*1 मई को सुबह 11 बजे कुरूक्षेत्र में अपना नामांकन करेंगे अभय सिंह चौटाला

*वोट लेने के लिए एक खेत में लामणी और दूसरा मंडी में पल्लेदारी कर रहा है: अभय सिंह चौटाला

*अगर ये दोनो सही में किसान हितैषी हैं तो एक पूरा दिन मेरे साथ खेत में गेहूं काटने में लगा दो, इनका रंग रूप भाषा सब कुछ बदल जाएगा और छोड़ कर भाग जाएंगे

*मोदी की सारी गारंटियां फेल, अब तो मोदी की सिर्फ महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और पूंजीपतियों को अमीर करने की गारंटी है

*गांव के लोगों से कहा - अपने और पराए की पहचान करो, जिंदल और गुप्ता ने नहीं मंैने किसानों की लड़ाई लड़ी और किए गए वादे के अनुसार विधायक पद से इस्तीफा दिया

कुरूक्षेत्र, 20 अप्रैल। इनेलो के लोकसभा उम्मीदवार अभय सिंह चौटाला ने शनिवार को पेहवा हलका के दर्जन भर गांवों के दौरे किए और जनसभाओं को संबोधित इनेलो के पक्ष में वोट डालने की अपील की। सभी गांवों में पहुंचने पर लोगों ने इनेलो नेता का जोरदार स्वागत किया।
अपने संबोधन में अभय सिंह चौटाला ने कहा कि मोदी ने तीन बड़े वादे किए थे पहला कांग्रेस वाले जो काला धन विदेशों में ले गए थे उसे वापिस लाएंगे और 15 लाख रूपए सभी के खाते में डलवांएगे। दूसरा वादा किया किसान के साथ कि एमएसपी का कानून बनाएंगे और स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करेंगे और 2022 तक फसलों के दाम दोगुना कर देंगे। तीसरा वादा देश के युवाओं से किया था कि हर साल 2 करोड़ नौकरी देंगे। आज तक न तो 15 लाख रूपए किसी के खाते में आए, न ही एमएसपी पर कानून बना और न ही दस साल में जो 20 करोड़ बच्चों को नौकरी देनी थी वो दी। आज बेरोजगारी का आलम यह हैं कि हर गांव से सैंकड़ों की तादाद में युवा अपने माता-पिता को जमीन बेचने पर मजबूर करते हैं और उसको बेच कर विदेश जा रहे हैं। सारसा गांव में लोगों ने बताया कि उनके गांव से 700 युवा विदेश जा चुके हैं। मोदी की सारी गारंटियां फेल हो गई। अब तो मोदी की सिर्फ महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और पूंजीपतियों को अमीर करने की गारंटी है। अब अगर गलती से इनका राज फिर से बन गया तो ये देश का संविधान बदल देंगे।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि गारंटी तो चौ. देवीलाल की थी। जहां मोदी ने एक भी वादा पूरा नहीं किया वहीं इस देश में अगर किसी ने अपने वादे पूरे किए तो वो चौ. देवीलाल थे। चौ. देवीलाल ने सौ रूपए पेंशन देने का वादा किया था और बुजुर्गों का ऐसा इंतजाम कर दिया कि वो सौ रूपए वाली पेंशन आज तीन हजार रूपए हो गई जो हर साल बढ़ेगी जिसे कोई काट नहीं सकता। चौ. देवीलाल ने वादा किया था कि किसान और कमेरे के दस हजार तक के कर्जे माफ करेंगे, गरीब की कन्या की शादी में 51 सौ रूपए कन्यादान देंगे और मुख्यमंत्री बनते ही पहली कलम से सभी वादे पूरे किए।
उन्होंने कहा कि चार सौ पार की बात करने वाली भाजपा ने उम्मीदवार तो उधार के ला रखे हैं। कुरूक्षेत्र में जो उम्मीदवार लाए हैं, वो दस साल पहले ही कुरूक्षेत्र को यह कह कर छोड़ गया था कि अब वो कभी चुनाव नहीं लड़ेगा। लेकिन मोदी ने पहले उसे कोयला चोर बताया फिर ईडी का डर दिखा कर उस से चंदा लिया अब उस को वाशिंग मशीन में धो कर लाए हैं। भाजपा अब इसको जबरदस्ती चुनाव लड़वा रही है। भाजपा मे जाने के बाद अब ये चोर नहीं रहा, कोहिनूर बन गया। और अब वोट लेने के लिए हजारों करोड़ रूपए का पूंजीपति अनाज मंडी में गेहूं की बोरी ढोता फिर रहा है। वहीं सुशील गुप्ता जो नवीन जिंदल की तरह हजारों करोड़ रूपए का पूंजीपति है और वो आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार है। सुशील गुप्ता भी वोट लेने के लिए खेतों में गेहूं काटता फिर रहा है। किसान आंदोलन में जब पीपली में किसानों पर बीजेपी ने लाठीचार्ज करवाया था तब क्या सुशील गुप्ता और नवीन जिंदल में से कोई आया था? सुशील गुप्ता ने हरियाणा की जीवन रेखा एसवाईएल पर एक शब्द भी नहीं कह रहा। उलटा सुप्रीम कोर्ट के एसवाईएल पर हरियाणा के पक्ष में आदेशों के बाद भी पंजाब का आम आदमी पार्टी का सीएम कहता है कि वो एक बूंद भी पानी नहीं देंगे। जो हमारे हक का पानी नहीं देंगे क्या उसे वोट दे दोगे? वोट लेने के लिए एक खेत में लामणी और दूसरा मंडी में पल्लेदारी करता फिर रहा है। अभय सिंह ने सुशील गुप्ता और नवीन जिंदल के बारे में कहा कि अगर ये दोनो सही में किसान हितैषी हैं तो एक पूरा दिन मेरे साथ खेत में गेहूं काटने में लगा दो, इनका रंग रूप भाषा सब कुछ बदल जाएगा और छोड़ कर भाग जाओगे। अभय सिंह चौटाला ने सारसा गांव में कहा कि वे 1 मई को सुबह 11 बजे कुरूक्षेत्र में नामांकन करेंगे जिस पर गांव के लोगों ने हजारों की संख्या में नामांकन भरवाने के लिए पहुंचने की हामी भरी।
अभय सिंह चौटाला ने गांव के लोगों से कहा कि अपने और पराए की पहचान करो। मंैने भी किसानों की लड़ाई लड़ी और किए गए वादे के अनुसार विधायक पद से इस्तीफा दिया। इस देश में 5 हजार से उपर विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा सदस्य हैं लेकिन सभी पीठ दिखा गए। सबसे मौकापरस्त कांग्रेस रही जिसके नेताओं ने तो केवल अखबारों में बयान दिए और कुछ नहीं किया।