो पा रहा है। यह बदलाव मरीजों की सुविधा और समय पर इलाज सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगा।
*हेल्थ बुलेटिनः एक नई पारदर्शिता
अस्पताल प्रशासन ने एक और अनोखी पहल की है। अस्पताल की ओर से अब प्रतिदिन सायं के समय हेल्थ बुलेटिन जारी किया जाता है। इसमें अस्पताल की ओपीडी, आईपीडी, एमरजेंसी, आॅपरेशन थियेटर की गतिविधियों के साथ-साथ दिनभर के फील्ड कार्यक्रमों और अगले दिन की योजनाओं की जानकारी आमजन के साथ साझा की जाती है। इस पारदर्शी व्यवस्था से लोगों को एडवांस में ही जानकारी मिल रही है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके गांव या घर के आस-पास कौन-सी गतिविधि होने वाली है। इससे अधिक से अधिक लोग सीधे तौर पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
*जागरूकता कार्यक्रमों पर बल
राज्य सरकार के निर्देशानुसार अस्पताल प्रशासन केवल इलाज तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लोगों को जागरूक करने की दिशा में भी विशेष बल दिया जा रहा है। प्रतिदिन किसी न किसी विषय पर फील्ड में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जात रहे हैं। इनमें एचआईवी, क्षय रोग, मौसमी बीमारियों और अन्य जनस्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर जानकारी दी जाती है। इस कदम से न केवल लोग जागरूक हो रहे हैं बल्कि रोगों की रोकथाम में भी मदद मिल रही है।
*कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच
व्यवस्था परिवर्तन के तहत प्रदेश सरकार केवल मरीजों की ही चिंता नहीं कर रही है, बल्कि राज्य सरकार को विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों की भी चिन्ता है। जिस कारण अस्पताल में कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए भी नियमित स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस पहल का उद्देश्य है कि जो लोग जनता को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, वे स्वयं भी स्वस्थ रहें और बेहतर ढंग से सेवाएं दे सकें।
*बदलाव का परिणाम
बीएमओ करसोग डाॅ. गोपाल चैहान का कहना है कि राज्य सरकार के व्यवस्था परिवर्तन संकल्प के अंतर्गत अस्पताल में अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इनके परिणामस्वरूप अस्पताल की पुरानी व्यवस्था में बदलाव देखा जा रहा है। उनका मानना है कि यह बदलाव पूरी तरह से जनहित और मरीज हित में है ताकि किसी भी मरीज को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े।