बिलासपुर, 5 जुलाई, 2025,केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को बिलासपुर में हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों और सुरंगों के बुनियादी ढांचे के विकास की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विधायक रणधीर शर्मा, विधायक त्रिलोक जम्वाल सहित सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) तथा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा प्रदेश में चल रही प्रमुख सड़क परियोजनाओं की विस्तृत प्रस्तुति दी गई, जिसमें निर्माण की वर्तमान स्थिति, आ रही चुनौतियां और आगामी योजनाएं शामिल थीं।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 25 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं कार्यान्वयनाधीन हैं, जिनकी कुल लंबाई 2,592 किलोमीटर है। इनमें से 627 किलोमीटर लंबाई की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिन पर लगभग 26,000 करोड़ रूपए व्यय किए जा रहे हैं, जबकि 416 किलोमीटर लंबाई की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं, जिन पर लगभग 25,265 करोड़ रूपए खर्च किए जाने प्रस्तावित हैं। सुरंग निर्माण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अब तक प्रदेश में 21 सुरंगों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जिन पर लगभग 2,600 करोड़ रूपए व्यय किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 19 सुरंगों का निर्माण कार्य जारी है, जिनकी अनुमानित लागत 3,200 करोड़ रूपए है। भविष्य में 28 और सुरंगों के निर्माण का प्रस्ताव है, जिन पर लगभग 5,400 करोड़ रूपए व्यय किए जाने की योजना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी परियोजनाएं वर्ष 2028 से पूर्व पूर्ण की जाएं और सुरंग निर्माण को विशेष प्राथमिकता दी जाए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए अधिक से अधिक सुरंगों का निर्माण अनिवार्य है। इससे यात्रा समय कम होगा, ईंधन की बचत होगी और जनसुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार और केंद्र की कार्यकारी एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय आवश्यक है।

बैठक में ब्यास नदी में ड्रेजिंग कार्य शीघ्र आरंभ करने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई ताकि फोरलेन सड़क को क्षति से बचाया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक सर्कुलर के कारण NHAI को हर वर्ष औद्योगिक इकाई के रूप में अनुमति लेनी पड़ती है, जिससे परियोजनाओं में अनावश्यक विलंब होता है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस व्यवस्था में आवश्यक छूट दिलवाने की बात कही।

उन्होंने यह भी बताया कि सुमदो-काजा सड़क परियोजना राज्य सरकार से वन स्वीकृति न मिलने के कारण रुकी हुई है, जिसे शीघ्र मंजूरी दी जानी चाहिए। इसी प्रकार बीरहु से लठियाणी तक की सड़क परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की राशि और पेड़ों की कटाई की अनुमति लंबित है, जिसे राज्य सरकार को शीघ्र हल करना चाहिए।

बैठक में प्रदेश की जिन प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की गई, उनमें परवाणू-सोलन-कैथलीघाट-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-5) प्रमुख है, जिसकी कुल लंबाई 104.17 किलोमीटर है और इसमें 12 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना को वर्ष 2025 के अंत तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार किरतपुर से नेरचौक, मंडी, कुल्लू होते हुए मनाली तक जाने वाले NH-3 की कुल लंबाई 237.2 किलोमीटर है, जिसमें 28 सुरंगें प्रस्तावित हैं। इस मार्ग पर निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में प्रगति पर है। वर्ष 2023 और 2024 की बाढ़ के कारण कुछ हिस्सों में क्षति हुई थी, जिसकी मरम्मत का कार्य जारी है। इस परियोजना की पूर्णता वर्ष 2025-26 तक संभावित है।

शिमला-बिलासपुर-हमीरपुर-मटौर मार्ग (NH-205, 103, 303, 503) की कुल लंबाई 223.7 किलोमीटर है, जिसमें 15 सुरंगें प्रस्तावित हैं। इस परियोजना को खंडों में क्रियान्वित किया जा रहा है और इसे वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। पठानकोट से मंडी को जोड़ने वाली NH-154 परियोजना की कुल लंबाई 197 किलोमीटर है, जिसमें 13 सुरंगें प्रस्तावित हैं। यह परियोजना पांच खंडों में विभाजित है, जिनमें से कुछ खंडों का कार्य पूरा हो चुका है जबकि शेष पर कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना को वर्ष 2026 के मध्य तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है। पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-105) की कुल लंबाई 32 किलोमीटर है, जिसका अधिकांश निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और इसे वर्ष 2025 में पूर्ण कर लिए जाने की संभावना है।

घुमारवीं शाहतलाई रोड को 35 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं और 2026 तक यह सड़क अपग्रेड कर दी जाएगी। यह कार्य सीआईएफ द्वारा करवाया जाएगा और जल्द इसका काम भी शुरू हो जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की विकास यात्रा में राष्ट्रीय राजमार्गों और सुरंगों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन परियोजनाओं से न केवल प्रदेश के आर्थिक और पर्यटन विकास को गति मिलेगी, बल्कि आम जनता को सुगम, सुरक्षित और तेज परिवहन सुविधा भी उपलब्ध होगी। उन्होंने सभी कार्यकारी एजेंसियों को निर्देश दिए कि वे परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करें, समयबद्धता बनाए रखें और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।

बैठक में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के टेक्निकल मेंबर आलोक दीपंकर, एडिशनल डायरेक्टर जनरल सुदीप चौधरी, उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।