HISAR,12.11.24-राजनीति में महिलाओं का कितना सम्मान किया जाता है, इसका अनुपम उदाहरण सामने आया है । पूंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा ने एक विवादास्पद बयान दे दिया, जिससे वे आलोचना व चर्चा के घेरे में फंस गये हैं । दरअसल विधायक महोदय जीत के बाद धन्यवादी दौरे पर निकले हुए थे और एक धन्यवादी सभा में जब गांव की महिला सरपंच के पति पहुंचे तो विधायक महोदय ने गजब डायलॉग बोलते कहा कि सरपंचनी को भी ले आते तो हमें भी फीलिंग आ जाती कि हमें कोई देखने आया है सुनने आया है ! इस फिल्मी तर्ज पर बोले गये डायलॉग के बाद जब विधायक महोदय विवाद में घिर गये, तब वही बात कि पा़डुंपा, मैंने‌ ऐसा तो नहीं कहा था, मेरे ऐसे कोई इरादे नहीं थे, जैसी भाषा पर उतर आये हैं। वे कहते हैं कि मेरी बात का जो मतलब निकाला जा रहा है, मैंने ऐसी सोच कभी नहीं रखी ! न ही अपने चरित्र पर कभी अंगुली उठने दी । अगर उनको ठेस पहुंची है तो मैं अपनी सरपंच बहन से माफी मांगता हूं । इसके बावजूद महिला सरपंच के पति ने कहा कि विधायक महोदय आपने गांव व महिला सरपंच का अपमान किया है सार्वजनिक तौर पर। अब इससे बात नहीं बनेगी, गांव आकर उसी तरह जनसभा कर सबके बीच माफी मांगिये !
यह डायलॉग उस भाजपा पार्टी के विधायक की ओर से बोला गया, जो पार्टी संस्कार व संस्कृति की बात करती है। यह वह पार्टी है, जिसने हरियाणा विधानसभा चुनाव में सुश्री सैलजा पर की गयी एक भद्दी टिप्पणी को मुद्दा बना लिया था और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कह रहे थे कि कांग्रेस में महिला व‌ दलित का अपमान किया जा रहा है। अब कोई पूछे तो पूछे क्या और किससे कि यह भाजपा विधायक जो इतने बड़े डायलॉग बोल रहे हैं, उनपर क्या कोई कार्यवाही होगी या सिर्फ माफीनामे से ही काम चल जायेगा?
राजनीति में महिलाओं को इस तरह किसी ने पहली बार डायलॉग नहीं सुनाया ! श्रीमती इंदिरा गांधी को कांग्रेस जनों ने ही 'गूंगी गुड़िया' कहते कोई सम्मान नहीं दिया। फिर श्रीमती इंदिरा गांधी ने सिंडीकेट नेताओं को सशक्त प्रधानमंत्री बन कर यह भ्रम तोड़ डाला और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने उन्हें बंगला देश के अस्तित्व में आने पर दुर्गा तक कहा ! यह एक उदाहरण है कि नारी गूंगी गुड़िया नहीं है, वह दुर्गा भी बन जाती है।
अब देखना यह है कि भाजपा इस विधायक के खिलाफ क्या कोई एक्शन‌ लेगी? शायर कहता है :
किसके भरोसे करे खता कोई
आप देते नहीं सजा कोई
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।
9416047075