मंडी, 27 मई। भूकंप जैसी आपदा से निपटने के लिए आयोजित किए जा रहे राज्य स्तरीय वृहद पूर्वाभ्यास (मेगा मॉक एक्सरसाइज) की तैयारियों के दृष्टिगत आज एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस में उपायुक्त अपूर्व देवगन सहित मंडी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों ने उपायुक्त कार्यालय के वीसी कक्ष से वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
अपूर्व देवगन ने बताया कि यह वृहद पूर्वाभ्यास आगामी 6 जून, 2025 को पूरे प्रदेश सहित मंडी जिला में भी आयोजित किया जा रहा है। इसके माध्यम से भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय सहित मंडी जिला के चिह्नित उपमंडलों में यह पूर्वाभ्यास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्वभ्यास से पहले 3 जून, 2025 को एक टेबल टॉप एक्सरसाइज भी आयोजित की जाएगी। इसमें पूर्वाभ्यास को लेकर जिला से संबंधित कार्य योजना भी प्रस्तुत की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पूर्वाभ्यास में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के अलावा आपदा मित्रों, एनएसएस स्वयंसेवियों, नेहरू युवा केंद्रों, गृह रक्षक, विभिन्न गैर सरकारी व स्वयंसेवी संगठनों को भी शामिल किया जाएगा। इस दौरान भूकंप से विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, आवासीय व व्यापारिक परिसरों एवं स्वास्थ्य संस्थानों सहित सड़कों, भवनों एवं सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के उपरांत राहत व बचाव कार्यों का पूर्वाभ्यास किया जाएगा।
उपायुक्त ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जुड़े सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे इस पूर्वाभ्यास को सफल बनाने में अपना सक्रिय सहयोग दें। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्रदत्त जिम्मेवारियों एवं कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन करें। आपदा की स्थिति में सभी अपनी भूमिका भी बखूबी समझ लें। आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी, मानव संसाधन सहित विभिन्न संचार व अन्य उपकरणों की समय रहते जांच कर लें। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्तर पर सभी संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर इसमें भाग लेना सुनिश्चित करें।
आज की इस समन्वय कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), आपदा प्रबंधन से जुड़ी विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों, सशस्त्र सेना, भारत-तिब्बत सीमा सुरक्षा बल सहित प्रदेश स्तर पर गठित आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विभिन्न अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।
उपायुक्त वीसी कक्ष में अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी डॉ. मदन कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद्र, उपमंडलाधिकारी (ना.) सदर रूपिंदर कौर सहित प्राधिकरण से जुड़े सभी अधिकारी एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।
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मानसून 2025 की तैयारियों को लेकर मंडी में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक सम्पन्न
सभी विभागों को समय रहते आपदा प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश, अर्ली वार्निंग सिस्टम होगा मजबूत
मंडी, 28 मई। दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 की संभावित परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जिला मंडी में आज जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए ) की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मंडी एवं प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने की। बैठक में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, उपमंडल अधिकारी, पुलिस, स्वास्थ्य, जल शक्ति, लोक निर्माण, नगर निकाय, विद्युत बोर्ड, शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक का उद्देश्य मानसून से पूर्व सभी विभागों की तैयारियों की समीक्षा करना तथा संभावित आपात स्थिति से प्रभावी एवं समयबद्ध तरीके से निपटने की योजना बनाना था। उपायुक्त ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए ताकि संभावित आपदा की स्थिति में शीघ्र, समुचित एवं समन्वित प्रतिक्रिया दी जा सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क और तैयार है।
उपायुक्त ने बताया कि मानसून के दौरान जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु अर्ली वार्निंग सिस्टम को सुदृढ़ किया जाएगा। साथ ही बिजली, पानी एवं सड़कों की स्थिति की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से समय पर जनता तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट की स्थिति में विशेष सावधानी बरतने तथा मशीनरी और मानव बल की तैनाती पहले से करने के निर्देश दिए।
बैठक में एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग को एनएच-21 कीरतपुर-मनाली, एनएच-70 हमीरपुर-मंडी, एनएच-154 सहित अन्य मुख्य सड़कों को मानसून के दौरान 24 घंटे खुला रखने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय रहते पूरी करने को कहा गया।
एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि बरसात के दौरान 9 मील और 6 मील पर मशीनरी तैनात रहेगी तथा मंडी-धर्मपुर मार्ग पर आपात स्थिति में आधे घंटे के भीतर मशीनरी मौके पर पहुंच जाएगी। अधिकारियों ने इस दौरान बताया कि इस मार्ग पर किसी भी मकान के लिए मानसून से पहले डंगा लगाने की तत्कालिक आवश्यकता है तो मकान मालिक वह डंगा खुद लगा सकता है। इसके लिए मटेरियल और लेबर चार्ज नियमानुसार एनएचएआई द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बरसात में एनएचएआई का पूरा ध्यान सड़क निर्माण का न होकर सुरक्षा पर रहेगा।
*नालियों और डंपिंग साइट्स की करें सफाई
लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई को सड़कों की नालियों और डंपिंग साइट्स की सफाई मानसून से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए गए ताकि जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो।
*डैम प्रबंधन पानी छोड़ने की सूचना समय पर दे
पंडोह और लारजी डैम के अधिकारियों को मानसून से पूर्व जलाशयों में जमा गाद की सफाई करने और बादल फटने की स्थिति में पानी को कुछ समय के लिए रोककर नीचे रहने वाले लोगों को सतर्क करने के निर्देश दिए गए।
*संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और संसाधनों की तैनाती
पिछले अनुभवों के आधार पर संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां आवश्यक संसाधनों एवं मशीनरी की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। सभी उपमंडल अधिकारियों को ऐसे क्षेत्रों की सूची शीघ्र तैयार कर साझा करने को कहा गया।
*1 जुलाई से 24 घंटे कार्यशील होंगे नियंत्रण कक्ष
जिले के सभी उपमंडलों में नियंत्रण कक्ष 1 जुलाई से 24 घंटे कार्यशील रहेंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति में शीघ्रता से कार्रवाई की जा सके।
*15 जून से पहले कर लें आवश्यक वस्तुओं का भंडारण
स्वास्थ्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों को निर्देश दिए गए कि 15 जून से पहले संवेदनशील क्षेत्रों में जीवन रक्षक दवाइयों, खाद्यान्न और ईंधन का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करें।
*असुरक्षित भवनों में न लगाएं कक्षाएं
शिक्षा विभाग को मानसून के दौरान विद्यार्थियों की सुरक्षा हेतु सभी जरूरी कदम उठाने और असुरक्षित भवनों में कक्षाएं न लगाने के निर्देश दिए गए ।
*जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा
जनता को मानसून के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति जागरूक करने हेतु क्या करें और क्या न करें विषय पर जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
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