राष्ट्रीय पोषण अभियान के अंतर्गत पौधारोपण कर डीसी एसपी ने किया पोषण माह का शुभारंभ
डीसी बिलासपुर ने वन स्टॉप सेंटर का किया निरीक्षण
बिलासपुर 31अगस्त 2024-जिला बिलासपुर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता विभाग के तहत उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक और एसपी बिलासपुर संदीप धवन ने जिला कल्याण भवन के प्रांगण में पौधारोपण कर राष्ट्रीय पोषण अभियान और एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान जिला सहित सभी 1111 आंगनबाड़ी केंद्रों में एक बूटा लगा कर पोषण माह का विधिवत रूप से शुभारम्भ किया गया।
पौधारोपण के उपरांत उपयुक्त बिलासपुर में बताया कि जिला आज में 30 सितम्बर 2024 तक पोषण माह के रूप में में मनाया जायगा।
उन्होंने बताया कि पोषण अभियान के तहत किशोरों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वस्थ खानपान सहित खानपान में स्थानीय उत्पादों को शामिल करने के लिए जागरूक किया जाएगा और पोषण संबंधी परिणामों में सुधार लाने के का प्रयास किया जाएगा।
पोषण माह के दौरान अलग-अलग गतिविधियों के जरिए पोषण पर जागरूकता बढ़ाई जाएगी। पोषण माह में एनीमिया प्रबंधन पर जोर होगा। साथ ही ग्रोथ मॉनिटरिंग के माध्यम से विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसमें 0-6 वर्ष के सभी बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिंग की जाएगी। जिला में 30 सितंबर तक एनीमिया प्रबंधन पर परीक्षण, उपचार, परामर्श और चर्चा, अनुपूरक आहार, ग्रोथ मोनिटरिंग स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्धा, पोषण भी पढ़ाई भी गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जाएगी ।
इसके अलावा, आंगनबाडी केन्द्रों में या उसके निकट पोषक उद्यानों या पोषण बाटिका के लिए भी भूमि की पहचान की जाएगी। आंगनबाडी केन्द्रों पर महिलाओं के बीच वर्षा जल संरक्षण के महत्व और स्वस्थ मां और बच्चे के लिए पारंपरिक खाद्य पदार्थों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा और जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल सहित विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए बरतें सावधानियां —सीएमओ
बिलासपुर जिला में अब तक मलेरिया का एक भी मामला नहीं
बिलासपुर 31 अगस्त 2024-मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार ने जिला वासियों से बरसात के दौरान डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील की हैं। उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर में अब तक डेंगू और मलेरिया का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। मगर बरसात में डेंगू और मलेरिया के फैलने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में उच्च जोखिम वाले जगह परलगातार फागिंग की जा रही है। ताकि डेंगू और मलेरिया की फैलने की संभावनाओं को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचने के लिए घर के आसपास की नालियों गमलों खाली पड़े बर्तनों कूलर की जालियों फ्रिज और एसी की सफाई की जाए क्योंकि साफ पानी में ही डेंगू और मलेरिया का मच्छर पनपता है। गंदे पानी में दवा व काले तेल का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे मच्छर का लारवा पैदा होने से पहले ही नष्ट हो जाए।
उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान हवा में नमी बढ़ जाती है। नालियों, बगीचों व छतों पर पानी का जमाव हो जाता है। इसमें मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छरों के पनपने के लिए माहौल अनुकूल हो जाता है। जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने तक मच्छर का प्रसार तेजी से होता है।
उन्होंने बताया कि मलेरिया एक तेज बुखार वाली संक्रामक बीमारी है जो एक सूक्ष्म जीव मलेरिया पैरासाईट द्वारा होती है जिसे एनाफ्लीज मादा मच्छर एक मलेरिया रोगी से ग्रहण करके अन्य स्वस्थ व्यक्तियों तक पहुंचाती है। मलेरिया का संक्रमण किसी भी आयु एंव लिंग के व्यक्ति को हो सकता है। उन्होंने मलेरिया के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया की तीन अवस्थाएं होती है शीत वाली अवस्था तेज सर्दी, शरीर में कंपकंपी, सिर में दर्द, खूब कपड़े ओढ़ना गर्मी वाली अवस्था-तेज बुखार, ओढे व पहने हुए कपड़े उतार फेंकना,पसीने वाली अवस्था अधिक पसीने के साथ बुखार उतरना व कमजोरी महसूस होना,मलेरिया की जांच कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है, किसी भी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य उपकेन्द्र या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के दौरे पर जांच के लिए रक्त पटिका की सूक्ष्म दर्शी द्वारा जांच पर मलेरिया की पुष्टि होने पर मूल उपचार मुफ्त दिया जाता है। मलेरिया के लिए खून की जांच व उपचार निःशुल्क किए जाते हैं।
डेंगू व मलेरिया पर नियंत्रण के लिए ये उपाय अवश्य करें
मच्छर हमेशा खडे पानी में अण्डे देता है इस लिए खुले तौर पर कभी भी पानी खडा न होने दिया जाए, जहां कहीं पानी स्टोर किया जाए उसे भली प्रकार ढक कर रखें ताकि मच्छर प्रवेश न कर सके,घरों के आस-पास गढ़ढों को भर दें और नालियों की सफाई बनाए रखें ताकि पानी का ठहराव सम्भव न हो,सप्ताह में एक बार सूखा दिवस मनाएं, कूलरों, गमलों, और डिब्बों का पानी निकाल कर इन्हें सूखा दें। गमलों, मनी प्लांट आदि के पौधों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें,खुले में पड़े पुराने बर्तनों, टायरों, ट्यूवों आदि में पानी न भरनें दें उनको सही जगह रखें, कुलरों को सप्ताह में दोबारा पानी भरने से पहले इन्हें अच्छी तरह पोंछ व सूखा कर ही पानी डालें, सोते समय कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग करें, शरीर के नंगे भागों जैसे हाथ, पैर, मुंह पर मच्छर भगाने वाली कीम का प्रयोग करें, घर के दरवाजों और खिडकियों में जालीदार पल्ले लगवाएं, पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे पहने।
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एचपीएमवी नियम के अंतर्गत स्कूल वाहनों की सूची आरटीओ ऑफिस के साथ करें सांझा
बिलासपुर 31 अगस्त 2024-आरटीओ बिलासपुर राजेश कुमार कौशल ने सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के अधिकारियों को एचपीएमवी नियम, 1999 के नियम 73ए के कार्यान्वयन के संबंध में
5 दिनों के भीतर अपने शैक्षणिक संस्थानों के वाहनों की जानकारी सांझा करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि सभी स्कूल बसों के परमिट की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि एचपीएमवी नियम, 1999 के नियम 73ए के कार्यान्वयन के संबंध में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय में स्कूल का नाम, बस का नंबर, परमिट की वैलिडिटी, बस के चालक का नाम सहित लाइसेंस की वैलिडिटी की जानकारी पत्राचार के माध्यम से सांझा करें।
उन्होंने बताया कि जिले में स्थित शैक्षणिक संस्थान छात्रों को लाने और ले जाने के लिए प्रयुक्त वाहन के लिए हिमाचल प्रदेश मोटर नियम 1999 के तहत नियम 73 ए की अनुपालना सुनिश्चित करें ताकि छात्रों के जीवन रक्षा और सुरक्षा नियमों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सके।
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स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को एड्स के प्रति किया सचेत
बिलासपुर 31अगस्त 2024-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला विलासपुर के
सौजन्य से हिमाचल प्रदेश एड्स नियंत्रण समिति के माध्यम से जिला के शनिवार को अलग अलग स्थानों पर लोगो को एड्स के प्रति जागरूक किया जा रहा है। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी डा० तेहसीन ने दी।
उन्होंने बताया कि शनिवार को बरमाना में इंटीग्रेटेड हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया। कैंप में बतौर मुख्य अतिथि अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर डॉ निधि पटेल ने शिरकत की।
इसके अतिरिक्त सीनियर सेकेंडरी स्कूल दघोल में एचआईवी और एड्स के प्रति स्कूली छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए भाषण प्रतियोगिता और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आई टी आई बरठी में रेड रिबन क्लब के सोजन्य से संस्थान के समस्त प्रशिक्षणार्थियो को जागरूक करने के लिए एचआईवी एड्स पर विशेषज्ञ के द्वारा लेक्चर का आयोजन किया गया।
अतिरिक्त उपायुक्त ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि
एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक कमता घटने लगती है। एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक सभव नही हो सका हैं। एच आई वी सकमित व्यक्ति में एडस की पहचान संभावित लक्षणो के दिखने के पश्चात ही हो पाती है । एच आई वी को रोकने का एकमात्र तरीका लोगो को इस बारे में जागरूक करना है।
एड्स क्या है?
एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम) एक गंभीर बीमारी है, जो एचआईवी वायरस के कारण होती है। यह आपके शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली को भारी नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण किसी भी व्यक्ति के संक्रमण से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है। एचआईवी इंफेक्शन का अंतिम चरण एड्स होता है। एचआईवी पॉजिटिव होने का मतलब हमेशा यह नहीं होता है कि आपको एड्स है, लेकिन एड्स होने का मतलब जरूर होता है कि आप एचआईवी पॉजिटिव है।
एड्स एचआईवी पॉजिटिव के लक्षण क्या है?
क्या आपको पता है, एचआईवी के लक्षण कितने दिन में दिखते हैं? ज्यादातर मामलों में एचआईवी एड्स में कम समय के लिए फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव होता है, जो संक्रमण होने के 2-6 सप्ताह में दिखते हैं। उसके बाद यह भी हो सकता है कि कई सालों तक कोई लक्षण न दिखे। यह पाया गया है कि एचआईवी संक्रमित 80 प्रतिशत लोगों में फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं। बुखार, ठंड लगना, गले में खरास, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर चकत्ते होना, रात को पसीना आना, थकान होना, ज्वाइंट पेन, ग्रंथियों में सूजन लक्षण डेलने को मिलते है।
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बिलासपुर जिला में पंचायती राज संस्थाओं में रिक्त हुए पदों के लिए उप-चुनाव 29 सितम्बर को
बिलासपुर 31 अगस्त- बिलासपुर जिला में पंचायती राज संस्थाओं में रिक्त हुए पदों के लिए उप-चुनाव 29 सितम्बर को होगा। यह जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी, पंचायत एवं उपायुक्त आविद हुसैन सादिक ने दी ।
उन्होंने बताया कि सदर विकास खंड की ग्राम पंचायत पंजगाई, ग्राम पंचायत नम्होल, ग्राम पंचायत धौन कोठी तथा विकास खंड घुमारवीं की ग्राम पंचायत पलांसलां, ग्राम पंचायत सलांव उपरली, ग्राम पंचायत हटवाड़, ग्राम पंचायत बम्म तथा खण्ड विकास झण्डुता की ग्राम पंचायत मलांगन, ग्राम पंचायत गेहड़वी, ग्राम पंचायत बलघाड़, में उपचुनाव होगें।
उन्होने बताया कि उप-चुनाव के लिए 11,12 तथा 13 सितम्बर को सुबह 11 बजे से सायं 3 बजे तक नामांकन पत्र दाखिल किए जायेंगे। 16 सितम्बर को प्रातः 10 बजे से नामांकन पत्रों की छंटनी की जायेगी जबकि 18 सितम्बर को सुबह 10 से सायं 3 बजे तक नाम वापिस लिए जायेंगे। इसके तुरन्त बाद चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए जायेंगे। उन्होने बताया कि 11 सितम्बर तक मतदान केंद्रों की सूची प्रकाशित कर दी जायेगी। यदि आवश्यक हुआ तो 29 सितम्बर को सुबह 8 बजे से सायं 4 बजे तक मतदान करवाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के सदस्यों, उप-प्रधान और प्रधान के पदों के लिए वोटों की गिनती मतदान की तारीख को मतदान समाप्ति के तुरंत बाद ग्राम पंचायत मुख्यालय पर की जाएगी। जिला परिषद सदस्यों के लिए वोटों की गिनती 30 सितम्बर को संबंधित विकास खंड मुख्यालय पर की जाएगी। मतगणना सुबह 9 बजे शुरू होगी और पूरी होने तक जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के सदस्यों, उप-प्रधान और प्रधान के चुनाव का परिणाम मतगणना समाप्त होने के तुरंत बाद घोषित किया जाएगा। जिला परिषद के चुनावों का परिणाम हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (चुनाव) नियम, 1994 के नियम 75(अप) में निहित प्रावधानों के अनुसार घोषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 30 सितम्बर को चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होगी।
उन्होंने बताया कि संबंधित पंचायत क्षेत्र में चुनाव आचार संहिता तुरंत प्रभाव से लागू हो गयी है।