वनों की आग पर नियंत्रण पाने के लिए जन सहभागिता नितांत आवश्यक: डीसी

धर्मशाला, 15 जून। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि वन हमारी अमूल्य सम्पदा है जिसकी सुरक्षा करना हमारा कर्त्व्य है। वनों में लगने वाली आग पर नियंत्रण पाने के लिए जन सहभागिता और लोगों को जागरूक करना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को वनों में आग लगने पर उसे बुझाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने आग्रह किया कि जंगल में धुंआ या आग की जानकारी मिलने पर निकटतम वन विभाग कार्यालय या आपातकालीन सेवाओं के टोल-फ्री नम्बर-1077 सूचना अवश्य दें।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से वनों की आग की घटनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि आमजन को वनों की आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों और अग्निशमन के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए।
उन्होंने लोगों से अवैध रूप से जंगल में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों के बारे में जानकारी हिमाचल प्रदेश वन विभाग और कानून प्रवर्तन एंजेंसी को देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारण बनने वाली गतिविधियों जैसे वन क्षेत्रों में कैंप फायर, आतिशबाजी तथा किसी भी तरह से भी झाड़ियां इत्यादि हटाने के लिए आग इत्यादि नहीं लगाएं।

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डीसी ने सभी क्षेत्रों में पेयजल की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
बोले, जल जनित रोगों से बचाव के लिए पेयजल के सेंपल की भी करें जांच
पेयजल की कमी वाले क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति हो सुनिश्चित
धर्मशाला, 15 जून। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में सभी क्षेत्रों में पेयजल की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं।
इस बाबत शनिवार को धर्मशाला में वर्चुअल माध्यम से जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ पेयजल आपूर्ति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भीषण गर्मी के कारण पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं वहां पर टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी स्तर पर लोगों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़े।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जिला के भी क्षेत्रों की पेयजल योजनाओ के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली तथा जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के दिशा निर्देश दिए गए इसके साथ ही उपमंडलाधिकारियों को पेयजल आपूर्ति को लेकर नियमित तौर पर उपमंडल स्तर पर भी बैठकें आयोजित करने के लिए कहा है ताकि किसी भी क्षेत्र में पेयजल की कमी नहीं रहे। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पेयजल की रेंडल सेंपल लेने के लिए भी कहा गया है ताकि जल जनित रोगों से बचाव हो सके। उन्होंने कहा कि गर्मी तथा बरसात के मौसम में जल जनित रोगों की संभावना रहती है इसके चलते ही कांगड़ा जिला में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 30 मई तक डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा भी मनाया जा रहा है जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर बच्चों की डायरिया से संबंधित जांच करेंगी तथा दवाइयां भी उपलब्ध करवाएंगी।
बैठक में एडीएम डा हरीश गज्जू, जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के सूद सहित वर्चुअल माध्यम से विभिन्न उपमंडलों के एसडीएम तथा आईपीएच विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।