HISAR, 03.11.24-यह एक कड़वा सत्य है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर कहा गया क्योंकि जब ऐन मौके पर मुलायम सिंह यादव ने श्रीमती सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर एतराज करते हुए समर्थन वापस लेने की चेतावनी दे डाली थी, तब तुरत फुरत मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बना दिया गया था । इस पर हास्य व्यंग्य कवि मंचों पर कहते थे कि यह ऐसी सरकार है कि यदि चल गयी तो सोनिया की और यदि फेल हो गयी तो सरदार की ! इसका सीधा सीधा व्यंग्य यह था कि असफलता का ठीकरा मनमोहन सिंह के सिर पर पर और सफलता का श्रेय सोनिया गांधी को मिलेगा और ऐसे कुछ अवसर आये भी !
अब हरियाणा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राजस्थान से राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने फिर एक बार इसे हवा देते हुए भाजपा की ओर से दूसरी बार बने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इसी तर्ज पर एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री कह डाला तो राजनीति में हड़कंप मच गया ! भाजपा नेता ओमप्रकाश धनखड़ ने कड़ी प्रतिक्रिया देते कहा कि रणदीप सुरजेवाला इस बहाने कांग्रेस की ही भूल की ओर ध्यान दिला रहे हैं क्योंकि मनमोहन सिंह को एक्सीडेंटल पीएम कहा गया था और अनुपम खेर ने इसी नाम से फिल्म भी बना डाली थी, जैसे अभी कंगना रानौत ने इमरजेंसी फिल्म बना दी है ! हालांकि पहले भी आंधी फिल्म श्रीमती इंदिरा गांधी की ही छवि को सामने लाई थी, जो कमलेश्वर के उपन्यास काली आंधी पर आधारित थी ! एक अन्य भाजपा नेता ने कहा, कि नायब सिंह सैनी एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री नहीं बल्कि एक्सीलेंट मुख्यमंत्री हैं ! वैसे देखा जाये तो राजीव गांधी भी एक्सीडेंटल पीएम कहे जा सकते हैं, जब आधी रात को तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने विदेश से लौटते ही पीएम की शपथ दिला दी थी जबकि वे और श्रीमती सोनिया अपनी मस्त ज़िंदगी में ही बहुत खुश थे लेकिन होनी बलवान थी ! मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधार लाने में एक अर्थशास्त्री होने का पूरा असर दिखाया जबकि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हे मौनमोहन सिंह कहते रहे जबकि वे अब खुद मीडिया के सामने मौन ही धारण किये रहते हैं, कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते । हां, अपने मन की बात जरूर करते हैं आकाशवाणी पर !
खैर रणदीप सुरजेवाला ने एक नयी व रोचक बहस छेड़ दी है हरियाणा में कि एक्सीडेंटल या एक्सीलेंट मुख्यमंत्री हैं नायब सिंह सैनी ?
कुंवर बेचैन कह गये हैं :
मेरी कोशिश है कि उससे कुछ ऐसे बोलूं
लफ़्ज़ निकले न कोई बात अधूरी न रहे
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।
9416047075