जिला प्रशासन मंडी राहत और बहाली कार्यों में जुटा
भारी बारिश से 331 सड़कें बंद, 657 ट्रांसफार्मर ठप, 86 पेयजल योजनाएं प्रभावित
मंडी, 5 अगस्त। जिला मंडी में भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुई आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि जिला में 5 अगस्त को सुबह 10 बजे तक कुल 331 सड़कें, 657 विद्युत ट्रांसफार्मर और 86 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं, लेकिन संबंधित विभागों द्वारा बहाली कार्य युद्धस्तर पर जारी है। प्रभावित क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग और हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड की टीमें फील्ड में तैनात हैं। कई दुर्गम क्षेत्रों में भी मशीनरी और जनशक्ति पहुंचाकर राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। जिला प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जिला में सराज, करसोग और धर्मपुर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जहां सड़कें और पेयजल योजनाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं। लोक निर्माण विभाग के सराज मंडल में 122 सड़कें, करसोग में 55 और थलौट में 56 सड़कें अवरुद्ध हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा 106 जेसीबी मशीनों को विभिन्न स्थलों पर तैनात कर मार्गों को बहाल करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
विद्युत व्यवस्था की स्थिति पर जानकारी देते हुए उपायुक्त ने बताया कि गोहर, करसोग, जोगिंद्रनगर और थलौट क्षेत्र में अधिक ट्रांसफार्मर बंद हुए हैं। गोहर में 547, करसोग में 50, और जोगिंदर नगर में 20 ट्रांसफार्मर फिलहाल ठप हैं। हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड द्वारा टीमों को मौके पर भेजकर बिजली आपूर्ति को बहाल करने का प्रयास लगातार जारी है।
जलशक्ति विभाग की जिले में कुल 86 पेयजल योजनाएं वर्तमान में बाधित हैं, जिनमें थुनाग, पधर, करसोग और धर्मपुर प्रमुख रूप से प्रभावित हैं। विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से लोगों को राहत प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।
=======================================
रिवालसर झील संरक्षण के लिए मसौदा योजना पर हुई विस्तृत चर्चा
झील संरक्षण में जनभागीदारी और विभागीय समन्वय जरूरी : उपायुक्त मंडी
मंडी, 5 अगस्त। जिला वेटलैंड समिति की बैठक मंगलवार को उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य रिवालसर झील वेटलैंड के संरक्षण और संतुलित विकास के लिए तैयार किए गए मसौदा फ्रेमवर्क प्रबंधन योजना पर विस्तार से चर्चा करना था। बैठक में एडीसी मंडी गुरसिमर सिंह, एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी, वन मंडलाधिकारी वासु डोगरा सहित वन, जलशक्ति, पर्यटन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर नियोजन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रिवालसर झील के संरक्षण के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने कहा कि केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय की भागीदारी से ही इस योजना को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने सभी विभागों और हितधारकों से योजना पर सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा कि इन सुझावों के आधार पर इसे और प्रभावी रूप दिया जाएगा।
इस अवसर पर मसौदा योजना को प्रस्तुत करते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि रिवालसर झील एक प्राकृतिक वेटलैंड है, जो अपनी जैव विविधता, धार्मिक महत्त्व और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है। यह क्षेत्र हिन्दू, सिख और बौद्ध समुदायों के लिए आस्था का केंद्र है। इसके चलते यहां हर वर्ष बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। झील के आसपास का पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और अवैज्ञानिक विकास को रोकने के लिए एक ठोस और दीर्घकालिक प्रबंधन योजना की आवश्यकता महसूस की गई है।
विशेषज्ञों ने बताया कि यह मसौदा योजना, आगामी पांच वर्षीय एकीकृत प्रबंधन योजना का पहला चरण है। इस विस्तृत योजना को हिमाचल प्रदेश राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के माध्यम से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार को भेजा जाएगा, ताकि इसे आवश्यक स्वीकृति प्राप्त हो सके।
============================================
मंडी जिला में पिछले 24 घंटों में बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान, जल शक्ति विभाग को 31 करोड़ व लोक निर्माण विभाग को 23 करोड़ रुपए से अधिक की क्षति
आवश्यक सेवाएं बहाल करने में युद्ध स्तर पर जुटे सभी लाईन डिपार्टमेंटः उपायुक्त
मंडी, 05 अगस्त-उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने कहा कि मंडी जिले में पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़क, पेयजल व विद्युत आपूर्ति सहित अन्य बुनियादी ढांचे को व्यापक रूप से क्षति पहुंची है। जिला में आवश्यक सेवाओं की बहाली के लिए संबंधित विभागों की विभिन्न टीमें युद्ध स्तर पर कार्य कर रही हैं।
अपूर्व देवगन ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के मंडी वृत्त में ही पिछले 24 घंटों में लगभग 23 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है। क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली के लिए 158 मशीनरी तैनात की गई हैं और प्रभावित क्षेत्रों में बंद पड़ी 270 सड़कों में से 73 मंगलवार सायं तक बहाल कर दी गई हैं। लोक निर्माण विभाग को अभी तक नुकसान का कुल आंकड़ा 417 करोड़ रुपए से अधिक का हो गया है। धर्मपुर वृत्त के तहत 35 सड़कें प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 12 बहाल कर ली गई हैं।
उन्होंने बताया कि जिला में जल शक्ति विभाग को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है। पिछले 24 घंटों में 491 पेयजल योजनाएं, 57 सिंचाई योजनाएं, पांच मल निकासी सहित कुल 555 योजनाएं बाधित हुई हैं। इससे विभाग को लगभग 31 करोड़ रुपए का नुकसान आरंभिक तौर पर आंका गया है। पेयजल योजनाओं की आंशिक बहाली के लिए अढाई हजार से अधिक राहत कर्मी तैनात किए गए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के ऑपरेशन सर्कल मंडी के बुनियादी ढांचे को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, लगभग 2.20 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 750 वितरण ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 3 ट्रांसफार्मर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अतिरिक्त 7 किलोमीटर हाई टेंशन लाइन और 14 किलोमीटर लो टेंशन लाइन क्षतिग्रस्त हो गई हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण 40 विद्युत पोल उखड़ गए हैं या पूरी तरह नष्ट हो गए हैं।
मंडी वृत्त में 450 ट्रांसफार्मर बहाल
अपूर्व देवगन ने बताया कि विद्युत बोर्ड की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में आपूर्ति बहाल करने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। अब तक 450 ट्रांसफार्मर को बहाल किया जा चुका है और शेष को जल्द से जल्द बहाल करने के लिए कार्य जारी है। हालांकि, लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण बहाली कार्य में बाधा आ रही है। उन्होंने जनता से अनुरोध किया है कि भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत लाइनों या क्षतिग्रस्त उपकरणों के पास न जाएं। सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन और विद्युत बोर्ड द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें। प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्र विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास जारी हैं।
=====================================
महादेव पंचायत में वित्तीय समावेशन शिविर आयोजित
130 खाताधारकों ने लिया भाग, 100 की हुई ऑन-स्पॉट री-केवाईसी
मंडी, 05 अगस्त। भारतीय रिजर्व बैंक और वित्तीय सेवा विभाग द्वारा देशभर में चलाए जा रहे वित्तीय समावेशन संतृप्ति एवं री-केवाईसी अभियान के तहत मंगलवार को सुंदरनगर की महादेव पंचायत में विशेष शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी रही और उन्हें विभिन्न वित्तीय सेवाओं व योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक अनुपम किशोर ने बताया कि यह अभियान 1 जुलाई से 30 सितम्बर तक देश के सभी पंचायतों में चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक वित्तीय साक्षरता, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, पेंशन योजनाएं, री-केवाईसी और डिजिटल सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां पहुंचाना है।
शिविर में लगभग 130 खाताधारकों ने भाग लिया, जिनमें से 100 खातों की मौके पर ही री-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण की गई। इसके अलावा कई लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं अटल पेंशन योजना में नामांकन भी कराया। अधिकारियों ने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे नजदीकी बैंक शाखा या बैंकिंग प्रतिनिधि से संपर्क कर इन योजनाओं का लाभ उठाएं और वित्तीय रूप से सशक्त बनें।
इस अवसर पर आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक अनुपम किशोर ने डिजिटल लेनदेन में सतर्कता, साइबर सुरक्षा तथा री-केवाईसी की अनिवार्यता पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। पीएनबी मंडी के मंडल प्रमुख सूरज दत्ता ने जनधन योजना सहित विभिन्न बीमा योजनाओं की जानकारी दी। एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक रविंदर कुमार राणा ने री-केवाईसी की भूमिका पर बल दिया। वहीं हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक के महाप्रबंधक करमवीर सिंह शेखावत ने डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के उपाय बताए। पीएनबी के अग्रणी जिला प्रबंधक चंदर प्रकाश ने सभी से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में नामांकन करने और समय रहते री-केवाईसी पूरी करवाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक अनुपम किशोर, डीडीएम् नाबार्ड राकेश शर्मा, पीएनबी, एसबीआई, हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक एवं एचपी स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
=======================================
विदेशों में नौकरी के इच्छुक युवाओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया गुगल शीट के माध्यम से शुरू
मंडी, 5 अगस्त। विदेशों में रोजगार की चाह रखने वाले इच्छुक आवेदकों को सूचित करते हुए क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी मंडी अक्षय ने बताया कि श्रम, रोजगार एवं विदेशी नियोजन विभाग द्वारा विदेशों में नौकरी के इच्छुक युवाओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया गुगल शीट के माध्यम से शुरू की गई है।इच्छुक अभ्यर्थी क्यूआर कोड को स्कैन कर निर्धारित प्रपत्र में अपनी जानकारी भर सकते हैं। यह पंजीकरण इसलिए आवश्यक है ताकि भविष्य में किसी भी देश से विभाग को जैसे ही मांग पत्र प्राप्त हो, उस अनुरूप आपकी शैक्षणिक योग्यता और अनुभव के आधार पर नाम पर विचार किया जा सके।
संबंधित देश के नियमों एवं शर्तों की जानकारी भी समय पर प्रदान की जाएगी। इसलिए सभी इच्छुक उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे समय रहते अपना पंजीकरण सुनिश्चित करें और विदेशों में नौकरी पाने के इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं।
===========================================
*मंडी जिला में आपदा न्यूनीकरण के दृष्टिगत 36.13 करोड़ रुपए के 11 प्रस्ताव पीएसी को मंजूरी के लिए भेजे*
•*प्रस्तावित कार्यों से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जन-संपत्ति की सुरक्षा होगी सुनिश्चित- उपायुक्त*
*मंडी, 05 अगस्त।* राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि (एसडीएमएफ) के तहत प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा के लिए आज यहां उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। इसमें आगामी प्रोजेक्ट अप्रूवल कमेटी (पीएसी) की बैठक के लिए विभिन्न आपदा न्यूनीकरण संबंधी प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में आपदा के दृष्टिगत 36.13 करोड़ रुपए से अधिक के 11 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर पीएसी के समक्ष अनुशंसा के लिए प्रेषित किया गया। इन प्रस्तावों में 31.79 करोड़ रुपए से अधिक के भूस्खलन न्यूनीकरण के विभिन्न कार्य शामिल हैं। इनमें केलोधार से पटीकरी तक, मंडी-गागल-चैल-जंजैहली मार्ग पर लंबाथाच स्थित राजकीय डिग्री कॉलेज के समीप, थुनाग-पुंजोट-लाम्बसाफड़ मार्ग पर देजी गांव के समीप, मंडी-गागल-चैल-जंजैहली मार्ग पर औहण गांव के समीप, राजकीय फार्मेसी कॉलेज, जंजैहली के प्रशासनिक भवन, स्टाफ आवास एवं छात्रावास के लिए तथा डोगरा गांव (लेहठाच पंचायत) से ठठाधार-नालोटी सड़क पर और धरवारथाच पंचायत में शिल्हीबागी-लम्बाथाच सड़क पर भूस्खलन न्यूनीकरण कार्य प्रस्तावित हैं। साथ ही धर्मपुर के उभक गांव के लिए एप्रोच रोड तथा धर्मपुर-सरकाघाट सड़क पर स्थित सरकारी परिसंपत्तियों की बरसात के दौरान भूस्खलन एवं मलबे इत्यादि से सुरक्षा के लिए शमन उपाय और मंडी शहर के टारना पहाड़ी क्षेत्र में एंकरिंग सिस्टम, टर्फ रिइन्फोर्समेंट मैट तथा सीमेंट कंक्रीट ब्रेस्ट वॉल के माध्यम से किए जाने वाले ढलान स्थिरीकरण कार्य भी पीएसी को प्रस्तावित किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त जल शक्ति विभाग रिवालसर एवं थुनाग द्वारा 4.34 करोड़ रुपए से अधिक लागत के रिवालसर क्षेत्र में सरकारी एवं निजी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए बाढ़ न्यूनीकरण उपायों के निर्माण तथा जंजैहली से पंडोह डैम जलाशय तक बाखली खड्ड एवं उसकी सहायक खड्डों तथा जिऊनी खड्ड क्षेत्र में बाढ़ मैदान क्षेत्र निर्धारण कार्य शामिल किए गए हैं।
उपायुक्त ने पूर्व में लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग के लिए मंजूर किए गए प्राकृतिक आपदा से बचाव के प्रस्तावों की समीक्षा भी की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्राकृतिक आपदा से बचाव के स्वीकृत कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करें। साथ ही कार्य की प्रगति, समयबद्धता, निरीक्षण और निगरानी को लेकर भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सभी कार्य आपदा से प्रभावित क्षेत्रों की सुरक्षा और भविष्य की आपदाओं से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक हैं और इनकी स्वीकृति से जन-संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
बैठक में लोक निर्माण एवं जल शक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे और प्रस्तावों की व्यवहारिकता एवं प्राथमिकता के आधार पर सिफारिशें तैयार की गईं।