चंडीगढ़, 13 मई: पंजाब में जहरीली शराब पीने की घटनाएं गरीब परिवारों पर कहर बरपाती रहती हैं, लेकिन सरकारें जल्दबाजी में ऐसे गंभीर मामलों को जांच का विषय बताकर अपना पल्ला झाड़ लेती हैं और इन जघन्य अपराधों के पीछे का मास्टरमाइंड कभी पकड़ा नहीं जाता। अमृतसर की घटना से पहले भी पंजाब में कई जगहों पर ऐसी घटनाएं हुई थीं, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार से इनके नतीजे जनता के सामने रखने की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में पिछले साल जहरीली शराब की घटना हुई थी, लेकिन असली दोषियों को अभी तक नहीं पकड़ा गया है। पिछले साल संगरूर जिले में जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गई थी। विशेष जांच दल का गठन किया गया था। सरकार ने जहरीली शराब के आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। कथित मास्टरमाइंड के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इसी तरह की घटना 2020 में हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर जिलों में 121 मौतें हुई थीं। इसलिए असली दोषियों को अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। उन्होंने कहा कि पंजाब में नकली शराब के सेवन की समस्या ने वास्तव में कई परिवारों के लिए विनाशकारी परिणाम पैदा किए हैं। भाजपा नेता सरदार कैंथ ने कहा कि अमृतसर में नकली शराब के सेवन से 17 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए और नकली शराब माफिया, जो राजनीतिक संरक्षण के बिना काम नहीं कर सकता और जो समूह अपने फायदे के लिए लोगों को नकली शराब का सेवन करवा रहा है, उसका पर्दाफाश किया जाना चाहिए।