Chandigarh,15.11.19-प्राचीन कला केन्द्र पिछले 60वर्षो से निरंतर भारतीय संगीत एवं कला के प्रचार,प्रसार एवं विकास की ओर अग्रसर है । केन्द्र शरद ऋतु के आगमन पर संगीत की गरमाहट लाने हेतु तीन दिवसीय हेमंतोत्सव का आयोजन कर रहा है । आज टैगोर थियेटर में इसके आगाज पर देश के युवा एवं प्रतिभावान कलाकारों ने अपनी कला प्रतिभा से एक यादगारी शाम को संजोया । आज के कार्यक्रम में पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व वी.सी.प्रो.अरूण ग्रोवर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की ।इसके पश्चात पारम्परिक द्वीप प्रज्वलन की रस्म अदा की गई । आज के कार्यक्रम में मुंबई से आई प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका सावनी शिंदे और कोलकाता से आई प्रसिद्ध कुचीपुड़ी नृत्यांगना माधुरी मजूमदार ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया ।
सबसे पहले सावनी शिंदे ने सावनी किराने घराने की युवा एवं प्रतिभावान शास्त्रीय गायिका होने के साथ-साथ महान गुरूओं के सानिध्य में पली बढ़ी हैं । इन्होंने अल्पायु से ही सीखना शुरू किया । उपरांत गुरू डाॅ.वीना सहसत्रबुद्धि एवं गुरू शोभा गुरटू से संगीत की बारीकियां सीखीं ।
सावनी ने कार्यक्रम की शुरूआत राग पूरीया धनाश्री से की ।आलाप बड़ा ख्याल रचना केसर रंग श्याम छाई रचना पेश की । जिसे इन्होंने खुद रचना है । इसके पश्चात मध्य लय तीन ताल की रचना ‘‘आ जरा दिल डूबा’’ पेश की । इसके पश्चात आड़ा चैताल में खूबसूरत स्वयं रचित तराना पेश किया । कार्यक्रम का समापन इन्होंने खूबसूरत दादरा से किया जिसे दर्शकों नेे खूब सराहा । इनके साथ मंच पर तबले पर मुंबई से आए अरूण गवई एवं जयपुर के प्रसिद्ध हारमोनियम वादक राजेंद्र बैनर्जी ने संगत की ।

कार्यक्रम के दूसरे भाग में कोलकाता से माधुरी मजूमदार एवं उनके समूह ने कुचीपुड़ी नृत्य की खूबसूरत पेशकश प्रस्तुत की । डाॅ.माधुरी मजूमदार आजकल बतौर सहायक प्रोफैसर रविंद्र भारती विश्वविद्यालय में कार्यरत है । इन्होंने कुचीपुड़ी के महान गुरू वेमपति चिन्ना सत्यम से नृत्य की शिक्षा ग्रहण की । डाॅ.माधुरी कुचीपुड़ी कला माधुरी नाम से एक अकादमी संचालित करती है । दूरदर्शन की ए ग्रेड कलाकार माधुरी ने देश ही नहीं विदेशों में भी नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुतियां पेश की है । इन्होंने सबसे पहले गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत सिद्धी विनायकम से की । जिसमें भगवान गणेश की आराधना से कार्यक्रम की भक्तिमयी शुरूआत की ।

उपरांत पल्लुकेतेनल ताली नाम से एक खूबसूरत भाव प्रदर्शन किया जिसमें प्रियतम के साथ खूबसूरत लम्हों की खूबसूरत प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी । ये रचना राग भीम पलास ताल खंाड चप्पू पर आधारित थी । उपरांत तिल्लाना जो कि पारंपरिक शुद्ध नृत्य पर आधारित था पेश किया । इसके पश्चात ब्रास पलेट पर तरंगन प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का समापन दशावतार से किया गया । इसमें माधुरी के समूह ने भगवान विष्णु के दस अवतारों का खूबसूरत प्रदर्शन किया । इनके साथ मंच पर मोउ मुखर्जी,सहाना चैधरी,अर्पिता मुखर्जी,पायल बिस्वास एवं हिरक साहा ने प्रस्तुति पेश की ।

कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्ार डाॅ.शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर ने मुख्य अतिथि के साथ कलाकारों को सम्मानित किया ।