असंध, 27.02.24- महापुरुषों और क्रांतिकारियों को जातीय सीमाओं में बांधना उनका अपमान करने वाला कृत्य है। महर्षि वाल्मीकि, महाराजा अग्रसेन, बाबा नानक, संत रविदास या वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप सरीखे महापुरुष यदि आज साक्षात हमारे सामने प्रकट हो जाएं तो वह स्वयं को किसी एक जाति या पंथ से जोड़े जाने का मुखर विरोध करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने यह बात असंध विधानसभा क्षेत्र के जयसिंहपुरा, पाढा और भांबरहेडी गांव में गुरु रविदास जयंती के उपलक्ष में आयोजित अलग अलग कार्यक्रमों में कही। उन्होंने कहा कि दिव्य विभूतियों की जयंती और पुण्यतिथि उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेने के दिन होते हैं। उनकी याद में लंगर, भंडारा और सत्संग करना पर्याप्त नहीं होगा। महापुरुषों के दिखाई रास्ते पर चलने का संकल्प भी लेना पड़ेगा।

डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि दुर्भाग्य से देश की नई पीढ़ी का महापुरुषों के जीवन और सिद्धांतों से परिचय कराए जाने के लिए इन पवित्र तिथियां का सदुपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं का आवाहन किया कि वे ' मन चंगा तो कठौती में गंगा' जैसा स्पष्ट और उन्नत विचार देने वाले संत रविदास की वाणी के साथ खुद को जोड़ें। डॉ. चौहान ने कहा कि श्री गुरु रविदास का प्रकाश पर्व मनाना तभी सार्थक होगा जब हम सामाजिक कुरीतियों और मानसिक गुलामी के विरुद्ध सीधा जंग छेड़ने का साहस कर सके।

पाढ़ा रविदास जयंती समारोह में डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व देशभर के मंदिरों की सफाई का जो सिलसिला शुरू किया था, वह थमना नहीं चाहिए। गांव का रविदास मंदिर स्वच्छता के मामले में ऐसा आदर्श कायम करें अन्य गांव के लोग इसका उदाहरण दिया करें। कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं ने एक स्वर में इस विचार का समर्थन किया।

जयसिंहपुरा के कार्यक्रम में ब्लॉक समिति सदस्य डॉ संदीप, जोगिंदर, रोहतास, गुलाब, शमशेर, संदीप, प्रताप, गज सिंह, महेंद्र सिंह, अजय सिंह, कपिल, रामकुमार, सुरेश, अंकुश व अभिषेक आदि उपस्थित रहे।

पाढ़ा में रोहतास, पालेराम, जय भगवान, सुरेश, महेंद्र, सुखबीर, ओम प्रकाश, जयवीर, सुखदेव, आदि ने डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान का स्वागत व अभिनंदन किया।

भांबरहेड़ी कार्यक्रम में बिट्टू शनि मंदिर, रोहतास, रिंकू, परवीन, धनपत सरपंच, कालू, धर्मवीर, करण सिंह, हरनाम सिंह, सोहन लाल, प्रदीप, मलखान सिंह, सतबीर सिंह आदि मौजूद रहे।