चण्डीगढ़, 22.08.25- : पंजाब यूनिवर्सिटी, चण्डीगढ़ के सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल इंक्लूजन द्वारा सामाजिक समावेशन विषय पर कराये जा रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन आईसीएसएसआर नॉर्थ वेस्टर्न रीजनल सेंटर, पंजाब यूनिवर्सिटी के सहयोग से किया गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. वीरेंद्र कुमार नेगी, निदेशक, सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल इंक्लूजन ने स्वागत भाषण से की। उन्होंने समाज में समावेशन और समानता की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) रत्तन सिंह, विशेष अतिथि प्रो. उपासना जोशी सेठी और मुख्य वक्ता प्रो. गुलशन कुमार का पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
जगत गुरु नानक देव पंजाब स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी, पटियाला के कुलपति प्रो. (डॉ.) रत्तन सिंह ने कहा कि वास्तविक बदलाव व्यक्ति के भीतर से शुरू होता है। केवल कानून और नियम पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि समाज में समानता लाने के लिए आत्म-जागरूकता और सोच में परिवर्तन जरूरी है।
आईसीएसएसआर, पंजाब यूनिवर्सिटी की निदेशक प्रो. उपासना जोशी सेठी ने कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य विद्वानों, शोधार्थियों और नीति-निर्माताओं को एक मंच प्रदान करना है, जहां वे असमानताओं को दूर करने के ठोस सुझाव और समाधान प्रस्तुत कर सकें।
यूआईएलएस, पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रो. गुलशन कुमार ने कहा कि सामाजिक न्याय के बिना समावेशी विकास अधूरा है। सामाजिक समावेशन केवल नीतियों का नहीं, बल्कि संवैधानिक और नैतिक दायित्व है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. कंचन चंदन (संयोजक, सेमिनार) ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। मंच संचालन पीएचडी शोधार्थी सुखलीन और सरताज सिंह ने किया। यह राष्ट्रीय सेमिनार 22 अगस्त तक चलेगा, जिसमें देशभर से विद्वान और शोधार्थी अपने शोधपत्र और विचार प्रस्तुत करेंगे।